‘वित्त विधेयक 2023’ को 45 संशोधनों के साथ बीते शुक्रवार को लोकसभा में पारित किया गया. इस दौरान विपक्षी सदस्य अडानी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग कर रहे थे. बीते 23 मार्च को केंद्रीय बजट को बिना बहस के सिर्फ़ 12 मिनट में पारित कर दिया गया था.
संसद की कार्यवाही के बार-बार स्थगित होने के बीच दो बार केंद्रीय बजट को पारित करने के असफल प्रयास हुए थे. गुरुवार शाम विपक्ष द्वारा बताए गए संशोधनों को ध्वनिमत से ख़ारिज करते हुए इसे मात्र 12 मिनट के भीतर पारित कर दिया गया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर यह सरकार ज़्यादा दिन रही, तो सारे बैंक बंद हो जाएंगे. जीवन बीमा (निगम) समाप्त हो जाएगा.
विभिन्न अधिकार समूहों का कहना है कि बजट में विशेष रूप से सक्षम समुदाय के लिए कुछ अलग नहीं है. वहीं, कई वरिष्ठ नागरिक असुरक्षित हैं और उन तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयासों की ज़रूरत है. बाल अधिकार संरक्षण से जुड़ी प्रमुख संस्था ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ ने कहा है कि लगता है कि बच्चे बजट की प्राथमिकता में छूट गए हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश वित्त वर्ष 2023-24 के बजट की विपक्षी दलों ने आलोचना करते हुए कहा है कि यह विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव करता है और इसमें गरीबों, किसानों, मज़दूरों आदि का ख्याल न रखते हुए पूंजीपतियों का हित देखा गया है.
राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन के तहत केंद्र की महत्वाकांक्षी संपत्ति मौद्रिकरण योजना में वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे, दूरसंचार व पेट्रोलियम क्षेत्र तय निर्धारित लक्ष्यों से पिछड़ गए हैं, जिसके चलते योजना लक्ष्य से चूकती दिख रही है. नतीजतन, राजस्व और निवेश में लक्ष्य के मुकाबले लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये की कमी हो सकती है.
आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटन को 35 फीसदी बढ़ाते हुए उम्मीद की गई है कि राज्य सरकारें पीएम गति शक्ति परियोजना, जिसका मकसद नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत चिह्नित नए इंफ्रा प्रोजेक्ट्स हेतु फंड जुटाने के लिए सरकारी परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण है, के तहत फंडिंग में योगदान करेंगी. पर सवाल है कि सरकार द्वारा सार्वजनिक निवेश में इज़ाफ़ा किस हद तक निजी निवेशक को प्रोत्साहित कर पाएगा?
केंद्रीय बजट 2022-23 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए केवल एक नई योजना की घोषणा की गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाया है, इसलिए 'गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए एक राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम' शुरू किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय के वित्तीय वर्ष 2022-23 के आवंटन में बीते साल की तुलना में पांच फीसदी की कटौती के साथ 17,250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह 2018-19 के बाद से इस मंत्रालय के लिए सबसे कम बजटीय आवंटन है.
विशेषज्ञों का मानना है कि 2020 में महामारी के प्रकोप के बाद आर्थिक व्यवधान के बाद अपर्याप्त राहत पर बढ़ती सार्वजनिक आलोचना के बीच वित्त मंत्री किफायती आवास और उर्वरक के लिए उच्च सब्सिडी के अलावा सड़कों और रेलवे पर अधिक ख़र्च की घोषणा करेंगी.
प्रगतिशील नागरिक समाज संगठनों, सामाजिक आंदोलनों, शिक्षाविदों और अन्य विशेषज्ञों के एक मंच जन सरोकार ने आगामी केंद्रीय बजट से पहले नरेगा, खाद्य सुरक्षा, पेंशन, कृषि, बैंकिंग और वित्त, जेंडर, पर्यावरण जैसे क्षेत्रों को लेकर अपनी अपेक्षाएं और मांगें जारी की हैं.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गर्वनर ने कहा कि अर्थव्यवस्था के बारे में सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, लघु एवं मझोले क्षेत्र और हमारे बच्चों को लेकर है. ये सारी चीज़ें मांग में कमी के चलते लगने वाले शुरुआती झटकों के बाद केंद्र में आएंगी. सरकार को अपने ख़र्च को सावधानी से तय करने की ज़रूरत है, ताकि राजकोषीय घाटे को बहुत ऊंचाई पर पहुंचने से रोका जा सके.
वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर बजट को जनविरोधी बताते हुए कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की सृष्टि श्रीवास्तव से बातचीत.
कैग की नई रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे का परिचालन अनुपात 2017-18 में 98.44 प्रतिशत रहा है. इसका मतलब ये है कि रेलवे ने 100 रुपये कमाने के लिए 98.44 रुपये व्यय किए.
हाल में बजट पेश करने के दौरान केंद्र सरकार ने पैन न होने पर आधार के इस्तेमाल की छूट दी थी. हालांकि, हर बार गलत आधार संख्या देने वाले पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. 1 सितंबर, 2019 से यह प्रावधान लागू किए जाने की उम्मीद है.