मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने अपनी याचिका में कहा है कि सितंबर 2023 में उन्हें नज़रबंदी से रिहा कर दिया गया था. हालांकि अक्टूबर 2023 से उन्हें जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ का नेतृत्व करने की अनुमति नहीं दी गई है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने केंद्रशासित प्रशासन को इस संबंध में जवाब देने के लिए अंतिम अवसर दिया है.
नवीनतम जीएसटी विवाद ने केंद्रीकरण और क्षेत्रीय स्वायत्तता के बीच नाजुक संतुलन को उजागर किया है. कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के राजनीतिक दलों के नेता करों के हस्तांतरण में दक्षिणी राज्यों के साथ कथित अन्याय को लेकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र पर राज्यों के विकास में बाधा डालने का आरोप है.
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि संबंधित धनराशि ज़मीनी स्तर के प्रयासों से जुटाई गई थी, जिसमें युवा कांग्रेस और एनएसयूआई द्वारा क्राउड फंडिंग और सदस्यता अभियान शामिल थे. उन्होंने कहा कि यह घटनाक्रम लोकतंत्र की स्थिति के बारे में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाता है. क्या यह ख़तरे में है? हमारी उम्मीद अब न्यायपालिका पर है.
वीडियो: पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और एक भाजपा विधायक ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके दौरे के दौरान वहां तैनात सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को कथित तौर पर ‘खालिस्तानी’ कह दिया था. इस मामले को लेकर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
वीडियो: भाजपा को बड़ा झटका देते हुए बीते 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के कुलदीप कुमार को शहर के नगर निगम का वैध रूप से निर्वाचित मेयर घोषित कर दिया. इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी पर मत-पत्रों में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था.
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वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक अगस्त 2023 में क़ानून बन गया था. 1996 में अदालत के आदेश के अनुसार, कोई भी क्षेत्र जो जंगल के शब्दकोशीय अर्थ को पूरा करता है, उसे जंगल माना जाना चाहिए और 1980 के वन संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए, भले ही वह आधिकारिक तौर पर जंगल के रूप में दर्ज न हो.
लद्दाख की संवैधानिक सुरक्षा की मांग के लिए प्रमुख तौर पर अभियान चलाने वाले सोनम वांगचुक मंगलवार से अपनी मांगों के समर्थन में मृत्यु तक भूख हड़ताल शुरू करने वाले थे, जिसे टालते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के साथ नए दौर की बातचीत के बाद अस्थायी रूप से 'आमरण अनशन' की योजना रोक दी है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने कॉरपोरेट मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत के जंगलों को उन्हें सौंपने और पर्यावरण को प्रदूषित करना आसान बनाना चाहते थे. इसलिए सबसे पहले उन्होंने 2017 में नियमों को बदल दिया, ताकि उन परियोजनाओं को वैध बनाया जा सके, जिन्होंने वन मंज़ूरी का उल्लंघन किया था.
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके से रिपब्लिक बांग्ला समाचार चैनल के पत्रकार संतू पैन को बीते 19 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. पत्रकार पर एक स्थानीय महिला के घर में घुसने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. कोलकाता प्रेस क्लब ने भी उनकी गिरफ़्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की.
छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा राम वनगमन पथ परियोजना के क्रियान्वयन का मक़सद समाज में लोगों के बीच जातिगत और लैंगिक भूमिकाओं की जड़ों को और भी मज़बूत करना था. इसका क्रियान्वयन हिंदुत्व सांस्कृतिक साम्राज्यवाद के विस्तार के अलावा और कुछ भी नहीं था. असल में कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व एक धूर्ततापूर्ण नाम है.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 95 फीसदी मामले विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ दर्ज किए हैं, लेकिन सज़ा की दर सिर्फ़ 1 प्रतिशत है. इसका मतलब है कि ईडी का इस्तेमाल चरित्र हनन और विपक्ष की आवाज़ को कुचलने के लिए किया जा रहा है. सचिन पायलट ने देश में बेरोज़गारी को लेकर भी सरकार पर हमला बोला.
पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने संदेशखाली के दौरे के दौरान वहां तैनात सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को कथित तौर पर ‘खालिस्तानी’ कह दिया था. घटना के वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि ‘खालिस्तानी’ कहे जाने के बाद पुलिस अधिकारी ने भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं.
गुजरात सरकार ने विधानसभा में बताया कि गुजरात शिक्षा विभाग में प्रशासनिक अधिकारियों के 1,400 से अधिक पद दिसंबर 2023 तक खाली पड़े थे. अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक पटेल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा के तहत राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता तेज़ी से गिर रही है और यह अन्य राज्यों की तुलना में कहीं नहीं खड़ा है.
पुस्तक समीक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में पिछले 14 सालों से एडहॉक कोटे से पढ़ा रहे और अब बेदख़ल कर दिए गए डॉ. लक्ष्मण यादव की हाल ही में प्रकाशित किताब ‘प्रोफ़ेसर की डायरी’ एडहॉक व्यवस्था की क्रूरता का पर्दाफ़ाश करती है. इन व्यवस्था ने ऐसा वर्ग विभाजन पैदा किया है, जहां संभावनाशील और मेहनतकश प्रोफ़ेसरों को शोषण की अंतहीन चक्की में झोंक दिया जाता है.