गुजरात के महिसागर ज़िले का मामला. आरोप है कि भुगतान के हिसाब से खाने की मात्रा कम होने की शिकायत करने पर दलित व्यक्ति के साथ कथित उच्च जाति के होटल मालिक और मैनजर ने बुरी तरह से मारपीट किया था और जातिसूचक गालियां भी दी थीं. दोनों आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है.
पुस्तक समीक्षा: वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण प्रताप सिंह ‘डरते हुए’ शीर्षक वाले अपने काव्यसंग्रह के माध्यम से बिल्कुल अलग अंदाज़ में सामने हैं. उनकी कविताएं उनके उस पक्ष को अधिक ज़ोरदार ढंग से उजागर करती है, जो संभवत: पत्रकारीय लेखन या ‘तटस्थ’ दिखते रहने के पेशेवर आग्रहों के चलते कभी धुंधला दिखता रहा.
वर्ष 2017-18 के केंद्रीय बजट में रेलवे सुरक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष की स्थापना की गई थी, जिसमें 5 साल की अवधि के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान था. कैग रिपोर्ट बताती है कि 2017-18 से 2020-21 के बीच इसमें आवंटित धन पूरी तरह ख़र्च नहीं किया गया और बजट में भी कटौती की गई.
बीते मार्च महीने में गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें उसने गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी देने को कहा था. इसके अलावा अदालत ने केजरीवाल पर 25 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
लद्दाख के करगिल ज़िले में भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया है. हालांकि, जिन निर्वाचित पार्षदों के क्षेत्र में उक्त परियोजनाएं शुरू की गईं, उनके नाम शिलान्यास पट्टिकाओं पर न देकर नज़दीकी निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा पार्षदों के नाम लिखे गए हैं.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने द हिंदू अख़बार में प्रकाशित शैव मठ ‘तिरुववदुथुरई अधीनम’ के प्रधान पुजारी के एक इंटरव्यू का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस बात का कोई स्पष्ट दस्तावेज़ी सबूत नहीं है कि प्रधानमंत्री नेहरू को सौंपे जाने से पहले सेंगोल भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को दिया गया था.
कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि पिछली सरकार के समय राज्य में सैकड़ों एकड़ सरकारी ज़मीन आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े संगठनों के नाम पर ट्रांसफर की गई है. अब इन आवंटनों की समीक्षा की जाएगी.
मणिपुर में बीते महीने शुरू हुई हिंसा के दौरान थानों और सरकारी शस्त्रागारों से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद लूटे जाने की घटनाएं देखी गई थीं. अब भाजपा विधायक एल. सुसिंद्रो ने इंफाल में अपने घर के बाहर एक 'ड्रॉप बॉक्स' रखते हुए नागरिकों से इन हथियारों को लौटाने की अपील की है.
तमिलनाडु के ऊटी में एक अदालत परिसर में महिला वकीलों के लिए शौचालय सुविधाओं की कमी पर प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में मद्रास हाईकोर्ट से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
क़ानून के छात्र ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सेक्टर बीटा-2 पुलिस थाने में बुरी तरह मारपीट करने के साथ उन्हें जबरन पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया था. साथ ही जबरन वसूली के एक झूठे मामले में उन्हें पिछले साल जेल भेज दिया गया था.
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद ने वर्ष 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली में भड़के दंगों से जुड़े एक मामले में जेल में 1,000 दिन पूरे कर लिए हैं. ख़ालिद को दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था और उन पर यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
छत्तीसगढ़ दौरे पर गए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि गोडसे गांधी का हत्यारे हैं तो भारत के सपूत भी हैं. जिसको बाबर की औलाद कहलाने में ख़ुशी महसूस होती है, वो कम से कम भारत माता का सही सपूत नहीं हो सकता.
शिक्षाविद सुहास पलशिकर और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने एनसीईआरटी से इसकी राजनीति विज्ञान की टेक्स्टबुक से उनका नाम बतौर ‘मुख्य सलाहकार’ हटाने को कहा है. उनका कहना है कि ‘युक्तिसंगत’ बनाने के नाम पर लगातार सामग्री हटाने से 'विकृत' हुई किताबों से नाम जुड़ा देखना उनके लिए शर्मिंदगी का सबब है.
ताज़ा हिंसा बीते 9 जून को तड़के कांगकपोकपी और इंफाल पश्चिम ज़िले की सीमा पर स्थित एक कुकी बहुल गांव में हुई. आरोप है कि सेना और पुलिस की वर्दी में आए मेईतेई उग्रवादियों ने घटना को अंजाम दिया. इस बीच सीबीआई ने हिंसा की जांच के लिए डीआईजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है.
इंदौर में हिंदी माध्यम से पढ़ाई करके आई एक इंजीनियरिंग छात्रा ने भाषा को लेकर मज़ाक उड़ाए जाने से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली. क्या इससे समझा जा सकता है कि छात्र अपनी मातृभाषा में ही ‘अपना सर्वश्रेष्ठ’ दे सकते हैं और उन पर शिक्षा का गैर-मातृभाषा माध्यम थोपकर कितनी प्रतिभाओं का संहार कर दिया जा रहा है!