जन गण मन की बात की 250वीं कड़ी में विनोद दुआ उपचुनावों के दौरान ईवीएम में आई ख़राबी और पिछले चार सालों के दौरान लोक विमर्श की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 51वीं कड़ी में उर्मिलेश कोबरापोस्ट वेबसाइट द्वारा विभिन्न मीडिया संस्थानों पर किए गए स्टिंग ऑपरेशन और तमिलनाडु के तूतीकोरिन में हुई हिंसा पर राजस्थान पत्रिका के सलाहकार संपादक ओम थानवी और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से चर्चा कर रहे हैं.
टाइम्स समूह ने अपने बयान में कहा है, ‘हमें पता था कि कोबरापोस्ट का रिपोर्टर संदेहास्पद है. हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी सच्चाई जानने के लिए उसे लपेटे में लिया ताकि उसके पीछे कौन है, इसका पता लगाया जा सके.’
कोबरापोस्ट के स्टिंग आॅपरेशन में टाइम्स समूह के एमडी विनीत जैन कहते नज़र आ रहे हैं कि एक कॉरपोरेट के तौर पर हमें निष्पक्ष दिखना है, मतलब देखने में निष्पक्ष लगना चाहिए.
मीडिया की कोबरापोस्ट स्टिंग पर कवरेज दिखाती है कि जब ख़ुद मीडिया पर सवाल उठते हैं, तब वह उसे कैसे रिपोर्ट करता है.
कोबरापोस्ट के स्टिंग ‘ऑपरेशन 136’ की दूसरी कड़ी में देश के कई नामचीन मीडिया संस्थान सत्ताधारी दल के लिए चुनावी हवा तैयार करने के लिए आध्यात्मिकता और धार्मिक प्रवचन के ज़रिये हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए सहमत होते नज़र आए.
जब कोबरापोस्ट के स्टिंग में देश के प्रमुख मीडिया संस्थान बिकने को बेताब दिखे, वहीं पश्चिम बंगाल के बर्तमान पत्रिका और दैनिक संबाद अख़बारों ने कोबरापोस्ट की पेशकश यह कहते हुए ठुकरा दी कि इस तरह का कंटेंट प्रकाशित करना कंपनी पॉलिसी और संस्थान की आत्मा के ख़िलाफ़ है.
जन गण मन की बात की 249वीं कड़ी में विनोद दुआ पेड न्यूज़ को लेकर कोबरापोस्ट के स्टिंग आॅपरेशन और प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी पर चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने वेब पोर्टल कोबरापोस्ट के उस खुलासे पर रोक लगा दी है, जिसमें वह पेड न्यूज़ से जुड़ी अपनी खोजी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने वाला था.
हनुमान की यह छवि रचने वाले कलाकार करण आचार्य का कहना है कि उनके हनुमान शक्तिशाली हैं न कि दमनकारी. लेकिन जो इसे गर्व के साथ जोड़कर देख रहे हैं, वे शायद बिल्कुल ऐसा नहीं सोचते.
एनसीईआरटी ने 12वीं कक्षा की नई किताब में भाजपा को मुस्लिम महिलाओं के हितों का पक्षधर बताया गया है.
मोदी सरकार आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सावधानी के साथ उस विचारधारा को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है, जिसका देश के स्वाभाविक मिज़ाज़ के साथ कोई मेल नहीं है.
पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं. मैंने असीमानंद को बताया कि बंगाल में स्थिति ख़राब है और हमें यहां काम करने की ज़रूरत है. इस पर वो सहमत हैं.’
उत्तर प्रदेश उपचुनाव में मुंह की खाने के बाद भाजपा को लगने लगा है कि साल 2019 में उसकी चुनावी वैतरणी विकास से नहीं बल्कि दंगे और उससे होने वाले मतों के ध्रुवीकरण से पार लगेगी.
ख़ुफ़िया कैमरे की मदद से किए गए कोबरापोस्ट के ‘ऑपरेशन 136’ में देश के कई नामचीन मीडिया संस्थान सत्ताधारी दल के लिए चुनावी हवा तैयार करने को राज़ी होते नज़र आ रहे हैं.