सांप्रदायिक राजनीति और बुलडोज़र अभियान पर होने जा रही बैठक पर दिल्ली पुलिस ने रोक लगाई

वीडियो: राष्ट्रीय राजधानी स्थित गांधी पीस फाउंडेशन में बीते 9 मई को होने वाली एक बैठक को दिल्ली पुलिस ने यह कहकर रद्द कर दिया कि वे इसकी अनुमति नहीं देंगे. यह बैठक सांप्रदायिक राजनीति और अतिक्रमण रोधी अभियान से संबंधित थी.

बुलडोज़र की राजनीति पर क्यों ख़ामोश हैं दिल्ली के उपराज्यपाल?

वीडियो: वाम दल, छात्र समूह और महिला संगठन राजधानी दिल्ली के नगर निगमों द्वारा द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के ख़िलाफ़ नज़र आ रहे हैं. वाम दलों ने इस मुद्दे पर ​उपराज्यपाल अनिल बैजल की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.

अतिक्रमण हटाने के बहाने मुसलमानों के ख़िलाफ़ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ा जा रहा है

यूपी, मध्य प्रदेश, गुजरात और अब दिल्ली में बुलडोज़र का इस्तेमाल रोज़ाना की उत्तेजना बनाए रखने के लिए किया जा रहा है. हिंदुओं में मुसलमानों को उजड़ते देख, रोते, बदहवास देखने की हिंसक कामना जगाई जा रही है. अब भाजपा, मीडिया, पुलिस और प्रशासन में कोई फ़र्क़ नहीं रह गया है. एक रास्ता दिखा रहा है, एक बुलडोज़र का क़ानून बता रहा है, एक हथियार के साथ उसे घेरा देकर चल रहा है, तो एक ललकार रहा है.

हिंदू महापंचायत में हरियाणा सरकार को एक महीने में गो-तस्करी और गोवध समाप्त करने का अल्टीमेटम

हरियाणा के नूंह ज़िले में ‘हिंदू महापंचायत’ का आयोजन किया गया था, जिसमें गोरक्षकों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को वापस लेने और उन्हें शस्त्र लाइसेंस देने समेत कई मांग की गई. यह महापंचायत नूंह में उन घटनाओं के बीच बुलाई गई थी, जिसमें कथित तौर पर गोरक्षकों के समूहों ने मुस्लिम युवकों को पीटने के साथ उनका अपहरण कर उन पर मवेशियों की तस्करी और वध करने का आरोप लगाया गया था.

अयोध्या में दंगे भड़काने का प्रयास: इस ‘तमस’ की कोई सुबह नहीं…

भीष्म साहनी के उपन्यास ‘तमस’ ने बंटवारे के दौरान हिंदू मुस्लिम दंगों के निर्माण की परिघटना पर नज़र डालते हुए दूसरे के प्रार्थना स्थल पर निषिद्ध मांस फेंककर दंगा फैलाने की योजना को उजागर किया गया था. अस्सी साल का वक्फ़ा बीतने को है, लेकिन दंगा फैलाने की इस रणनीति में कोई गुणात्मक परिवर्तन नहीं आया है.

कोई दल नहीं, बल्कि कुछ तत्व देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं: अल्पसंख्यक आयोग प्रमुख

विभिन्न शहरों में दो समुदायों के बीच हालिया हिंसक झड़पों पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि कोई राजनीतिक दल नहीं, बल्कि कुछ लोग देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए. हालांकि उन्होंने पंजाब के पटियाला में बीते दिनों हुई हिंसक झड़प पर कहा कि राज्य सरकार इसे रोक सकती थी.

क्या एक धर्म के त्योहार पर अपने धर्म की छाप छोड़ने की उतावली किसी हीनता के चलते है

ईद मुबारक के जवाब में अक्षय तृतीया या परशुराम जयंती की बधाई देना कैलेंडरवादी धार्मिकता का प्रतीक है. हम हर जगह अपना क़ब्ज़ा चाहते हैं. ध्वनिभूमि पर, ध्वनि तरंगों पर भी, दूसरों के उपासना स्थलों पर और समाज के मनोलोक पर.

