नॉर्थ ईस्ट डायरी: रिश्वत देकर नौकरी लेने के आरोप में असम लोक सेवा आयोग के 21 अधिकारी गिरफ़्तार

इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिज़ोरम और मणिपुर के प्रमुख समाचार.

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इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिज़ोरम और मणिपुर के प्रमुख समाचार.

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गुवाहाटी: पुलिस ने असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) में नौकरी के बदले नकदी घोटाले के सिलसिले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया है और इसमें कथित तौर पर शामिल चार और नौकरशाहों की तलाश कर रही है. यह जानकारी डीजीपी मुकेश सहाय ने 11 नवंबर को दी.

पुलिस ने पहले 2015 बैच के 25 अधिकारियों की पहचान की थी जिन्होंने छेड़छाड़ की गयी उत्तर पुस्तिका के जरिए नौकरी पाने के लिए एपीएससी अधिकारियों को घूस दी थी.

इन 25 अधिकारियों में से 13 असम लोक सेवा, सात असम पुलिस सेवा और शेष संबद्ध लोक सेवा से संबंधित थे.

सहाय ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया, ‘हमने अब तक लोक सेवा के 21 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. सभी को 14 दिनों के लिए पुलिस रिमांड में भेजा गया है. मामले की जांच की जा रही है.’

उन्होंने यह भी बताया, ‘हम शेष चार अधिकारियों की तलाश कर रहे हैं. वे गिरफ्तारी से बच रहे हैं.

ज्ञात हो कि पुलिस ने हाल के दिनों में राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाइयों में से एक में तथाकथित दागी एपीएससी में नौकरी के लिए नकदी घोटाले के सिलसिले में आठ नवंबर को लोक सेवा के 16 अधिकारियों को गिरफ्तार किया था.

डीजीपी मुकेश सहाय ने यह भी कहा कि विश्वसनीय, मान्य और स्वीकार्य प्रमाणों को उजागर करते हुए जांच सबसे पारदर्शी तरीके से सही दिशा में चल रही है.

इससे पहले सहाय ने बताया, ‘हमारी जांच में हमने 25 उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाओं के संबंध में विशेषज्ञों की राय मांगी. फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ने उन पर अपनी राय दी.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मिली इस उपलब्धि पर पुलिस की प्रशंसा की और कहा कि रिश्वत देकर नौकरी पाने वाले किसी भी अधिकारी को छोड़ा नहीं किया जाएगा.

सोनोवाल ने कहा, ‘हमने पिछले साल एपीएससी कार्यालय से कुछ उम्मीदवारों की फर्जी उत्तर पुस्तिकाएं बरामद की थी. इस साल जून में हमने एपीएसी के जरिए चुने गए 25 अधिकारियों को समन भेजा, ताकि वे इन उत्तर पुस्तिकाओं से अपनी लिखावट को मिला सकें. फोरेंसिक लैब में इन पुस्तिकाओं को जब मिलाया गया, तो वे नकली निकलीं.’

नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार इस कार्रवाई पर उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई उदारता नहीं बरती जाएगी. हमारी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी. कोई भी आरोपी बचेगा नहीं और उसे गिरफ्तार किया जाएगा. हमने पुलिस से कहा है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए.

मणिपुर: राज्यपाल ने किया असम राइफल्स त्रि-राष्ट्र मोटरसाइकिल यात्रा का स्वागत

फोटो: ट्विटर
फोटो: ट्विटर

इंफाल: मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने आज त्रि-राष्ट्र मोटरसाइकिल यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया.

देश का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल असम राइफल्स भारत, बांग्लादेश और म्यामांर की भागीदारी वाली त्रिराष्ट मोटरसाइकिल यात्रा संचालित कर रहा ताकि इन देशों के बलों और लोगों के बीच संबंधों को प्रोत्साहित किया जा सके.

यह 2,150 किमी की यात्रा है, जो बांग्लादेश और म्यामांर के अलावा भारत के पूर्वोत्तर के छह राज्यों – मेघालय, असम, मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा से होकर गुजरेगी.

इस यात्रा का नाम सरदार वल्लभभाई पटेल एकजुटता एवं धरोहर मोटरसाइकिल यात्रा रखा गया है.

मेघालय: उच्च न्यायालय ने निरस्त किया संसदीय सचिव नियुक्ति क़ानून

फोटो साभार: bar & bench
फोटो साभार: bar & bench

शिलांग: मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस को झटका देते हुए उच्च न्यायालय ने 9 नवंबर को राज्य में संसदीय सचिवों की नियुक्ति के लिये साल 2005 के एक अधिनियम को निरस्त कर दिया.

मुख्य न्यायाधीश दिनेश माहेरी और न्यायमूर्ति वेद प्रकाश वैश की पीठ ने प्रदेश के राज्यपाल को 16 संसदीय सचिवों को मेघालय विधानसभा की सदस्यता के लिये अयोग्य ठहराने पर फैसला करने की भी अनुमति दे दी.

