घटना मथुरा ज़िले की है, जहां फराह नगर में रहने वाले मुबीन क़ुरैशी जब 10 जुलाई को पशुओं के लिए चारा इकट्ठा करने अपने खेत में गए तो कुछ लोगों ने कथित तौर पर उन्हें 'देशद्रोही' बताकर यह कहते हुए हमला कर दिया कि 'तुम्हारे लोगों ने उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या की है.'
फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से पांच दिन की अंतरिम ज़मानत मिलने के तुरंत बाद लखीमपुर खीरी पुलिस ने एक अन्य मामले में उसी दिन एक वॉरंट तामील कराया था. बीते साल के एक ट्वीट में ज़ुबैर ने सुदर्शन टीवी के ट्विटर हैंडल से साझा की गई मदीना मस्जिद की छेड़छाड़ की गई तस्वीर पर सवाल उठाया था. इसे लेकर लखीमपुर के सुदर्शन टीवी
सुप्रीम कोर्ट में पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर की याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि बजरंग मुनि 'सम्मानित' धार्मिक नेता हैं, जिनके बहुत अनुयायी हैं. बजरंग मुनि का मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हेट स्पीच का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसके चलते वे एक बार गिरफ़्तार भी हुए थे.
यह नया वॉरंट लखीमपुर पुलिस ने सुदर्शन न्यूज़ के एक रिपोर्टर की शिकायत पर मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ साल 2021 में दर्ज एक एफआईआर के सिलसिले में जारी किया है. लखीमपुर पुलिस का यह वॉरंट शुक्रवार को सीतापुर पुलिस द्वारा दर्ज मामले में ज़ुबैर को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद सामने आया है.
एक रिपोर्ट बताती है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान को ‘ग़लत संदर्भ’ में प्रसारित करने के मामले में ज़ी न्यूज़ के दो पूर्व कर्मचारियों के ख़िलाफ़ दर्ज एक एफ़आईआर में यूपी पुलिस ने उसी सुबह एंकर रोहित रंजन का नाम जोड़ा था, जिस दिन उन्हें हिरासत में लिया गया था और उसी दिन उनकी ज़मानत भी हो गई थी.
ज़ी न्यूज़ के डीएनए कार्यक्रम में राहुल गांधी के ग़लत वीडियो पर कांग्रेस की आपत्ति के बाद ज़ी न्यूज़ ने तुरंत ही माफ़ी मांगी और इसे मानवीय भूल बताया. फिर ज़ी न्यूज़ ने पुलिस शिकायत क्यों दर्ज कराई कि वीडियो का मामला मानवीय भूल से आगे का है और पुलिस जांच करे? क्या माफ़ी मांगने से पहले जांच नहीं हुई होगी?
ज़ी न्यूज़ ने अपने शो ‘डीएनए’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बयान चलाकर कहा था कि वह उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को ‘बच्चा’ बता रहे हैं, जबकि यह बयान उन्होंने केरल के वायनाड में उनके दफ़्तर में तोड़-फोड़ करने वालों के संदर्भ में दिया था. इसे लेकर शो के एंकर रोहित रंजन और भाजपा सांसदों राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सुब्रत पाठक एवं भोला सिंह और भाजपा विधायक कमलेश सैनी आदि के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने छह राज्यों में एफ़आईआर दर्ज
11 जून को सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में पुलिस हिरासत में लिए कुछ युवकों को बेरहमी से पीटते हुए दिख रही थी. दावा किया गया था कि वीडियो सहारनपुर के कोतवाली थाने का है पर पुलिस ने इससे इनकार किया था. अब भी पुलिस का कहना है वह वीडियो की सत्यता की पुष्टि कर रही है, वहीं मजिस्ट्रेट अदालत ने वीडियो में दिख रहे आठ लोगों को सबूतों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है.
मामला संभल का है, जहां चिकन की दुकान के मालिक तालिब हुसैन को देवी-देवताओं के चित्र वाले अख़बार में चिकन लपेटने पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. पुलिस का दावा है कि हुसैन ने गिरफ़्तार करने गई टीम पर चाकू से हमला किया, वहीं उनके वकील ने कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को उस याचिका पर अपना जवाब दाख़िल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया, जिसमें निचली अदालत के 28 जून के आदेश को चुनौती दी गई है. निचली अदालत ने ज़ुबैर को चार दिन की पुलिस हिरासत में देने का आदेश दिया था. ज़ुबैर को एक ट्वीट के ज़रिये धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में बीते 27 जून को गिरफ़्तार किया था.
दिल्ली की अदालत ने 2018 के एक ट्वीट के सिलसिले में गिरफ़्तार किए गए ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर से पूछताछ के लिए हिरासत की अवधि चार दिन बढ़ाते हुए कहा कि उन्होंने जांच में 'सहयोग' नहीं किया है और उन्हें उनके उपकरण बरामद करने के लिए बेंगलुरु ले जाया जाना है.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने की निंदा करते हुए एडिटर्स गिल्ड ने उनकी फ़ौरन रिहाई की मांग की है. वहीं, ऑनलाइन प्रकाशकों के संगठन डिजिपब ने पत्रकारों के ख़िलाफ़ क़ानून के इस तरह इस्तेमाल को अनुचित बताते हुए पुलिस से मामला वापस लेने का आग्रह किया है.
ऑल्ट न्यूज़ के एक अन्य सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद ज़ुबैर को 2020 में दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन शाम को बताया गया कि उन्हें एक अन्य मामले में दर्ज एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि गिरफ़्तारी हिंदू धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के मामले में हुई है.
उत्तर प्रदेश की फ़र्रूख़ाबाद पुलिस ने बताया कि घटना उस समय घटी जब मीरापुर थाने की टीम ने 23 जून की रात एक गांव में कथित तौर पर ज़हरीली शराब की बिक्री करने वाले लोगों के घरों पर छापेमारी की थी. उसी रात करीब डेढ़ बजे गांव के एक 30 वर्षीय युवक की मौत की सूचना मिली और आरोप लगाया गया कि पुलिस के पीटने से उसकी मृत्यु हुई.
उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के मीरगंज थाना क्षेत्र के एक गांव का मामला. पुलिस के अनुसार, बलात्कार के आरोपी के परिवार के लोग काफी समय से पीड़ित पक्ष पर समझौता करने का दबाव डाल रहे थे. पुलिस ने अब चार आरोपियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया है. बलात्कार का आरोपी फिलहाल जेल में है.