झूठ का पहाड़ जब ढहने लगे, क्रूरता के क़िले की दीवार में सेंध लग जाए, रंगे सियार का उतरने लगे रंग, तो सबसे बड़ा सहारा है... बुलडोजर.
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मंदार विधानसभा सीट पर उपचुनाव प्रचार के लिए झारखंड आए थे. इस दौरान रांची हवाईअड्डे पर पहुंचने पर कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. पार्टी की ओर से कहा गया है कि यह उसकी छवि को ख़राब करने की कोशिश है.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में हिंसा, मानवाधिकार हनन, खाद्य असुरक्षा, जलवायु संकट, यूक्रेन में युद्ध और अन्य आपात स्थितियों के कारण दुनियाभर में 10 करोड़ लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए. एजेंसी ने कहा कि बीते दशक में हर वर्ष घर छोड़ने के लिए मजबूर होने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हुई है.
रांची में पुलिस ने मंगलवार को 10 जून की हिंसा में वांछित लोगों के पोस्टर जारी किए थे. बाद में तकनीकी त्रुटि का हवाला देते हुए इन्हें सुधार कर दोबारा जारी करने की बात कही गई. सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा इसके विरोध के बीच गृह सचिव ने रांची एसएसपी से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है.
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद, सहारनपुर समेत कई शहरों में बीते 10 जून को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और पार्टी से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. यूपी पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में अब तक 357 लोग गिरफ़्तार किया है और कुल 13 एफ़आईआर दर्ज की है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आठ ज़िलों में बीते 10 जून को जुमे की नमाज़ के बाद पैगंबर मोहम्मद पर निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 13 एफ़आईआर दर्ज किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि दोषियों के ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए कि एक मिसाल कायम करे.
स्मृति शेष: आज़ाद भारत के बदलते हुए राजनीतिक परिदृश्य और लोकतंत्र के विविध पक्षों का गहन विश्लेषण करने वाले राजनीति विज्ञानी पॉल आर. ब्रास का बीते दिनों निधन हो गया. अपने लेखन को उन्होंने केवल सियासी बदलावों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि चुनावी राजनीति में हथकंडे के रूप में दंगों और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के इस्तेमाल के साथ ही मीडिया और पुलिस की भूमिका पर भी रोशनी डाली.
'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' और 'सबका साथ-सबका विकास' सरीखे नारे देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने शासन में इस पर अमल करते नज़र नहीं आते हैं.
हापुड़ ज़िले में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के समर्थकों के बीच हिंसा भड़काने के एक आरोपी को ज़मानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि गंगा जमुनी तहज़ीब की संस्कृति महज़ मतभेदों को बर्दाश्त करना नहीं है, बल्कि यह विविधता को आत्मसात करने की चीज़ है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की ओर से कहा गया कि संघर्ष, हिंसा, मानवाधिकारों के उल्लंघन और उत्पीड़न से बचने के लिए दुनियाभर में 10 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है, जो कभी बनना ही नहीं चाहिए था. इस प्रवृत्ति को उलटने का एकमात्र उपाय शांति और स्थिरता ही है, ताकि निर्दोष लोगों को घर पर गंभीर ख़तरे से जूझने या अनिश्चिततापूर्ण पलायन व निर्वासन के बीच चुनने के लिए मजबूर न होना पड़े.
विभिन्न शहरों में दो समुदायों के बीच हालिया हिंसक झड़पों पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि कोई राजनीतिक दल नहीं, बल्कि कुछ लोग देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए. हालांकि उन्होंने पंजाब के पटियाला में बीते दिनों हुई हिंसक झड़प पर कहा कि राज्य सरकार इसे रोक सकती थी.
जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से दायर जनहित याचिका ख़ारिज करते हुए कहा, 'आप चाहते हैं कि जांच की अगुआई पूर्व चीफ जस्टिस करें? क्या कोई फ्री है? पता करिए, यह कैसी राहत है. ऐसी राहत मत मांगिए जो इस अदालत द्वारा दी नहीं जा सके.'
गुजरात के वडोदरा शहर के रावलपुरा इलाके का मामला. दोपहिया वाहनों की मामूली दुर्घटना के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया और दंगाइयों ने एक-दूसरे पर पथराव करने के अलावा एक पूजा स्थल तथा वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना में तीन लोग घायल हो गए हैं.
दिल्ली, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड से हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. बताया जा रहा है कि कर्नाटक के हुबली शहर में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पुलिसकर्मियों, एक अस्पताल और एक मंदिर पर हमला किया. इससे 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं. मामले में लगभग 40 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं.
आणंद ज़िला कलेक्टर ने बताया कि अवैध कब्ज़े और अवैध निर्माण सहित सड़कों के किनारे खड़ी झाड़ियों पर भी बुलडोज़र चलवाया जा रहा है क्योंकि रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद बदमाश इन्हीं झाड़ियों में छुप रहे थे. कांग्रेस ने इस अभियान को असंवैधानिक और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया.