हरिद्वार धर्म संसद: हेट स्पीच के आरोपी जितेंद्र त्यागी ने अपनी जान को ख़तरा बताया

उत्तराखंड के हरिद्वार में 17-19 दिसंबर 2021 के बीच हिंदुत्ववादी नेताओं द्वारा ‘धर्म संसद’ का आयोजन किया गया था, जिसमें मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ खुलकर न फ़रत भरे भाषण (हेट स्पीच) दिए गए थे, यहां तक कि उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया था. इस मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी कट्टरपंथी हिंदुत्वावादी नेता यति नरसिंहानंद के साथ आरोपियों में से एक हैं.

धर्म संसद मामला: भड़काऊ भाषण के आरोपी जितेंद्र त्यागी 2 सितंबर तक सरेंडर करें- कोर्ट

हरिद्वार धर्म संसद मामले के आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी की ज़मानत अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने उन्हें दो सितंबर तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया. वसीम रिज़वी के नाम से जाने जाने वाले त्यागी फिलहाल चिकित्सकीय आधार पर ज़मानत पर हैं.

धर्म संसद: मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण देने के आरोपी जितेंद्र त्यागी को अंतरिम ज़मानत

सुप्रीम कोर्ट ने हरिद्वार धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर नफ़रत फैलाने वाला भाषण देने के मामले में आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी को तीन महीने की अंतरिम ज़मानत देते हुए उन्हें नफ़रत फैलाने वाला भाषण नहीं देने और इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल या सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी न करने का वादा करते हुए एक हलफ़नामा दाख़िल करने का निर्देश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद जैसे कार्यक्रमों के आयोजन पर चिंता जताई

सुप्रीम कोर्ट ने हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण देने के मामले में इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी की ज़मानत याचिका पर उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया. त्यागी लगभग छह महीने से हिरासत में हैं. इस मामले के एक अन्य आरोपी क​ट्टरपंथी हिंदुत्तवादी धर्मगुरु यति नरसिंहानंद को बीते फरवरी माह में ही ज़मानत मिल गई थी.

हरिद्वार धर्म संसदः हेट स्पीच मामले के आरोपी जितेंद्र त्यागी की ज़मानत याचिका ख़ारिज

उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में नफ़रत भरे भाषण देने के मामले में गिरफ़्तार जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी की ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए अदालत ने कहा कि त्यागी के भाषण की भाषा भड़काऊ थी, जिसका उद्देश्य युद्ध छेड़ना, आपसी दुश्मनी को बढ़ावा देना और पैगंबर मुहम्मद का अपमान करना था.

हरिद्वार धर्म संसद: मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण देने के मामले में यति नरसिंहानंद रिहा

हरिद्वार धर्म संसद मामले में पिछले महीने गिरफ़्तार कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने जेल से रिहा होने के बाद कहा कि जितेंद्र नारायण त्यागी के बिना उनकी रिहाई का कोई मतलब नहीं है और उनकी रिहाई के लिए वह भूख हड़ताल फिर शुरू करने जा रहे हैं. जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी इस मामले के सह-अभियुक्त हैं.

महिलाओं के ख़िलाफ़ ‘अपमानजनक टिप्पणी’ मामले में कट्टरपंथी नेता यति नरसिंहानंद को ज़मानत

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में हरिद्वार की एक अदालत ने दिसंबर 2021 में शहर में आयोजित हुए विवादास्पद धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण देने और उनके नरसंहार का आह्वान करने के मामले में यति नरसिंहानंद को ज़मानत दे दी थी.

हरिद्वार धर्म संसद मामले में गिरफ़्तार कट्टरपंथी धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद को ज़मानत मिली

बीते साल दिसंबर में उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ खुलकर नफ़रत भरे भाषण देने के साथ उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया था. कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद इस धर्म संसद के आयोजकों में से एक थे. उन्होंने भड़काऊ बयानबाज़ी करते हुए कहा था कि वह ‘हिंदू प्रभाकरण’ बनने वाले व्यक्ति को एक करोड़ रुपये देंगे.

‘धर्म संसद’ मामले में एसआईटी के गठन की मांग लेकर तीन पूर्व सैन्य अधिकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

भारतीय सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों ने अपनी याचिका में कहा है कि देशद्रोही और विभाजनकारी भाषणों ने न केवल आपराधिक क़ानून का उल्लंघन किया, बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 पर भी हमला किया है. ये भाषण राष्ट्र के धर्म-निरपेक्ष ताने-बाने पर दाग लगाते हैं और सार्वजनिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की गंभीर क्षमता रखते हैं.

यति नरसिंहानंद महिलाओं के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में गिरफ़्तार

कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता नरसिंहानंद को बीते साल सितंबर महीने में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. नरसिंहानंद पिछले महीने ​हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ के आयोजकों में से एक रहे हैं, जिसमें कथित तौर पर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण देने के साथ उनके नरसंहार का आह्वान किया गया था.

हरिद्वार धर्म संसद: हेट स्पीच मामले में पहली गिरफ़्तारी, पुलिस से बोले नरसिंहानंद- ‘तुम सब मरोगे’

उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' में नफ़रत भरे भाषण देने के मामले में पुलिस ने कुछ माह पूर्व हिंदू धर्म अपनाने वाले वसीम रिज़वी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ़्तार किया है. वहीं, यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को आईपीसी की धारा 14 के तहत पेश होने के नोटिस भेजे गए हैं.

धर्म संसद: नफ़रत फ़ैलाने वाले भाषण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं अन्य को नोटिस जारी किए

सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों हरिद्वार और दिल्ली में हुए ‘धर्म संसद’ में कथित रूप से मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने और उनके नरसंहार का आह्वान करने वालों पर कार्रवाई करने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रहा है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं को भविष्य में इसी तरह के कार्यक्रमों को लेकर अपनी चिंताओं के संबंध में प्रतिवेदन स्थानीय प्राधिकरण को देने की भी अनुमति दी.

‘धर्म संसद’ में नफ़रत भरे भाषण को लेकर कार्रवाई संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राज़ी

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा दायर याचिका में बीते दिसंबर महीने में हरिद्वार में हुए ‘धर्म संसद’ के दौरान मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषणों की एक विशेष जांच दल द्वारा स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है.

प्रवासी भारतीयों ने ‘धर्म संसद’ में नफ़रत भरे भाषण देने वालों की गिरफ़्तारी की मांग की

विभिन्न वैश्विक संगठनों के एक समूह द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि पिछले महीने हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर भड़काऊ भाषणों पर दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड, फिनलैंड और न्यूज़ीलैंड में प्रवासी समूहों ने अपना रोष जताया है.

एफ़आईआर और एसआईटी जांच के विरोध में ‘​हरिद्वार धर्म संसद’ के आयोजक ‘प्रतिकार सभा’ करेंगे

बीते दिसंबर महीने में हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में कथित तौर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत भरे बयान देने के अलावा उनके नरसंहार का आह्वान किया था. इस मामले में क​ट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद समेत कई अन्य लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए गए हैं. इस बीच यूपी के अलीगढ़ में प्रस्तावित ‘धर्म संसद’ पर रोक लगाने की मांग की गई है.