पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में तक़रीबन एक महीने के आंदोलन के बाद बलोच महिलाओं ने बीते 22 जनवरी को इसे समाप्त कर दिया. महिलाओं ने पाकिस्तान सरकार पर उनके ख़िलाफ़ अत्याचार करने के आरोप लगाए हैं. इनके अनुसार, वे समाधान की तलाश में इस्लामाबाद आए थे, लेकिन इस्लामाबाद ने उनके ख़िलाफ़ हिंसा का एक और अध्याय जोड़ दिया.
उत्तर प्रदेश विधानसभा प्रशासन के एक फैसले में कहा गया है कि जिस सेंट्रल हॉल से पत्रकार दशकों तक सदन की कार्यवाही की कवरेज करते आए हैं, उन्हें अब वहां प्रवेश नहीं मिलेगा. पत्रकारों का कहना है कि इससे उनकी मंत्रियों, विधायकों तक पहुंच ख़त्म होगी और उन्हें केवल सरकारी विज्ञप्ति से ही ख़बरें लिखनी पड़ेंगी.
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित केंद्रीय भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं पर लागू होता है. सभी केंद्रीय मंत्रालय और विभाग, साथ ही उनके भर्ती कार्यालय भी नए क़ानून के पारित होने पर उसके दायरे में आएंगे.
एक दिशानिर्देश में चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव अभियानों में बच्चों के इस्तेमाल के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस (शून्य सहिष्णुता) की नीति है. इसके अनुसार, दलों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी रूप में चुनाव प्रचार में बच्चों का उपयोग न करें, जिसमें पोस्टर/पैम्फलेट का वितरण या नारेबाज़ी, रैलियों, चुनावी बैठकों आदि में भाग लेना शामिल है.
मई 2023 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा नियुक्त एक संयुक्त समिति की एक रिपोर्ट में वाराणसी में गंगा तट पर टेंट सिटी की स्थापना में ‘उल्लंघनों’ को उजागर किया गया है. एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पूछा कि वह यह बताएंगे कि नदी तल/तट पर कंक्रीट संरचनाएं क्यों खड़ी की गईं, जो प्रतिबंधित हैं.
राज्यसभा में भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991 संविधान के तहत हिंदुओं, सिखों, बौद्धों और जैनियों के धार्मिक अधिकारों को छीन लेता है. इससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र को भी नुकसान पहुंच रहा है. इसलिए मैं सरकार से राष्ट्रहित में इस क़ानून को तुरंत रद्द करने का आग्रह करता हूं.
एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जब 1925 में आरएसएस का गठन हुआ था, तब कोई नहीं जानता था कि असली एजेंडा क्या है. सभी को बताया गया कि इसका गठन हिंदुओं को एक छत के नीचे एकजुट करने के इरादे से किया गया था. रामजन्मभूमि जैसे मुद्दे हमारे पर्याप्त ताक़त हासिल करने के बाद ही सामने आए.
28 जनवरी को केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने बंगाल में कहा था कि एक सप्ताह में पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया जाएगा. अब इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि वे कहना चाहते थे कि सीएए के नियम बनाने की प्रक्रिया सप्ताह भर में पूरी हो जाएगी, पर उनकी ज़बान फिसल गई.
मामला पश्चिम चंपारण ज़िले के बगहा-1 प्रखंड के बांसगांव परसौनी स्थित मध्य विद्यालय का है. आरोप है कि बच्चों को जो खाना दिया गया, उसमें केरोसिन की बू आ रही थी.
अमेरिकी अभियोजकों ने अमेरिकी नागरिक और खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश के मामले में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को आरोपी बनाते हुए चेक गणराज्य को प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा है. बीते महीने चेक हाईकोर्ट गुप्ता की अपील ख़ारिज करते हुए प्रत्यर्पण की इजाज़त दे चुका है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव जीतने के दौरान सदन में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब भाजपा राजनीतिक रूप से कुछ करने में सक्षम नहीं होती है, तो पीछे का दरवाजा लेती है और अपने प्रतिद्वंद्वी की पीठ पर हमला करती हैं.
96 बरस वर्षीय लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न ऐसे समय दिया गया है, जब देश अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है और इसके केंद्र में नरेंद्र मोदी हैं. बेरहमी से दरकिनार किए जा गए अपने 'गुरु' को देश का सर्वोच्च सम्मान देकर नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है.
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने और घुटने की सर्जरी के चलते क़रीब डेढ़ साल तक कुश्ती से दूर रहने के बाद विनेश फोगाट प्रतिस्पर्धा में लौटीं हैं.
महाराष्ट्र स्टेट कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन और स्टेट इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा अजीत पवार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सरकार को एक सख़्त क़ानून पारित करने के लिए क़दम उठाना चाहिए जो ठेकेदारों के ख़िलाफ़ हिंसा को रोक सके.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अपनी 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि 31 दिसंबर 2022 तक सीबीआई की कुल स्वीकृत ताक़त 7,295 कर्मचारियों की थी, जिसके मुक़ाबले 5,600 अधिकारी पद पर थे और 1,695 पद ख़ाली थे. 31 दिसंबर 2020 तक सीबीआई में कर्मचारियों की कुल स्वीकृत संख्या 7,273 थी और उनमें से 1,374 पद ख़ाली थे.