अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने बताया है कि चेन्नई की ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर द्वारा निर्मित ‘इज्रीकेयर आर्टिफिशियल टियर्स’ आई-ड्रॉप के चलते एक दवा-प्रतिरोधी जीवाणु का स्ट्रेन फैलने संबंधी 68 मामले 16 राज्यों में सामने आए हैं, जिनमें 3 लोगों की मौत हो चुकी है, 8 लोग आंखों की रोशनी खो चुके हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मौसमी इन्फ्लूएंजा के एच3एन2 उप-प्रकार के कारण कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक व्यक्ति की मौत होने की जानकारी दी है. यह श्वसन तंत्र में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है.
खसरे से अब तक हुईं 13 मौतों में से नौ मुंबई में, जबकि बाकी चार शहर के बाहरी इलाकों में दर्ज की गईं. इन चार में से एक नालासोपारा से और तीन बच्चे भिवंडी से थे. मृतकों में तीन 0-11 महीने, आठ 1-2 वर्ष और दो 3-5 वर्ष के बच्चे थे.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन में कहा गया है कि महाराष्ट्र में 26 स्थानों से खसरा फैलने की सूचना मिली है. मुंबई में आठ नगरपालिका वार्ड खसरे से प्रभावित हुए हैं और मौत के सभी मामले यहीं दर्ज किए गए हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के हवाले से बताया गया है कि 30 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2022 तक कोविड-19 महामारी के दौरान अपना सेवाएं देते हुए जान गंवाने वाले 428 डॉक्टरों के परिवारों को 214 करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया गया है, जबकि आईएमए के मुताबिक महामारी की पहली दो लहरों में जान गंवाने वाले डॉक्टरों की संख्या 1,596 थी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से एक बार फिर कहा कि अब ‘टू-फिंगर टेस्ट’ नहीं होना चाहिए. यह टेस्ट ‘ग़लत’ धारणा पर आधारित है कि ‘यौन संबंधों के लिहाज़ से सक्रिय महिला का बलात्कार नहीं किया जा सकता है’.
स्वास्थ्य मामलों से संबंधित संसद की एक स्थायी समिति ने कहा कि पहली लहर के बाद जब देश में कोविड-19 के मामलों में गिरावट दर्ज की गई, तब सरकार को देश में महामारी के दोबारा ज़ोर पकड़ने के ख़तरे और इसके संभावित प्रकोप पर नज़र रखने के अपने प्रयास जारी रखने चाहिए थे.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी संसद की स्थायी समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा है कि वह ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड-19 के मरीज़ों की मौत होने से मंत्रालय द्वारा इनकार किए जाने पर व्यथित है.
अब तक देश में मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़ कर नौ हो गई है, जिनमें से एक मरीज की मौत हुई है. मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे बचने के लिए ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’ से संबंधित एक सूची जारी की है.
वीडियो: देश में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते जा रहे है. केरल में तीन मामलों के अलावा राजधानी दिल्ली में भी एक केस सामने आ गया है. इस वायरल बीमारी के लक्षण और इलाज को लेकर डॉ. चंद्रकांत से द वायर के याक़ूत अली की बातचीत.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीते 23 जुलाई को मंकीपॉक्स को चिंताजनक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था. वैश्विक स्तर पर 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और इसके कारण अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 2020 में ही भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 8.30 लाख लोगों की मौत हुई. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव का विश्लेषण बताता है कि इन अनुमानों को तथ्यों से परे बताकर ख़ारिज करने के लिए केंद्र सरकार ने जिन आंकड़ों का इस्तेमाल किया, उनकी विश्वसनीयता भी संदिग्ध है.
वीडियो: छात्र नीट-पीजी (NEET-PG) प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की मांग क्यों कर रहे हैं? यह परीक्षा 21 मई 2022 को होने जा रही है, लेकिन छात्र चाहते हैं कि इसे 8 से 10 सप्ताह तक के लिए टाल दिया जाए. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने बीते 13 मई को छात्रों की याचिका खारिज कर दी. द वायर ने इस संबंध में ऐसे कुछ छात्रों से बातचीत की.
भारत के रजिस्ट्रार जनरल की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में पंजीकृत कुल मौतों में से करीब 1.3 फ़ीसदी लोगों को एलोपैथी या अन्य चिकित्सा क्षेत्रों के योग्य पेशेवरों से चिकित्सा सुविधा मिली थी. मरने वालों में से 45 फ़ीसदी को उनकी मृत्यु के समय कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई थी. चिकित्सा सुविधा के अभाव में 2019 में मरने वालों की संख्या 35.5 प्रतिशत थी.
देश में कोविड-19 से हुई कुल मौतों के आंकड़े पर डब्ल्यूएचओ समेत कई स्वतंत्र विशेषज्ञों और संगठनों द्वारा सवाल उठाए जाने के बीच रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने साल 2020 का नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) डेटा जारी किया है. इसके अनुसार 2020 में देश में 81.2 लाख लोगों की मौत हुई और यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 6.2 प्रतिशत अधिक है.