न्यायाधीशों ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका के निस्तारण के दौरान कहा कि चुनाव आयोग की राय के आधार पर इस संबंध में राज्यपाल का फैसला अंतिम होगा.

ज्ञात हो कि संसदीय सचिव मंत्रियों की सहायता के लिय राज्य सरकार द्वारा नियुक्त विधायक होते हैं.

न्यायाधीशों ने अपने फैसले में कहा कि मेघालय संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन-भत्ता एवं विविध प्रावधान) अधिनियम को राज्य विधायिका की विधायी योग्यता के अभाव में अवैध ठहराया जाता है और इसलिये इसे निरस्त किया जाता है.

फैसले में यह भी कहा गया, ‘परिणामस्वरूप संसदीय सचिवों की नियुक्ति की अधिसूचना और उसके बाद की गई अन्य कार्रवाई को अमान्य ठहराया जाता है क्योंकि उसे अवैध कानून के तहत जारी किया गया और कार्यान्वित किया गया.

हालांकि उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि राज्य विधानसभा के सदस्य के तौर पर उनकी अयोग्यता के सवाल पर फैसला राज्यपाल के लिये छोड़ा जाता है.

कांग्रेस सरकार ने शुरूआत में 18 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की थी. हालांकि, बाद में उनमें से दो को इस साल की शुरूआत में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. इन 16 में से एक ने इस्तीफा सौंप दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे अब तक स्वीकार नहीं किया है.

गौरतलब है कि 60 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 29 विधायक हैं. दो निर्दलीय विधायक अगस्त में भाजपा में शामिल हो गए थे. इससे पहले राज्य विधानसभा में भाजपा का कोई सदस्य नहीं था. राज्य में विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरूआत में होने वाले हैं.

अरुणाचल पर किसी दूसरे के रुख़ को लेकर चिंतित नहीं: रक्षा मंत्री

Kibithu : Defence Minister Nirmala Sitharaman interacting with the officers & Jawans at Kibithu, Arunachal Pradesh on Sunday.PTI Photo/pib(PTI11 5 2017 000124B)
अरुणाचल प्रदेश में सीमा की चौकी पर जवानों के साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अरुणाचल प्रदेश की उनकी यात्रा पर चीन की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्य भारतीय क्षेत्र है और इस पर किसी दूसरे के विचार से देश को कोई चिंता नहीं है.

सीतारमण ने बीते शनिवार और रविवार को इस सीमाई राज्य की पहली यात्रा की थी जिस पर चीन ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि विवादित क्षेत्र की उनकी यात्रा क्षेत्र की शांति के लिए ठीक नहीं है.

इस पर भारत ने चीन की आपत्ति को खारिज करते हुए जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है. अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन की आपत्ति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, क्या समस्या है, कोई समस्या नहीं है. वह हमारा क्षेत्र है, हम वहां जाएंगे.

गुजरात में होने वाले चुनाव के सिलसिले में भाजपा के लिए प्रचार कर रहीं निर्मला ने अहमदाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इस पर हम किसी दूसरे की राय से चिंतित नहीं है.’

रक्षा मंत्री ने रक्षा तैयारियों का जायजा लेने के लिए चीन की सीमा से लगे अनजा जिले में अग्रिम सीमा चौकियों का दौरा किया था. यह पूछे जाने पर कि क्या तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को शरण देना ही भारत और चीन के बीच तनाव पूर्ण संबंध का कारण है, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है.

उन्होंने कहा, एक मुद्दा किसी संबंध को बना और बिगाड़ नहीं सकता. अनेक मुद्दे हैं. प्रत्येक मुद्दे का अपना प्रभाव है.

त्रिपुरा: भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा, राज्य में क़ानून और व्यवस्था ध्वस्त

फोटो साभार: ट्विटर
त्रिपुरा की एक बैठक में मीनाक्षी लेखी, फोटो साभार: ट्विटर

अगरतला: भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा के मार्क्सवादी शासन में कानून और व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है.

लेखी ने कहा, ‘त्रिपुरा में कानून एवं व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है और लोगों का अपने जीवन और संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है. माकपा कार्यकर्ता अब आम आदमी और खासकर महिलाओं को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं.’

भाजपा के संसदीय दल के तीन सदस्य मीनाक्षी लेखी, सरोज पाण्डेय और प्रह्लाद सिंह पटेल 11 नवंबर को अगरतला पहुंचे.

संसदीय दल ने राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और लोगों से बातचीत की.

लेखी ने कहा कि वे और पार्टी के अन्य सदस्य त्रिपुरा में माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों पर, विशेष तौर पर महिलाओं पर किये गए हमलों का मुद्दा संसद में उठाएंगे.

अरुणाचल प्रदेश: कांग्रेस ने की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की मांग

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फोटो: पीटीआई

ईटानगर:  कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश में कई महीनों से खाली दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग से अपील की है.

