आधिकारिक तौर पर इस पुलिस मुठभेड़ का अभी तक कोई नाम नहीं है, लेकिन राज्य के कुछ वरिष्ठ पुलिसकर्मी इसे ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ कहते हैं. मार्च 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद यूपी पुलिस ने 8,472 मुठभेड़ों में 3,302 कथित अपराधियों को गोली मारकर घायल किया. इस दौरान कई कथित अपराधी पैर में गोली लगने से घायल हुए.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगों के दौरान बम बनाने और आपूर्ति करने के आरोप में 46 वर्षीय कर्दमपुरी निवासी अंसार ख़ान को गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि उनके घर की छत से जो पाइप बम बरामद किए गए थे, वास्तव में उन्हें उनके पड़ोसी ने रखा था. इस मामले में पड़ोसी मुजम्मिल अल्वी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया.
ये मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले का है, जहां पिछले साल जुलाई में कथित गोहत्या के आरोप में इरफ़ान, रहमतुल्लाह और परवेज़ को गिरफ़्तार किया गया था. ये पहला मौका नहीं है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) के इस्तेमाल पर सवाल उठाया है, जो राज्य को बिना औपचारिक आरोप या सुनवाई के गिरफ़्तारी का अधिकार देता है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के बर्रा इलाके का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कुछ लोग एक मुस्लिम रिक्शा चालक की पिटाई करते हुए नज़र आ रहे हैं और उससे कथित रूप से ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को कह रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़ित रिक्शा चालक के एक रिश्तेदार का उसके पड़ोसियों के ख़िलाफ़ ज़मीन को लेकर मुक़दमा चल रहा है और जुलाई में इस मामले में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि 2017-19 के दौरान ऑनर किलिंग की झारखंड में सबसे ज़्यादा 50 घटनाएं हुईं. उसके बाद महाराष्ट्र में 19 और उत्तर प्रदेश में 14 घटनाएं हुई हैं.
बसपा के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू चार अगस्त को भाजपा में शामिल हुए थे. उनको पार्टी में शामिल करने पर भाजपा सांसद व पूर्व मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने आपत्ति जताई थी. वर्ष 2009 में बबलू का नाम जोशी के घर में आग लगाने के मामले में मुख्य आरोपियों में शामिल रहा है.
जदयू के बाद अपना दल (एस) सत्तारूढ़ भाजपा की दूसरी ऐसी सहयोगी पार्टी है, जिसने जाति आधारित जनगणना की मांग उठाई है. यह मांग ऐसे समय में की गई है जब उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी जैसे विपक्षी दल भी यह मांग करते रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में भाजपा के पूर्व सहयोगी और सरकार में मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जहां की जनता कोरोना काल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवा और बिस्तर के लिए तरस रही थी और वहां के मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल में वोट मांग रहे थे.
एक सोशल मीडिया पोस्ट में विहिप नेता चंपत राय पर ज़मीन हड़पने के आरोप लगाने वाले पत्रकार विनीत नारायण और अन्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. इस संबंध में दायर हलफनामे में लापरवाही का उल्लेख करते हुए अदालत ने पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि इससे पुलिस विभाग, विशेष रूप से उच्च अधिकारियों में गिरते मानकों का पता चलता है.
पेगासस स्पायवेयर विवाद का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा आईटी सेल कर्मचारियों से कहा कि कि केंद्र और राज्य सरकार की नकारात्मक छवि प्रस्तुत करने वालों को जवाब देने की ज़रूरत है और इसके लिए मुहूर्त देखे बिना सोशल मीडिया पर सक्रिय होना पड़ेगा.
घटना मुरादाबाद के लाजपत नगर की है. एसएसपी के साथ इलाके का दौरा करने के बाद डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रशासन की जांच में पाया गया कि यह संपत्ति का मामला है. सामने आया है कि कुछ स्थानीय निवासी उन दोनों घरों को खरीदने के इच्छुक थे और अब उन्हें पता चला है कि वे पहले ही बिक चुकी हैं.
जितेंद्र सिंह बबलू का नाम उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के घर में वर्ष 2009 में आग लगाने के मामले में मुख्य आरोपियों में शामिल रहा है. उनके भाजपा में शामिल होने पर जोशी ने कहा कि इस समाचार से वह स्तब्ध हैं.
यूपी पुलिस ने बताया है कि भाजयुमो की उत्तर प्रदेश इकाई के नवनियुक्त सचिव अरविंद राज त्रिपाठी के ख़िलाफ़ कुछ मामलों में यूपी गुंडा एक्ट और गैंगस्टर्स एक्ट के तहत भी आरोप हैं. वहीं पार्टी का कहना है कि त्रिपाठी के ख़िलाफ़ सिर्फ एक ही मामला लंबित है.
बीते दिनों गोरखपुर ज़िले के उरुवा ब्लॉक में ग्राम पंचायत अधिकारी अनीश कुमार की सरेबाज़ार हत्या कर दी गई थी. अनीश ने अपनी सहकर्मी दीप्ति मिश्रा से अंतरजातीय विवाह किया था. बताया गया है कि दीप्ति के दलित व्यक्ति से विवाह करने से नाराज़ उनका परिवार काफ़ी समय से अनीश को धमका रहा था.
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा मुहर्रम के जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है. मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने उत्तर प्रदेश डीजीपी मुकुल गोयल द्वारा सभी जिला पुलिस प्रमुखों को जारी परिपत्र में कही गईं बातों पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि पुलिस प्रशासन ने इसमें बेहद अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर मुहर्रम और शिया मुसलमानों की छवि ख़राब करने की कोशिश की गई है.