प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को पहली बार साल 2015 में सरकार द्वारा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य युवाओं को कौशल प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित करना था.
राजस्थान विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि सत्ता आती-जाती रहती है. इंदिरा गांधी की सत्ता भी चली गई जबकि लोग कहते थे कि उन्हें कोई हटा नहीं सकता. एक दिन आप भी चले जाएंगे इसलिए हालात इतने भी न बिगाड़े कि सुधारा न जा सके.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उदयपुर में पार्टी द्वारा की गई घोषणा का हवाला देते हुए अपने सहयोगियों से कहा है कि उनका इरादा अगले साल होने वाले कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में 50 फीसदी टिकट युवाओं के लिए आरक्षित रखने का है.
घाटी में 1980 के दशक के अंत तक लगभग एक दर्जन सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल थे, लेकिन आतंकवाद के उभार के चलते उन्हें बंद करना पड़ा. अब श्रीनगर में पहला मल्टीप्लेक्स खोला जा रहा है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लिखे एक आलेख में कहा कि विभाजनकारी राजनीति तात्कालिक फ़ायदा भले पहुंचाए लेकिन यह देश की प्रगति में बाधा खड़ी करती है.
अगर मोदी सरकार हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के 2014 के लोकसभा चुनाव के अपने वादे पर ईमानदारी से अमल करती, तो इन आठ सालों में सोलह करोड़ युवाओं को नौकरियां मिल चुकी होतीं! अब एक ओर बेरोज़गारी बेलगाम होकर एक के बाद एक नए कीर्तिमान बना रही है, दूसरी ओर उसके प्रति सरकार की ‘गंभीरता’ का आलम यह है कि समझ में नहीं आता कि उसे लेकर सिर पीटा जाए या छाती.
केंद्र सरकार की नई अग्निपथ योजना को लेकर जारी देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विवादित कृषि क़ानूनों को वापस लेना पड़ा था, उसी तरह उन्हें ‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेना पड़ेगा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस योजना को 'दिशाहीन' बताया है.
नौकरी को लेकर युवाओं का कोई भी प्रदर्शन केवल उनकी अपनी नौकरी को लेकर है. इसलिए नौकरी और युवाओं का कथित आक्रोश राजनीतिक मुद्दा होते हुए भी वोट का मुद्दा नहीं है. जिस लड़ाई को आप लड़ने चले हैं, उसे आप बहुत पहले रौंद चुके हैं. आपने दूसरों की ऐसी अनेक लड़ाइयां ख़त्म की, मैदान तक ख़त्म दिए. अब जब मैदान दलदल में बदल गया है, तब उसमें लड़ाई के लिए उतरे हैं. आप फंसते चले जाएंगे.
केंद्र सरकार द्वारा रक्षाकर्मियों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' योजना के विभिन्न राज्यों में व्यापक विरोध के बीच विपक्ष ने इस योजना को देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है. बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू और पंजाब में भाजपा के साथ जुड़े अमरिंदर सिंह ने भी योजना पर पुनर्विचार की मांग की है.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, मई में भारत की बेरोज़गारी दर 7.1% रही. आंकड़े मूल रूप से दावा करते हैं कि सही प्रकार की नौकरियां न मिलने से निराश होकर कामकाजी उम्र के 90 करोड़ भारतीयों में से आधों, विशेष रूप से महिलाओं, ने रोज़गार की तलाश करना ही बंद कर दिया है.
रेलवे में पदों को ख़त्म करने को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है. यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम? वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नई नौकरियां देने में नहीं, बल्कि बची हुईं नौकरियां छीनने में सक्षम है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 30.1 प्रतिशत मौतें और 26 प्रतिशत चोट की घटनाएं हेलमेट और 11 प्रतिशत से अधिक मौतें और घायल होने की घटनाएं सीट बेल्ट का उपयोग न करने के कारण हुईं.
ग्राउंड रिपोर्ट: बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले के कर्वी ब्लॉक का रसिन राज्य के लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय का गांव है. यहां ग्रामीण विस्थापन, बेरोज़गारी, आवारा पशु जैसी कई समस्याएं बताते हैं, हालांकि मतदान को लेकर उनकी राय मुद्दों की बजाय स्पष्ट तौर पर जातिगत समीकरणों पर आधारित है.
चार जनवरी को इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अचानक सड़कों पर निकल आए और ताली-थाली पीटते हुए लंबित भर्तियों को भरने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि वे रोज़गार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर सोई हुई सरकार को नींद से जगाना चाहते हैं.
पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में पहले के मुकाबले कम सरकारी नौकरियां हैं, लिहाज़ा युवाओं में कुंठा के भाव पैदा हो रहे हैं. पिछले दो वर्षों में सिर्फ उत्तर प्रदेश में पेपर लीक होने की वजह से 17 परीक्षाएं स्थगित की जा चुकी हैं और अभी तक इसमें शामिल किसी बड़े सिंडिकेट की पहचान नहीं की जा सकी है.