गौरतलब है कि पूर्वी कमेंग तथा निचले सियांग जिले के क्रमश: दो विधानसभा सीटें पक्के केसांग तथा लिकाबाली कई महीनों से खाली है .

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष टकम संजय ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त अचल कुमार जोती को पत्र लिखकर कहा है कि पक्के केसांग विधानसभा सीट इस साल आठ फरवरी से खाली है. उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री तथा तत्कालीन विधायक कमेंगे डोलो की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गयी थी.

संविधान के अनुसार किसी विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव छह महीने के भीतर संपन्न करा लिया जाना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि छह महीने की समय सीमा बीत जाने के बावजूद आपके कार्यालय की तरफ से इन सीटों पर विधानसभा उपचुनाव कराने की घोषणा नहीं किया जाना मनमाना और संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है.

ज्ञात हो कि निर्वाचन आयोग ने विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया था और कहा था कि इस साल 29 जुलाई को चुनाव कराया जायेगा लेकिन उस समय प्रदेश में खराब मौसम के कारण इसे रद्द कर दिया गया था .

पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह जानकारी भी दी कि लिकाबाली विधानसभा सीट चार सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री जोम्दे केना के निधन से खाली हुई है.

मिज़ोरम: विपक्ष ने की मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग

आईजॉल: मिजोरम में विपक्षी जोराम नेशनलिस्ट पार्टी ने कोलकाता में जमीन खरीदने की जानकारी देने में असफल रहने के कारण राज्य के मुख्यमंत्री ललथनहवला का इस्तीफा मांगा है.

जोराम नेशनलिस्ट पार्टी (जेडएनपी) अध्यक्ष ललमौनपुईया पुंटे ने संवाददाताओं को बताया कि ललथनहवला ने कोलकाता में एक भूखंड खरीदा है जहां वह एक इमारत बनवा रहे हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि ललथनहवला ने 30 अगस्त 2013 को अपने नाम जमीन की रजिस्ट्री करवायी थी लेकिन 2013 में हुए विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन के दौरान वे अपने हलफनामे में इसकी जानकारी देने में विफल रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने आठ नवंबर 2013 को विधानसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल किया था. उन्होंने इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को नहीं दी थी और यह जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 125 का उल्लंघन है.

पुंटे ने कहा कि ललथनहवला सूचना छिपाने के आरोप में अयोग्य करार दिये जा सकते हैं. निर्वाचन आयोग उन्हें अयोग्य करार दे उससे पहले ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए .

मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक करेगा चुनाव आयोग

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शिलांग: चुनाव आयोग मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ 13 नवंबर को नयी दिल्ली में चुनाव पूर्व समीक्षा करेगा.

मेघालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एफआर खरकोंगर ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया, ‘बैठक के दौरान चुनाव आयोग इन राज्यों में वीवीपीएटी मशीन के इस्तेमाल के साथ चुनाव कराये जाने की तैयारियों की समीक्षा करेगा.’

मालूम हो कि अगले साल में इन सभी राज्यों में चुनाव होना है. उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.

अधिकारी ने बताया कि मेघालय राज्य की 60 विधानसभा क्षेत्रों के 3,082 चुनाव केंद्रों पर वीवीपीएटी या वीपीआर के जरिये चुनाव कराये जाएंगे. खरकोंगर ने बताया कि इस बैठक के बाद चुनाव आयोग के अधिकारी इन राज्यों का दौरा करेंगे.

मेघालय में अगले साल मार्च में विधानसभा चुनाव होना है.

मणिपुर:  एनआईटी में बिहार के छात्रों से मारपीट, नीतीश कुमार ने की मुख्यमंत्री से बात

फोटो साभार: nitmanipur.ac.in
फोटो साभार: nitmanipur.ac.in

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर एनआईटी में बिहार के छात्रों के साथ हुई मारपीट मामले को लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की और बिहारी छात्रों की समुचित सुरक्षा का अनुरोध किया.

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार नीतीश ने मणिपुर एनआईटी में बिहार के छात्रों के साथ हुई मारपीट मामले को लेकर वहां के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को फोन पर बात की. नीतीश ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से इस प्रकार की घटनाओं पर रोक तथा बिहारी छात्रों की समुचित सुरक्षा का अनुरोध किया.

बिहार के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मणिपुर के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर मामले को देखने का निर्देश दिया है.

बिहार के पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक से इस संदर्भ में बात की तथा प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी ने मणिपुर के गृह सचिव से बातचीत की.

उल्लेखनीय है कि ऐसी ख़बर थी कि 6 नवंबर को कुछ स्थानीय लोगों के एनआईटी परिसर में प्रवेश कर छात्रों की पिटाई की जिससे कुछ छात्र घायल हो गए. इनमें कुछ छात्र बिहार के भी थे.

छात्रों का आरोप है कि जब पुलिस को बुलाया गया तो वे स्थानीय लोगों का पक्ष लेते हुए छात्रों की पिटाई की और उनमें से कुछ को हिरासत में ले लिया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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