हरिद्वार के हिंदू नेताओं की शंकराचार्य परिषद ने 17 अप्रैल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर मांग की थी कि ग़ैर-हिंदुओं को चार धाम मंदिरों में प्रवेश करने से रोका जाए. अब मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसा अभियान चलाया जाएगा कि तीर्थ यात्रा के लिए बाहर से आने वालों का उचित सत्यापन हो और जिनका सत्यापन नहीं हुआ है, वे स्वयं आकर कराएं.
दिल्ली, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड से हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. बताया जा रहा है कि कर्नाटक के हुबली शहर में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पुलिसकर्मियों, एक अस्पताल और एक मंदिर पर हमला किया. इससे 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं. मामले में लगभग 40 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं.
अगर पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार कोई क़ानून लाना चाहती है तो उसके बारे में आम जनता को पहले से तफ़्सील से क्यों नहीं बताया जाता कि उत्तराखंड के लिए इसके क्या फ़ायदे होंगे.
सीबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) संबंधी भ्रष्टाचार के एक मामले में देशभर में 22 स्थानों पर छापेमारी के दौरान नौ किलोग्राम से अधिक सोना और 1.1 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं. एनएचएआई के नौ शीर्ष अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित 13 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि इन परियोजनाओं को पूरा करने के दौरान उक्त एनएचएआई अधिकारियों ने निजी कंपनियों से धन लिया था.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि समान नागरिक संहिता का दायरा विवाह-तलाक़, ज़मीन-जायदाद, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिए समान क़ानून लागू करने का होगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों.
उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में छात्रों का सिर मुंडाए और पीछे बंधे हुए हाथ के साथ एक कतार में चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था. जिसे वरिष्ठ छात्रों द्वारा की गई रैगिंग बताया गया था. वीडियो सामने आने के बाद एक जनहित याचिका दायर की थी. उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा गठित समिति ने जांच रिपोर्ट में पुष्टि की कि याचिकाकर्ता के आरोप सही थे.
प्रदेश की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के परिणामों में भाजपा ने 47 सीटों पर जीत हासिल कर दो-तिहाई से अधिक बहुमत के साथ प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्तासीन होने का इतिहास रचा है. हालांकि मुख्यमंत्री धामी ख़ुद अपनी सीट खटीमा से हार गए थे, इसके बावजूद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सत्ता की बागडोर उन्हें थमाकर अपना भरोसा जताया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस निर्देश के कुछ देर बाद ही उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अपने त्याग-पत्र की घोषणा की है. हालांकि, पार्टी ने इन पांच चुनावी राज्यों के महासचिवों और प्रभारियों को इस्तीफ़ा देने के लिए नहीं कहा है.
उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में नफ़रत भरे भाषण देने के मामले में गिरफ़्तार जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी की ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए अदालत ने कहा कि त्यागी के भाषण की भाषा भड़काऊ थी, जिसका उद्देश्य युद्ध छेड़ना, आपसी दुश्मनी को बढ़ावा देना और पैगंबर मुहम्मद का अपमान करना था.
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक चले प्रदर्शनों की सफलता को देखते हुए कुछ किसान संगठन राजनीति में उतरे थे, लेकिन किसान नेता बलबीर सिह राजेवाल की अगुवाई वाला ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ पंजाब में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सका. वहीं पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा बाद भी ज़िले की आठों सीटें भाजपा के खाते में गई हैं.
जनादेश जब इस क़िस्म का हो कि मतदाताओं का एक तबका उसमें ख़ुद को किसी तरह शामिल न कर पाए, तो उसके मायने यही होंगे कि जनता खंडित हो चुकी है.
उत्तराखंड में कांग्रेस अपनी हार के लिए मतदाताओं या भाजपा को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकती. यह वक़्त है कि वह गहराई से आत्मविश्लेषण करे कि पांच साल अगर उसने कारगर विपक्षी दल की भूमिका सही ढंग से निभाई होती, तो फिर से इतने बुरे दिन नहीं देखने पड़ते.
राज्य की सत्तर विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर विजय हासिल करने के साथ ही भाजपा ने बहुमत के 36 के आंकड़े को आसानी से पार कर लिया. हालांकि भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित मुख्यमंत्री चेहरे- पुष्कर सिंह धामी, हरीश रावत और अजय कोठियाल अपनी-अपनी सीट बचा पाने में असफल रहे.
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले उत्तर प्रदेश, जहां सबसे अधिक 403 विधानसभा सीटें हैं, वहां 621,186 मतदाताओं (0.7 प्रतिशत) ने ईवीएम में ‘नोटा’ विकल्प का बटन दबाया. शिवसेना को गोवा, उत्तर प्रदेश और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में नोटा से भी कम वोट मिले हैं.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनके उत्तराखंड के समकक्ष पुष्कर सिंह धामी अपनी-अपनी सीट से हार गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्रियों में पंजाब में तीन- प्रकाश सिंह बादल, अमरिंदर सिंह व राजिंदर कौल भट्टल, उत्तराखंड में हरीश सिंह रावत और गोवा में चर्चिल अलेमाओ को हार का सामना करना पड़ा है.