उज़्बेकिस्तान का आरोप- भारतीय कंपनी ने देश में कफ सीरप बेचने के लिए 33,000 डॉलर की रिश्वत दी थी

उज़्बेकिस्तान की अदालत में अभियोजकों द्वारा भारत में निर्मित कफ सीरप से जुड़ी मौतों की संख्या 65 बताई गई है, जो पहले बताई गई संख्या की तुलना में कहीं अधिक है. दिसंबर 2022 में उज़्बेकिस्तान ने कहा था कि कफ सीरप लेने से 18 बच्चों की मौत हो गई. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इन बढ़ी मौतों की सूचना कब दी गई.

फिर भारत निर्मित एक और दवा दूषित पाई गई, डब्ल्यूएचओ ने जारी की चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर एक भारतीय दवा 'कोल्ड आउट सिरप' के ख़िलाफ़ अलर्ट जारी किया है. अलर्ट में कहा गया है कि इराक को निर्यात की गई इस दवा में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल स्वीकार्य स्तर से अधिक मिला है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं और मौत की वजह बन सकता है. 

डब्ल्यूएचओ द्वारा दूषित दवाइयों की जांच में भारत और इंडोनेशिया के ऐसे बीस उत्पाद सामने आए

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की जा रही दूषित कफ सीरप की जांच में इससे पहले 15 कफ सीरप को लेकर चेतावनी जारी की गई थी, जिनमें से सात भारत में निर्मित थे.

श्रीलंका में भारतीय दवाएं जांच के दायरे में, मरीजों पर देखे गए हानिकारक प्रभाव

बीते 16 जून को श्रीलंका के स्थानीय मीडिया ने बताया कि अस्पताल में इलाजरत एक मरीज़ की मौत भारत निर्मित एनेस्थेटिक दवा दिए जाने के बाद हुई. इससे पहले अप्रैल में भी भारतीय एनेस्थेटिक दवा दिए जाने के बाद एक गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया था.

उज़्बेकिस्तान में बच्चों की मौत मामला: कफ सीरप बनाने वाली भारतीय फर्म के तीन लोग गिरफ़्तार

नोएडा स्थित दवा निर्माता कंपनी मैरियन बायोटेक के कफ सीरप के परिणामस्वरूप कथित तौर पर दिसंबर 2022 में मध्य एशियाई देश उज़्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई थी. इसी संबंध में यह कार्रवाई की गई है.

उज़्बेकिस्तान में बच्चों की मौत मामला: डब्ल्यूएचओ ने भारतीय कफ सीरप में विषाक्त पदार्थ पाए

दिसंबर 2022 में उज़्बेकिस्तान ने दावा किया था कि भारतीय कफ सीरप पीने से उनके देश में कथित तौर पर 18 बच्चों की मौत हो गई थी. सीरप की निर्माता नोएडा की मैरियन बायोटेक कंपनी थी. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कंपनी के दो कफ सीरप के ख़िलाफ़ चेतावनी जारी की है.

उज़्बेकिस्तान में कफ सीरप से मौत का मामला: फार्मेक्सिल ने मैरियन बायोटेक की सदस्यता निलंबित की

उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर स्थित मैरियन बायोटेक कंपनी, उज़्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर कंपनी की खांसी की दवा का सेवन करने के बाद हुई मौत को लेकर सवालों के घेरे में है. औषधि निर्यात संवर्धन परिषद (फार्मेक्सिल) ने कहा है कि इस घटनाक्रम से भारतीय फार्मा उद्योग की प्रतिष्ठा ख़राब हुई है.

गांबिया के बाद उज़्बेकिस्तान का दावा- भारत निर्मित कफ सीरप पीने से 18 बच्चों की जान गई

उज़्बेकिस्तान ने कहा है कि भारत निर्मित खांसी की दवा ‘डॉक-1 मैक्स’ में परीक्षण के दौरान विषाक्त एथिलीन ग्लाइकॉल रसायन पाया गया है. इस दवा का निर्माण नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक कंपनी करती है. भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि कंपनी की विनिर्माण इकाई की निरीक्षण रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.