आईआईएमसी: लिखित आश्वासन मिलने के बाद छात्रों ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ धरना ख़त्म किया

असंगत शिक्षण शुल्क के ख़िलाफ़ नई दिल्ली स्थित आईआईएमसी के छात्र बीते तीन दिसंबर से ही धरने पर बैठे थे. अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद प्रशासन ने कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाने और फीस की समीक्षा करने की बात कही है. इसके साथ ही अगले आदेश तक सेकेंड सेमेस्टर की फीस जमा करने के सर्कुलर पर रोक लगा दी गई है.

/
फोटो साभार: ट्विटर

असंगत शिक्षण शुल्क के ख़िलाफ़ नई दिल्ली स्थित आईआईएमसी के छात्र बीते तीन दिसंबर से ही धरने पर बैठे थे. अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद प्रशासन ने कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाने और फीस की समीक्षा करने की बात कही है. इसके साथ ही अगले आदेश तक सेकेंड सेमेस्टर की फीस जमा करने के सर्कुलर पर रोक लगा दी गई है.

फोटो साभार: ट्विटर
फोटो साभार: ट्विटर

नई दिल्ली: दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के छात्रों ने प्रशासन से लिखित आश्वासन मिलने के बाद फीस बढ़ोतरी के खिलाफ पिछले 15 दिनों से चल रहे अपने धरने को मंगलवार को खत्म कर दिया.

आईआईएमसी में छात्र बीते 3 दिसंबर से ही संस्थान की बढ़ती फीस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और धरने पर बैठ गए थे. कैंपस परिसर में उनका यह धरना दिन-रात चल रहा था. छात्रों का कहना था कि उनका विरोध प्रदर्शन असंगत शिक्षण शुल्क के खिलाफ है. उन्होंने कहा था कि चूंकि आईआईएमसी एक सरकारी संस्थान है, इसे देखते हुए यह शुल्क बहुत अधिक है.

बता दें कि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले आईआईएमसी में रेडियो और टीवी पत्रकारिता की फीस 1,68,000 रुपये, विज्ञापन एवं जनसंपर्क की फीस 1,30,000 रुपये और हिंदी एवं अंग्रेजी पत्रकारिता की फीस 95,500 रुपये है. साल 2008 से इसमें हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है. पिछले तीन सालों में कई कोर्स की फीस दोगुनी से भी अधिक बढ़ गई है.

इसके साथ ही छात्र-छात्राएं लाइब्रेरी को 24 घंटे खोलने, रीडिंग रूम उपलब्ध कराने, छात्राओं के वॉशरूम में सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाने, कर्फ्यू टाइमिंग खत्म करने, मेस की व्यवस्था दुरुस्त करने, जिम खोलने की भी मांग कर रहे हैं.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि 16 दिसंबर को आईआईएमसी, नई दिल्ली के छात्रों ने मांगों को मानने के लिए प्रशासन को 24 घंटे में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने का अल्टीमेटम दिया था. उन्होंने कार्यकारी परिषद या संबंधित अधिकारियों की तत्काल मीटिंग बुलाने और 11 दिसंबर 2019 को जारी सर्कुलर को रद्द करने की मांग की थी.

IIMC Protest End

अंग्रेजी पत्रकारिता के छात्र राहुल यादव ने कहा, ‘हम लंबे समय से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 16 दिसंबर को करीब 10 बजे हमने आईआईएमसी प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया कि अगर हमारी मांगे तत्काल नहीं मांगी गईं तो हम अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे. हम जैसे ही भूख हड़ताल पर बैठे वैसे ही प्रशासन ने छात्र प्रतिनिधियों को बुलाकर एक 17 दिसंबर की तारीख का एक लिखित सर्कुलर दिया. इस सर्कुलर में उन्होंने हमारी मांगे मानने का आश्वासन दिया.’

इसके बाद 17 दिसंबर को आईआईएमसी प्रशासन ने फैसला किया कि वे 2 जनवरी, 2020 को तत्काल प्रभाव से कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाएंगे. इस बैठक में उन्होंने पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की फीस की समीक्षा करने की बात कही है.

इसके साथ ही आईआईएमसी प्रशासन ने 11 दिसंबर को जारी आईआईएमसी के सर्कुलर पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

बता दें कि, 11 दिसंबर 2019 के सर्कुलर में संस्थान की सेकेंड सेमेस्टर की फीस जमा करने के लिए निर्धारित 15 जनवरी की तारीख को एक महीने बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया था. छात्रों की मांग थी कि कोई फैसला लिए जाने से पहले सेकेंड सेमेस्टर की फीस जमा करने के सर्कुलर को रद्द किया जाए.

आईआईएमसी प्रशासन द्वारा मिले इस लिखित आश्वासन के बाद छात्रों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के साथ अपने शांतिपूर्ण धरने को खत्म करने का फैसला किया.

द वायर से बात करते हुए रेडियो एवं टीवी पत्रकारिता के छात्र हृषिकेश ने कहा, ‘हमारी मांग थी कि कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाने और सेकेंड सेमेस्टर की फीस जमा करने को फैसले को रद्द किया जाएगा. हमारी दोनों मांगें मान ली गई हैं. हमें उम्मीद है कि सकारात्मक नतीजा निकलेगा.’

हिंदी पत्रकारिता के छात्र अधर ने कहा, ‘कार्यकारी बैठक तक हम उन्हें समय दे रहे हैं. हमारी कोशिश होगी कि इस बैठक में छात्रों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाए और हमें भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाए. इसके साथ रीडिंग रूम की जगह लाइब्रेरी को 24 घंटे खोले जाने की मांग पर भी हमारा जोर रहेगा.’

रेडियो एवं टीवी पत्रकारिता की छात्रा अंजनी ने कहा, ‘अभी हमारी लड़ाई पूरी नहीं हुई है. बम देखेंगे कि कार्यकारी परिषद क्या फीस स्ट्रक्चर लेकर आती है. अगर हम उससे सहमत नहीं होंगे तो हमारा विरोध जारी रहेगा.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq