कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के परीक्षण पर हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है. हालांकि भारत सरकार का कहना है कि इसके इस्तेमाल के बारे में देश में पर्याप्त अनुभव है, विभिन्न अध्ययन इसके उपयोग को सही ठहराते हैं.
मुंबई के भाटिया हॉस्पिटल की 82 नर्सों को न सिर्फ उनका घर छोड़ने पर मजबूर किया गया बल्कि उन्हें फ्लैट से उनका सामान भी नहीं लेने दिया गया क्योंकि पड़ोसियों और सोसाइटी के लोगों को डर लगने लगा था कि वे कोरोना वायरस का संक्रमण फैला सकती हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि देश में कोरोना वायरस के कारण अब तक 4,531 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 158,333 हो गए हैं.
आईसीएमआर ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की सूची जारी है जिन्हें फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर कोविड-19 का टेस्ट कराने की तत्काल जरूरत होगी. फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में चेक पॉइंट्स पर तैनात पुलिसकर्मी, बिल्डिंग सिक्योरिटी गार्ड, एयरपोर्ट स्टाफ, बस ड्राइवर और स्टाफ, सब्जी और दवा विक्रेताओं को चिह्नित किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 151,767 पर पहुंच गए और संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 4,337 हो गई.
द वायर द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि उत्तराखंड राज्य ने अप्रैल और मई महीने में लगभग 1.38 लाख बच्चों को मिड-डे मील मुहैया नहीं कराया है. राज्य ने इस दौरान 66 कार्य दिवसों में से 48 कार्य दिवसों पर ही बच्चों को राशन दिया.
बीते दो महीनों में दिल्ली में हज़ारों लोगों के बीच खाना और राशन पहुंचाते हुए देखा कि हम भूख के अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं. सैकड़ों लोग बेबसी और अनिश्चितता के अंधेरे में जी रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि अगला निवाला उन्हें कब और किसके रहमोकरम पर मिलने वाला है.
बीती एक मई को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 35,043 थी, जबकि 1,147 लोगों की मौत हो चुकी थी. कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों की वजह से भारत सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में 10वें स्थान पर पहुंच गया है.
बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के कारण 146 और लोगों के जान गंवाने के साथ ही देश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 4,167 हो गई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा कि मेडिकल जर्नल द लैंसेट में पिछले सप्ताह प्रकाशित एक अध्ययन में दिखाया गया था कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने वाले लोगों में इसे न लेने वाले लोगों की तुलना में हृदय की समस्याओं और मौत का अधिक खतरा है.
कोरोना वायरस महामारी के दुनिया भर में कुल मामलों की संख्या 54 लाख से अधिक हो गई है. वायरस के केंद्र रहे चीन के वुहान शहर में बिना लक्षण वाले मामले बढ़े. तुर्की में चार हज़ार से अधिक लोगों की जान गई.
देश में लगातार बढ़ोतरी के साथ संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 138,845 हो चुकी है और मरने वालों की संख्या चार हज़ार का आंकड़ा पार कर चुकी है. भारत कोरोना वायरस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित 10 देशों की सूची में शामिल हो गया है.
दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी से अब तक 3.41 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि संक्रमण के मामले बढ़कर 53 लाख से अधिक हो चुके हैं. भारत में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई, यहां अब तक 3,867 लोग जान गंवा चुके हैं.
मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 मरीजों पर मलेरिया रोधी क्लोरोक्वीन या हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाओं का इस्तेमाल क्लिनिकल ट्रायल्स के अलावा नहीं किया जाना चाहिए. इससे हृदय संबंधी परेशानियों के साथ मौत का खतरा भी बढ़ जाता है.
बीते दिनों केंद्र सरकार ने कोविड-19 संबंधी ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के क्वारंटीन नियमों में बदलाव करते हुए कहा है कि उन्हें तब तक क्वारंटीन में भेजने की ज़रूरत नहीं है, जब तक उन्हें या तो बहुत अधिक ख़तरा न हो या वायरस संक्रमण के लक्षण नज़र आ रहे हों. दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा इसका विरोध किया गया है.