वीडियो: बीते कुछ समय में कई राज्यों में विभिन्न पेपर लीक हुए हैं और अलग-अलग सरकारी भर्तियों में अनियमितताएं सामने आई हैं. यह मुद्दे युवाओं को किस तरह प्रभावित कर रहे हैं, इस बारे में द वायर हिंदी के पत्रकार अंकित राज और दिल्ली यूनिवर्सिटी की शिक्षक डॉ. माया जॉन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
इस योजना ने इन गांवों और युवाओं का जीवन किस तरह प्रभावित किया है? क्या अब ये फौजियों के गांव नहीं कहलाए जाएंगे? जीवन का एकमात्र सपना बिखर जाने के बाद ये युवक अब क्या कर रहे हैं? क्या सेना को इस योजना की आवश्यकता है? क्या सेना के आधुनिकीकरण के लिए यह एक अनिवार्य कदम है?
इन प्रश्नों की पड़ताल के लिए द वायर ने देश के ऐसे कई इलाकों की यात्रा की. इस सिलसिले में पहली क़िस्त हरियाणा
भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिलना इस बात का संकेत है कि उसकी घृणा की राजनीति का वर्चस्व भारत में काफी कठिन है.
महाराष्ट्र देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है, लेकिन वर्षों से सरकारी नौकरी की तैयारी करते इसके हज़ारों युवा नागरिक पेपर लीक या किसी अन्य घोटाले के चलते परीक्षा रद्द होने से निराश होकर आत्महत्या जैसे घातक क़दम उठा रहे हैं.
गलगोटिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर जो सवाल उठा, वह किसी एक कैंपस का मामला नहीं है. तमाम सरकारी विश्वविद्यालयों का भी गलगोटियाकरण हो रहा है. इस प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्रसंघ और गलगोटियातुर छात्रों की भूमिका अहम है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंदी अंचल इस समय भाजपा और हिंदुत्व के प्रभाव में है, लगभग चपेट में. इस दौरान सार्वजनिक व्यवहार में कुल पंद्रह क्रियाओं से ही काम चलता है. ये हैं: रोकना, दबाना, छीनना, लूटना, चिल्लाना, मिटाना, मारना, पीटना, भागना, डराना-धमकाना, ढहाना, तोड़ना-फोड़ना, छीनना, फुसलाना, भूलना-भुलाना.
एक सरकारी नौकरी को पाने के लिए लाखों लाख युवा अपनी युवावस्था, अपनी उत्पादकता के सबसे चरम वर्षों को जिस पूरी यंत्रणा से गुज़ारते हैं, क्या वह वाकई ज़रूरी है?
निर्मम बलात्कार या यौन अपराधों के कई मामलों में अपराधी का पॉर्न देखने का आदी होना बड़ी वजह बनकर सामने आया है. पॉर्न देखने के मामले में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है, जिसमें 48% दर्शक युवा है. ऐसे में ज़रूरी है कि किशोर होते बच्चों को स्कूलों और सामुदायिक स्तर पर 'पॉर्न की सच्चाई’ को लेकर शिक्षित किया जाए.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को पहली बार साल 2015 में सरकार द्वारा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य युवाओं को कौशल प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित करना था.
राजस्थान विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि सत्ता आती-जाती रहती है. इंदिरा गांधी की सत्ता भी चली गई जबकि लोग कहते थे कि उन्हें कोई हटा नहीं सकता. एक दिन आप भी चले जाएंगे इसलिए हालात इतने भी न बिगाड़े कि सुधारा न जा सके.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उदयपुर में पार्टी द्वारा की गई घोषणा का हवाला देते हुए अपने सहयोगियों से कहा है कि उनका इरादा अगले साल होने वाले कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में 50 फीसदी टिकट युवाओं के लिए आरक्षित रखने का है.
घाटी में 1980 के दशक के अंत तक लगभग एक दर्जन सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल थे, लेकिन आतंकवाद के उभार के चलते उन्हें बंद करना पड़ा. अब श्रीनगर में पहला मल्टीप्लेक्स खोला जा रहा है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लिखे एक आलेख में कहा कि विभाजनकारी राजनीति तात्कालिक फ़ायदा भले पहुंचाए लेकिन यह देश की प्रगति में बाधा खड़ी करती है.
अगर मोदी सरकार हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के 2014 के लोकसभा चुनाव के अपने वादे पर ईमानदारी से अमल करती, तो इन आठ सालों में सोलह करोड़ युवाओं को नौकरियां मिल चुकी होतीं! अब एक ओर बेरोज़गारी बेलगाम होकर एक के बाद एक नए कीर्तिमान बना रही है, दूसरी ओर उसके प्रति सरकार की ‘गंभीरता’ का आलम यह है कि समझ में नहीं आता कि उसे लेकर सिर पीटा जाए या छाती.
केंद्र सरकार की नई अग्निपथ योजना को लेकर जारी देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विवादित कृषि क़ानूनों को वापस लेना पड़ा था, उसी तरह उन्हें ‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेना पड़ेगा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस योजना को 'दिशाहीन' बताया है.