गुजराती समाचार पोर्टल ‘फेस ऑफ द नेशन’ के संपादक धवल पटेल ने पिछले साल कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन का सुझाव देने वाली एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसके चलते 11 मई 2020 को उनके ख़िलाफ़ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था. उनके माफ़ी मांगने के बाद यह मामला रद्द किया गया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि साल 1975 में वह जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा थे, जिन्होंने ऐसा आदेश पारित किया, जिसमें इंदिरा गांधी को अयोग्य क़रार दिया गया. इस निर्णय ने देश को हिलाकर रख दिया था.
बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने हाल में कहा था कि केरल में ईसाई लड़कियां लव और नारकोटिक जिहाद का शिकार हो रही हैं. भाजपा ने माकपा और कांग्रेस पर जिहादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है. वहीं, माकपा और कांग्रेस ने ईसाई-मुस्लिम सद्भावना को नष्ट करने की कथित ‘संघ परिवार के एजेंडे’ को लेकर चेतावनी दी है.
मामला अंडमान निकोबार द्वीप समूह का है, जहां पुलिस ने पिछले साल एक स्वतंत्र पत्रकार को कोविड-19 वायरस की रोकथाम को लेकर अपनाई जा रही अजीबोग़रीब क्वारंटीन नीति से संबंधित एक ट्वीट पर हिरासत में लिया था. पत्रकार ने ट्विटर पर अंडमान प्रशासन को टैग करते हुए सवाल किया था कि जिन परिवारों ने केवल कोविड मरीज़ों से केवल फोन पर बात की है, उन्हें क्वारंटीन के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है.
अमेरिका की फोर्ड मोटर कंपनी ने भारत में अपने दो संयंत्रों में वाहन उत्पादन बंद करने और केवल आयातित वाहनों को ही बेचने की घोषणा की है. कंपनी के इस फैसले से क़रीब 4,000 कर्मचारी और ऐसे 150 डीलर प्रभावित होंगे, जो लगभग 300 बिक्री केंद्रों का कामकाज संभालते हैं.
आयकर विभाग ने बीते 10 सितंबर को दिल्ली के दो ऑनलाइन मीडिया पोर्टल्स- न्यूज़क्लिक और न्यूज़लॉन्ड्री के परिसरों का दौरा किया और दोनों के बही-खातों की जांच की थी. अधिकारियों ने बताया था कि ये ‘सर्वे’ था, न कि ‘छापेमारी.’ ‘सर्वे’ के दौरान अधिकारी संस्थान के वित्तीय रिकॉर्ड्स खंगालते हैं, लेकिन कोई चीज ज़ब्ज नहीं करते हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मिज़ोरम, असम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के प्रमुख समाचार.
ब्राह्मण समुदाय के अश्विनी ने साल 2009 में एक दलित समुदाय की महिला से शादी की थी, लेकिन उनके परिवार ने अब तक उनकी पत्नी को स्वीकार नहीं किया है और उन पर लगातार तलाक़ देने का दबाव डाल रहा है. अश्विनी ने उनके परिजनों पर ज़हर देने और ज़िंदा जलाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव दिसंबर 2022 में होने हैं. 65 वर्षीय रूपाणी ने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. इस्तीफ़ा देने के बाद उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. पार्टी कार्यकर्ता को अलग-अलग समय पर अलग-अलग ज़िम्मेदारियां मिलती हैं. अब पार्टी जो भी ज़िम्मेदारी देगी, उसे वह निभाएंगे.
मुंबई के उपनगरीय इलाके साकीनाका में बीते शुक्रवार को एक महिला के साथ बलात्कार और उसके निजी अंगों में लोहे की छड़ डालने का मामला सामने आया था. शनिवार को महिला ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. पुलिस ने इस संबंध में एक आरोपी को गिरफ़्तार किया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की जानकारी लेकर पुलिस को जांच में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है. वहीं, भाजपा ने आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग की है.
हरियाणा के करनाल में बीते 28 अगस्त को भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा कैमरे के सामने पुलिस को कथित तौर पर किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देते हुए नज़र आए थे. सिन्हा पर कार्रवाई की मांग को लेकर किसान करनाल ज़िला मुख्यालय के बाहर धरना दे रहे थे.
जर्मन प्रसारण कंपनी ‘डॉयचे वेले’ ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में उसके नौ संवाददाता और एकमात्र महिला संवाददाता शुक्रवार को अपने परिवार के साथ देश छोड़कर निकलने में सफल रहे. इन संवाददाताओं को जर्मनी के बॉन शहर ले जाया जाना है.
साइरो-मालाबार चर्च से संबंधित बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने गुरुवार को कहा था कि केरल में ग़ैर मुस्लिम, ख़ासकर ईसाई लड़कियां ‘लव और नारकोटिक जिहाद’ का शिकार बन रही हैं. कांग्रेस ने इसकी आलोचना की है, वहीं भाजपा बिशप के समर्थन में है. इस बीच मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि नारकोटिक्स का कोई पहलू है तो वो है समाज-विरोधी. कोई भी धर्म ड्रग्स की बिक्री और इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं देता.
उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले में 24 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. इस मामले में अजय कुमार यादव ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पुलिस उनके भाई को 11 फरवरी, 2021 को जबरदस्ती अपने साथ ले गई और उन्हें थाने में रखा था. अगले दिन बताया गया कि उनके भाई की मौत हो गई है.
फ़िरोज़ाबाद जिला बीते कई हफ्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार जिले में अभी तक 57 लोगों की मौत हुई है जिसमें अधिकतर बच्चे हैं. हालांकि बीते तीन सितंबर को सदर विधायक मनीष असीजा ने बुखार और डेंगू से अब तक 61 लोगों की मौत होने का दावा किया था.