जहांगीरपुरी हिंसा: दिल्ली पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ़्तार किया

दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाले गए शोभायात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में अब तक 32 लोग पकड़े जा चुके हैं, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल हैं.

नफ़रत के दिनों की ईद ज़्यादा खुले दिल से मनाई जानी चाहिए…

हमारी दुनिया में कितनी भी मायूसी हो, चाहे जितनी भी नफ़रत पैदा की जा रही हो, उम्मीद और प्रेम के उजालों में चलकर ही कहीं पहुंचा जा सकता है.

केरल: पूर्व विधायक पीसी जार्ज को ज़मानत मिली, मुस्लिम विरोधी भाषण के लिए गिरफ़्तार किया गया था

कांग्रेस की केरल इकाई के पूर्व नेता पीसी जॉर्ज ने अनंतपुरी हिंदू महासम्मेलन में एक कार्यक्रम में कहा था कि केरल में मुस्लिम समुदाय द्वारा चलाए जा रहे रेस्तराओं में ग़ैर-मुसलमानों को नहीं जाना चाहिए. देश पर क़ब्ज़ा करने के लिए मुस्लिमों द्वारा संचालित रेस्तराओं में नपुंसकता पैदा करने वाली चाय बेची जाती है.

आम नागरिकों का नफ़रत के ख़िलाफ़ खड़े होना आश्वस्त करता है कि घृणा हारेगी

देश में जहां एक तरफ नफ़रत के पैरोकार सांप्रदायिकता की खाई गहरी करने के फेर में हैं, वहीं उनकी भड़काने और उकसाने की तमाम कोशिशों के बावजूद आम देशवासी सांप्रदायिक आधार पर एक दूजे के खून के प्यासे नहीं हो रहे, बल्कि उनके मंसूबों को समझकर जीवन के नए समतल तलाशने की ओर बढ़ने लगे हैं.

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में तीन और गिरफ़्तार, एक को पश्चिम बंगाल से पकड़ा गया

दिल्ली के जहांगीरपुरी में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गया था. पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 30 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, जिनमें से तीन नाबालिग हैं.

एमपी: हिंदू महिला से शादी पर मुस्लिम शख़्स के घर, दुकानों पर चला था बुलडोज़र, कोर्ट ने सुरक्षा दी

मामला डिंडोरी का है, जहां महिला के परिजनों द्वारा मुस्लिम पुरुष पर अपहरण का आरोप लगाए जाने के बाद प्रशासन ने उनके घर और दुकान ढहा दिए थे. महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि उन्होंने अपनी इच्छा से शादी की है, जिसके बाद कोर्ट ने अपहरण के मामले में कार्रवाई न करने के निर्देश दिए हैं. 

जहांगीरपुरी में शांति की अपील करने के लिए हिंदू-मुसलमानों ने मिलकर तिरंगा यात्रा निकाली

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद इलाके में तनाव के माहौल के चलते कर्फ्यू लगा दिया गया था. स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इस तिरंगा यात्रा से इलाके में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी.

‘कर्बला दर कर्बला’ भागलपुर दंगों की विभीषिका की तहें खोलने का प्रयास है

पुस्तक समीक्षा: गौरीनाथ के ‘कर्बला दर कर्बला’ की दुनिया से गुज़रने के बाद भी गुज़र जाना आसान नहीं है. 1989 के भागलपुर दंगों पर आधारित इस उपन्यास के सत्य को चीख़-ओ-पुकार की तरह सुनना और सहसा उससे भर जाना ऐसा ही है मानो किसी ने अपने समय का ‘मर्सिया’ तहरीर कर दिया हो.

1 6 7 8 9 10 49