बीते 13 जुलाई को लखनऊ स्थित लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद ये गिरफ़्तारियां हुई हैं. गिरफ़्तार चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बीते 15 जुलाई को यहां हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. दो और लोगों को पूजा करने और एक व्यक्ति को नमाज़ पढ़ने के लिए गिरफ़्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले की घटना. एक सफाईकर्मी कथित तौर पर अपनी कचरा गाड़ी में कूड़ा समेटकर ले जा रहा था. सफाईकर्मी का कहना है कि उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए कूड़ा इकट्ठा कर ट्रॉली में डाला था. कूड़े के साथ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें भी आ गईं तो इसमें उनकी क्या ग़लती है.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को इलाहाबाद में हुई हिंसा के संबंध में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल रहे जावेद मोहम्मद को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. उनके वकील का कहना है कि पुलिस उनके ख़िलाफ़ जब कोई ठोस सबूत जुटाने में विफल रही तो उसने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगा दिया.
सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि हिंसा के हालिया मामलों के आरोपियों की संपत्तियों में और तोड़फोड़ न की जाए.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के शंकर पटखौली और महराजगंज ज़िले के सोहवल गांवों में प्रशासन की तरफ़ से अवैध क़ब्ज़े का आरोप लगाते हुए क़रीब 50 परिवारों को घर छोड़ने और हज़ारों रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है.
लखनऊ स्थित सरकारी लोहिया अस्पताल पर इलाज का ख़र्च बढ़ाने पर कांग्रेस और सपा ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि भाजपा चाहती है कि अगर ग़रीब भूख और बेरोज़गारी से किसी तरह बच जाए तो बीमारी उसे मार डाले. धर्म के नाम पर अधर्मियों के झुंड ने सत्ता हथिया ली है. सपा ने कहा कि ये है डबल इंजन सरकार, जिसमें ग़रीब के लिए सब महंगा, पूंजीपतियों के लिए सब फ्री है.
बीते पांच जुलाई को जारी शासनादेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विभागों को 31 जुलाई तक ऐसे कर्मचारियों की स्क्रीनिंग का काम पूरा कर 15 अगस्त तक इसकी सूचना कार्मिक विभाग को देने को कहा गया है.
जानकारी के अनुसार, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के बाहरी इलाके नंदन नगर के एक क़ब्रिस्तान में कथित तौर पर हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने पहले तो बुलडोज़र चलाकर ज़मीन साफ़ की और फिर बांस का अस्थायी ढांचा खड़ा करके उसमें शिवलिंग स्थापित कर दिया और आसपास संगठन के बैनर-झंडे व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें लगा दीं. प्रशासन ने बाद में इस ढांचे को हटा दिया.
आरोप है कि बंगाल के मालदा के रहने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तीन छात्र जब अपने परिचितों को रेलवे स्टेशन पर छोड़कर जा रहे थे तो रेलवे पुलिस ने उन्हें रोककर पूछताछ की. छात्रों के पास प्लेटफॉर्म टिकट नहीं थे, जिस पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें यह कहते हुए पीटना शुरू कर दिया कि यहां 'बाबा' का राज चलता है, 'ममता दीदी' का नहीं कि तुम जो चाहे वो करो.
झूठ का पहाड़ जब ढहने लगे, क्रूरता के क़िले की दीवार में सेंध लग जाए, रंगे सियार का उतरने लगे रंग, तो सबसे बड़ा सहारा है... बुलडोजर.
विपक्ष की राजनीति का केंद्र मानी जाने वाली आज़मगढ़ लोकसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव होना है. आज तक यहां से कभी जीत हासिल न करने वाली भाजपा ने इस बार अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है, वहीं सपा और बसपा भी अपनी जीत के दावे के साथ जातीय समीकरण साधने में लगे हैं.
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद, सहारनपुर समेत कई शहरों में बीते 10 जून को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और पार्टी से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. यूपी पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में अब तक 357 लोग गिरफ़्तार किया है और कुल 13 एफ़आईआर दर्ज की है.
केंद्र सरकार दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करके 'अग्निपथ' योजना लेकर आई है, जिसके तहत युवाओं को चार साल के अनुबंध पर सेना में नौकरी पर रखा जाएगा. इसके विरोध में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने बिहार, यूपी और राजस्थान में विरोध प्रदर्शन किए हैं. पूर्व सैन्य अधिकारियों और विपक्ष ने भी योजना पर सवाल उठाए हैं.
द वायर के साथ बातचीत में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस गोविंद माथुर ने कहा कि जैसा उत्तर प्रदेश में चल रहा है, ऐसा ही चलता रहा तो क़ानून या पुलिस की ज़रूरत ही नहीं रहेगी. जो भी हो रहा है वो मनमाना है.
उत्तर प्रदेश में हाल ही में प्रदर्शनकारियों के कथित 'अवैध निर्माण' को प्रशासन द्वारा तोड़ने की कार्रवाई पर स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए देश के 12 पूर्व न्यायाधीशों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उन्हें आशा है कि अदालत ऐसे महत्वपूर्ण समय में नागरिकों और संविधान को निराश नहीं करेगी.