Urdu

क्या उर्दू-फ़ारसी के निकलने से क़ानूनी भाषा आम लोगों के लिए आसान हो जाएगी?

हिंदी से फ़ारसी या अरबी के शब्दों को छांटकर बाहर निकाल देना असंभव है. एक हिंदी भाषी रोज़ाना अनजाने ही कितने फ़ारसी, अरबी या तुर्की के शब्द बोलता है, जिनके बिना किसी वाक्य की संरचना तक असंभव है.

उर्दू-फ़ारसी शब्दों का इस्तेमाल रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से मांगी एफआईआर की कॉपी

एफआईआर सरल भाषा में हो ताकि आम लोग आसानी से समझ सके, इसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक जन​हित याचिका दाख़िल की गई है. सरल शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं, इसकी जांच लिए हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के 10 थानों से एफआईआर की 10-10 कॉपी मंगाई है.

जब प्रेमचंद ने महात्मा गांधी का भाषण सुनकर सरकारी नौकरी छोड़ दी थी…

वह असहयोग आंदोलन का ज़माना था, प्रेमचंद गंभीर रूप से बीमार थे. बेहद तंगी थी, बावजूद इसके गांधी जी के भाषण के प्रभाव में उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया था.

सत्ता के मन में उपजे हिंदी प्रेम के पीछे राजनीति है, न कि भाषा के प्रति लगाव

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पहले मसौदे में हिंदी थोपने की कथित कोशिश पर मचे हंगामे को देखते हुए एक बात साफ है कि इस हो-हल्ले का हिंदी से कोई वास्ता नहीं है. हिंदी थोपने या ख़ारिज करने की इच्छा का संबंध हिंदी राष्ट्रवाद, धर्म, जाति और अंग्रेज़ी से एक असहज जुड़ाव जैसी बातों से हो सकता है, मगर इसका संबंध उस भाषा से कतई नहीं है, जिसका नाम हिंदी है.

क्या मोदी सरकार वाकई उर्दू का भला चाहती है?

मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद ने उर्दू के प्रमोशन के लिए बॉलीवुड के कलाकारों से प्रचार करवाने की बात कही. हालांकि बजट से मालामाल परिषद पर अक्सर यह इल्ज़ाम लगता रहा है कि हाल के सालों में इसने उर्दू भाषा के विकास में कोई अहम रोल अदा नहीं किया.

मीर अनीस: गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतिनिधि शायर

मीर अनीस उर्दू शायरी के उस दौर में हुए थे, जब ग़ज़लों का झंडा चहुंओर बुलंद था. उन्होंने ग़ज़लों से इतर मर्सियों की रचना का कठिन रास्ता चुना.

हिंदी में चित्रा मुद्गल और उर्दू में रहमान अब्बास समेत 24 लेखकों को साहित्य अकादमी पुरस्कार

चित्रा मद्गल को उनके उपन्यास ‘पोस्ट बॉक्स नं. 203-नाला सोपारा’, रहमान अब्बास को उनके उर्दू उपन्यास ‘रोहज़िन’ और अंग्रेजी में अनीस सलीम को उनके उपन्यास ‘द ब्लाइंड लेडीज़ डीसेंडेंट्स’ के लिए साहित्य अकादमी से नवाज़ा जाएगा.

वीडियो: उर्दू साहित्य और समाज में समलैंगिकता का सवाल

विशेष: उर्दू साहित्य और समाज का समलैंगिकता को लेकर रवैया क्या हमेशा से ही तंग था? भारतीय समाज और इतिहास में समलैंगिकता को लेकर बनी वर्जनाओं (टैबू) के बारे में बता रही हैं यासमीन रशीदी.

‘मुझ से बड़ा शायर ना होगा जामई, हिंद-ओ-पाकिस्तान में और ना क़ब्रिस्तान में’

वीडियो: किसी ज़माने में फ़ख़्र-ए-बिहार कहे जाने वाले हास्य व्यंग्य के प्रसिद्ध उर्दू शायर असरार जामई इन दिनों दयनीय स्थिति में ज़िंदगी गुज़ारने को मजबूर हैं. रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ लिया और सरकार ने अपने रिकॉर्ड में उन्हें मृत बताकर उनका पेंशन भी बंद कर दिया.

क्यों राजनीति ने उर्दू को मुसलमान बना दिया है?

आम जनमानस में उर्दू मुसलमानों की भाषा बना दी गई है, शायद यही वजह है कि रमज़ान की मुबारकबाद देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उर्दू को चुना. सच यह है कि जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल जैसे कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उर्दू नहीं बोली जाती.

बहादुरशाह ज़फ़र: आज़ादी के सत्तर साल बाद भी दो गज़ ज़मीन न मिली कू-ए-यार में

विशेष: बहादुरशाह ज़फ़र हमारे उस स्वतंत्रता संग्राम के नायक हैं जिसमें हम हार भले ही गए थे पर हिंदुओं व मुसलमानों ने उसे एकजुट होकर लड़ा था और अपनी एकता की शक्ति प्रमाणित कर दी थी.

झारखंड में मदरसा शिक्षकों को पिछले 10 माह से नहीं मिला वेतन

ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड के 186 अराजकीय मदरसा शिक्षकों को दस महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. शिक्षकों का आरोप है कि मदरसों के सत्यापन के नाम पर वेतन रोका गया है.

अनवर जलालपुरी ऐसी दुनिया का ख़्वाब देखते थे, जिसमें ज़ुल्म और दहशत की जगह न हो

शायर अनवर जलालपुरी ऐसे गुलाब थे जिसकी ख़ुशबू जलालपुर की सरहदों को पार कर पूरी दुनिया में फैली और दिलों को महकाया.

अनवर जलालपुरी: मुशायरे का टीचर चला गया

अनवर जलालपुरी को याद करते हुए मशहूर शायर मुनव्वर राना कहते है कि एक टीचर के बतौर वो हमेशा यही चाहते थे कि मुशायरे का स्तर ख़राब न हो. वो सांप्रदायिकता और अश्लीलता की तरफ न जाये.