क्या हिंसा की संस्कृति अब भारत की पहचान बनती जा रही है

अगर किसी के ख़िलाफ़ शक़ और नफ़रत समाज में भर दी जाए तो उस पर हिंसा आसान हो जाती है क्योंकि उसका एक कारण पहले से तैयार कर लिया गया होता है. आज हिंसा और हत्या की इस संस्कृति को समझना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है इसके पहले कि यह देश को पूरी तरह तबाह कर दे.

लखीमपुर खीरी हिंसाः राज्यमंत्री के ड्राइवर के पीछे रह गया है क़र्ज़ और ग़रीबी से जूझता परिवार

लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकोनिया में तीन अक्टूबर को चार किसानों के साथ भाजपा के दो कार्यकर्ताओं, राज्यमंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर हरिओम और एक पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई थी. घर के एकमात्र कमाने वाले हरिओम के परिवार में सालों से बीमार पिता, वृद्ध मां और छोटे भाई-बहन हैं.

लखीमपुर खीरी हिंसा: एक मृतक की मां ने कहा- दोषियों को फ़ांसी दी जाए

वीडियो: बीते तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान 19 वर्षीय लवप्रीत सिंह की भी जान चली गई थी. उनके परिवार का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार से कुचलकर उनकी मौत हुई. परिवार दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहा है. याक़ूत अली और मुकुल सिंह चौहान की रिपोर्ट.

लखीमपुर खीरी: कितनी हिंसा झेल पाएगा किसान आंदोलन

वीडियो: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के विरोध में बीते तीन अक्टूबर को वहां के आंदोलित किसानों ने ज़िले में स्थित उनके पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था. आरोप है कि केंद्रीय मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. इस मुद्दे पर किसान नेता

लखीमपुर खीरी हिंसा: जीने-मरने के सवालों पर नहीं, तो कब की जानी चाहिए राजनीति

जो लोग विपक्ष पर राजनीति करने की तोहमत मढ़ रहे हैं, वे भी एक ख़ास तरह की राजनीति ही कर रहे हैं. जब वे किसी भी तरह अप्रिय सवालों को टालने की हालत में नहीं होते, तो चाहते हैं कि वे पूछे ही न जाएं!

लखीमपुर हिंसा: किसान मोर्चा ने यूपी सरकार की एसआईटी को ख़ारिज किया, ‘रेल रोको’ आंदोलन की चेतावनी

केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों के संगठन ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच और जांच आयोग को ख़ारिज करता है. मोर्चा ने मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने और इसकी निगरानी सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा किए जाने की मांग उठाई.

लखीमपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए क़दमों से संतुष्ट नहीं: सुप्रीम कोर्ट

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के पूछताछ के लिए नोटिस भेजने की सूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि आप क्या संदेश दे रहे हैं. क्या अन्य आरोपी, जिनके ख़िलाफ़ हत्या के तहत मामला दर्ज किया जाता है, उसके साथ भी ऐसा ही व्यवहार होता है. शुक्रवार को आशीष मिश्रा पुलिस के सामने पेश नहीं हुए थे.

लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा को लेकर एक मृतक के परिवार ने कहा- वह ग़ुंडा है

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा द्वारा किसानों को दी गई चेतावनी का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर उनके बेटे आशीष मिश्रा द्वारा वाहन चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.

किसानों ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मृतकों के पोस्टमॉर्टम पर संदेह जताया

वीडियो: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बीते तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनके परिजनों को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है. इसके अलावा किसानों का आरोप है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली है, उसमें गोली लगने का जिक्र नहीं है, जबकि मौत का कारण वाहन से कुचलने के अलावा गोली लगना भी है. किसानों में इस बात को लेकर भी रोष है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय

क्या लखीमपुर हिंसा का असर योगी आदित्यनाथ की चुनावी संभावनाओं पर पड़ेगा?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के सामूहिक बलात्कार और मौत के बाद किसी अन्य घटना ने इतना ध्यान आकर्षित नहीं किया, जितना हाल ही में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों को निर्ममतापूर्ण तरीके से कुचल देने की घटना ने किया है. दूसरी ओर ठोस कार्रवाई करने में उत्तर प्रदेश सरकार की ढिलाई ने किसानों के गुस्से को शांत करने के बजाय और बढ़ा दिया है.

मनीष गुप्ता की मृत्यु फिर एक मौक़ा है कि उत्तर प्रदेश के लोग यह साबित करें कि वे ज़िंदा इंसान हैं

उत्तर प्रदेश पुलिस की बुनियादी गै़र क़ानूनी हरकत पर सवाल नहीं किया गया है. हम मान बैठे हैं कि पुलिस को कहीं भी, किसी भी वक़्त बेधड़क घुस जाने, किसी को, किसी भी अवस्था में उठा लेने का हक़ है. वह मारपीट कर सकती है, यह तो उसे सच उगलवाने के लिए करना ही पड़ता है: यही हमारी समझ है और इसलिए पुलिस कार्रवाई में कोई मारा जाए, इससे तब तक विचलित नहीं होते जब तक वह हमारा अपना न

राजद्रोह मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ क़ुरैशी की गिरफ़्तारी पर रोक

पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ क़ुरैशी ने गिरफ़्तारी पर रोक लगाने और एक भाजपा नेता द्वारा बीते पांच सितंबर को उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के सिविल लाइंस पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था. आरोप है कि आज़म ख़ान के घर जाने और उनकी पत्नी से मुलाकात करने के बाद क़ुरैशी ने राज्य सरकार के ख़िलाफ़ अपमानजनक बयान दिया था.

उत्तर प्रदेश: कथित ‘इस्लाम कबूलने’ वाले वीडियो को लेकर दर्ज केस में दोनों लड़के नाबालिग हिंदू निकले

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले का मामला. परिजनों ने एफ़आईआर पर हैरानी जताते हुए कहा कि उनके लड़के कक्षा 12 में पढ़ते हैं और वे अपने दोस्तों के बीच महज़ ‘बातचीत’ कर रहे थे. इसे लेकर बेवजह किसी ने शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत दर्ज कराने वाले भाजपा नेता ने कहा कि वीडियो के चलते लोगों में ग़ुस्सा है और इसके चलते धार्मिक विद्वेष फैल सकता है.

महंत नरेंद्र गिरि की मौत को आत्महत्या क़रार देने उत्तर प्रदेश पुलिस ने क्यों दिखाई जल्दबाज़ी?

वीडियो: इलाहाबाद में महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत काफी गर्म हो गई है. कोई इसे आत्महत्या बता रहा है तो कोई हत्या, लेकिन इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि की मौत को आत्महत्या क्यों बताया? उन्होंने इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई? वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

यूपी: क्या चुनाव से पहले योगी कैबिनेट का विस्तार जातीय समीकरण साधने की क़वायद है

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार मंत्रिमंडल विस्तार में पिछड़ी मानी जाने वाली जातियों के नेताओं को जगह देकर उनकी शुभचिंतक होने का डंका पीट रही है. हालांकि जानकारों का सवाल है कि यदि ऐसा ही है तो प्रदेश के यादवों, जाटवों और राजभरों पर उसकी यह कृपा क्यों नहीं बरसी?

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