उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जेएनयू की छात्रा आफ़रीन फ़ातिमा के पिता और वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता जावेद मोहम्मद के इलाहाबाद स्थित घर को बुलडोज़र चलाकर जमींदोज कर दिया था. यह क़दम पुलिस द्वारा जावेद को 10 जून को शहर में हुए प्रदर्शनों का ‘मास्टरमाइंड’ बताए जाने के बाद उठाया गया था. पैगंबर मोहम्मद के बारे में भाजपा नेताओं के बयानों के बाद उक्त प्रदर्शन हुए थे.
मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दो नई याचिकाएं दायर कर उत्तर प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की कि राज्य में उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोई और निर्माण न गिराया जाए तथा इस तरह की कवायद पर्याप्त नोटिस देने के बाद ही की जाए. बीते 10 जून को हिंसा के बाद प्रशासन ने कई आरोपियों के घरों को बुलडोज़र चलाकर ध्वस्त कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित अभद्र टिप्पणी करने वाले युवक की पहचान 19 साल अकरम अली के रूप में हुई. युवक ने 12 जून को अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ यह टिप्पणी पोस्ट की थी.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आठ ज़िलों में बीते 10 जून को जुमे की नमाज़ के बाद पैगंबर मोहम्मद पर निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 13 एफ़आईआर दर्ज किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि दोषियों के ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए कि एक मिसाल कायम करे.
पैगंबर मोहम्मद को लेकर निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयानों के विरोध में इलाहाबाद में हुई हिंसा के संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस ने वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और सीएए विरोधी प्रदर्शनों में एक प्रमुख चेहरा रहे जावेद मोहम्मद को 10 अन्य लोगों के साथ ‘मुख्य साजिशकर्ता’ बताया है. वह छात्र कार्यकर्ता आफ़रीन फ़ातिमा के पिता हैं. जावेद फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सहारनपुर में दो संपत्तियों को और कानपुर में एक इमारत को अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया है. इलाहाबाद में भी छात्र कार्यकर्ता आफ़रीन फ़ातिमा के घर को तोड़ने की कार्रवाई हुई है. ये संपत्तियां पैगंबर मोहम्मद को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी के ख़िलाफ़ हुए विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले आरोपियों और उनसे जुड़े लोगों की थीं.
पहले कभी किसी शहर में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री वगैरह का दौरा होता है तो माना जाता है कि कम से कम उस दिन वहां सफाई, पानी, बिजली आपूर्ति के साथ शांति व्यवस्था भी चाक-चौबंद रहेगी. लेकिन यूपी में अब सब इतना ‘बदल’ गया है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के दौरे पर उपद्रव और मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री के दौरे के वक़्त हत्याएं तक हो जा रही हैं और किसी भी स्तर पर इसकी शर्म नहीं महसूस की जा रही.
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यूपी के स्कूलों में मराठी को वैकल्पिक भाषा के रूप में पढ़ाने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि मराठी सीखने से इन छात्रों के महाराष्ट्र आने पर उनके अच्छी नौकरियां पाने की संभावना बढ़ेगी.
हादसे में 19 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. धमाका इतना ज़ोरदार था कि आसपास स्थित कुछ फैक्ट्रियों की छतें क्षतिग्रस्त हो गईं. दमकल की गाड़ियों को फैक्ट्री में लगी आग पर काबू पाने में तीन घंटे का समय लगा. पुलिस ने कहा कि हादसे के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रोज़ाना एक नया मुद्दा नहीं उठाना चाहिए. हमको झगड़ा क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के बारे में हमारी श्रद्धा परंपरा से चलती आई है, पर हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? वो भी एक पूजा है. ठीक है बाहर से आई है, लेकिन जिन्होंने अपनाया है वो मुसलमान बाहर से संबंध नहीं रखते. यद्यपि पूजा उनकी उधर की है, उसमें वो रहना चाहते हैं तो अच्छी बात है. हमारे यहां किसी पूजा का
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में भाजपा की एक दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद काशी ने जो अंगड़ाई ली है, वह हम सबके सामने है. काशी में काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन होने के बाद प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे है.
ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी द्वारा अपने वकील के माध्यम से एक आवेदन दायर किया गया था, जिसमें आगे बढ़ने से पहले अदालत में लंबित मुक़दमों की स्थिरता (मुक़दमा चलाने लायक है या नहीं) पर निर्णय लेने की मांग की गई थी. अदालत ने मंगलवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
विपक्ष ने योगी सरकार के उस कथित दिशानिर्देश पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें अपात्र कार्डधारकों को अपना कार्ड लौटाने अन्यथा खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने दिशानिर्देशों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अगर तथाकथित अपात्र लोग ख़ुद राशन कार्ड नहीं देते हैं तो इनसे कोरोना जैसी महामारी के दौरान दिए गए राशन की वसूली और कुर्की तक की जाएगी.
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में कथित रूप से खोजे गए ‘शिवलिंग’ की एक तस्वीर पोस्ट की थी और खोज की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए व्यंग्य किया था. वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर की गई टिप्पणी पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर ख़ारिज करने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर के समक्ष दायर दीवानी वाद अब वाराणसी जिला न्यायाधीश वाराणसी को ट्रांसफर किया जाएगा. पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी की एक निचली अदालत याचिका दायर कर आरोप लगाया गया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवी-देवता हैं और हिंदुओं को इस जगह पर प्रार्थना करने की अनुमति दी जानी चाहिए.