त्रिपुराः भाजपा विधायक का दावा, मदरसे बंद करने के बयान के बाद मिली जान से मारने की धमकी

त्रिपुरा में भाजपा विधायक शंभूलाल चकमा ने कथित तौर पर विधानसभा में सरकार द्वारा संचालित मदरसों को बंद करने की मांग करते हुए कहा था कि वहां आतंकवादी और असामाजिक तत्व तैयार किए जाते हैं. उनके बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने कहा कि भाजपा के शासन में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. पार्टी के सत्ता में आने से पहले इस तरह की स्थिति कभी नहीं आई.

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त्रिपुरा भाजपा विधायक शंभूलाल चकमा (फोटो साभारः फेसबुक)

त्रिपुरा में भाजपा विधायक शंभूलाल चकमा ने कथित तौर पर विधानसभा में सरकार द्वारा संचालित मदरसों को बंद करने की मांग करते हुए कहा था कि वहां आतंकवादी और असामाजिक तत्व तैयार किए जाते हैं. उनके बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने कहा कि भाजपा के शासन में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. पार्टी के सत्ता में आने से पहले इस तरह की स्थिति कभी नहीं आई.

त्रिपुरा भाजपा विधायक शंभूलाल चकमा (फोटो साभारः फेसबुक)

नई दिल्लीः त्रिपुरा भाजपा के एक विधायक शंभूलाल चकमा ने विधानसभा में राज्य में मदरसों को बंद करने की मांग की थी, जिसके तीन दिन बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिलने का दावा किया है.

भाजपा विधायक ने सदन में कहा था कि मदरसे में आतंकवादी और असामाजिक तत्व तैयार किए जाते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चकमा ने शुक्रवार को बताया कि सैन्य वर्दी में एक अज्ञात शख्स ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उसने विधायक को उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने को कहा और धमकी दी कि वह चाकू से गोदकर उनकी हत्या कर देगा.

सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सैन्य वर्दी में एक अज्ञात शख्स को विधायक को धमकी देते देखा जा सकता है.

यह शख्स वीडियो में कह रहा है, ‘सलाम वालेकुम भाईजान, क्या तुम ठीक हो. मैं बार-बार सोशल मीडिया पर एक वीडियो देख रहा हूं. शंभूलाल चकमा (अपमानजनक शब्द) नाम के भाजपा के विधायक हैं. अगर मुझे वह मिल गया तो मैं उसे चाकू से गोद दूंगा. अगर हिम्मत है तो मुझसे मिलो, क्या तुमने यह चाकू देखा है? मैं इससे तुम्हे गोद दूंगा.’

भाजपा विधायक का कहना है कि इस मामले में विभिन्न थानों में कुछ एफआईआर दर्ज की गई है.

मामले को लेकर विवाद होने पर चकमा ने कहा, ‘मदरसे को लेकर उनकी टिप्पणियों को गलत संदर्भ में लिया गया है. उन्होंने कभी भी मदरसों को पूरी तरह से बंद करने की मांग नहीं की बल्कि सिर्फ सरकारी मदद से चलने वाले मदरसों को बंद करने को कहा था ताकि धार्मिक शैक्षणिक संस्थानों में एकरूपता सुनिश्चित की जा सके.’

बाद में भाजपा समर्थकों ने तीन विभिन्न पुलिस थानों माणिकपुर, चौमानू और चैलेंगटा में तीन शिकायतें दर्ज कराईं और विधायक को धमकी देने वाले शख्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और साथ में उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग की.

इन तीनों शिकायतों में कहा गया है, ’49 चौमानू विधानसभा क्षेत्र के विधायक शंभूलाल चकमा के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना और उन्हें जान की मारने की धमकी देना जन प्रतिनिधि का अपमान है. हमें लगता है कि आरोपी शख्स द्वारा फेसबुक पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की वजह से विधायक को बदनाम किया गया इसलिए हम धमकी देने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर और विधायक की व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित कर उचित कार्रवाई की मांग करते हैं.’

त्रिपुरा पुलिस ने विधायक शंभूलाल चकमा को राज्य के सभी मदरसों को बंद करने की मांग करने को लेकर नतीजे भुगतने की धमकी देने वाले व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.

धलाई के पुलिस अधीक्षक रमेश यादव ने कहा, ‘व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने आरोपी के सोशल मीडिया एकाउंट का पता लगा लिया है. मामले की जांच जारी है.’

भाजपा विधायक के बयान पर विपक्ष के नेता ने कहा- राज्य में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं

उधर, त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने गुरुवार को कहा कि राज्य में भाजपा के शासन में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं और भाजपा के सत्ता में आने से पहले इस तरह की अप्राकृतिक स्थिति कभी नहीं आई.

माणिक सरकार का यह बयान भाजपा विधायक शंभूलाल चकमा के विधानसभा में दिए गए कथित बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने सरकार द्वारा संचालित मदरसों को बंद करने की मांग की थी क्योंकि उनका कहना था कि इस तरह के धार्मिक शैक्षणिक संस्थानों से डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बल्कि आतंकी पैदा होते हैं.

सरकार ने कहा, ‘एक सदस्य ने पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री के भाषण का हवाला देते हुए विधानसभा में कहा कि मदरसों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि वहां आतंकी पैदा होते हैं. इसका क्या मतलब है. जब हमने सदन में यह मुद्दा उठाया और इस पर सरकार की राय जाननी चाही तो उन्होंने कुछ नहीं बताया. डिप्टी स्पीकर ने इसे नजरअंदाज कर दिया.’

उन्होंने कहा, ‘विधायक ने इस तरह का आपत्तिजनक बयान दिया और इस पर सरकार के रुख से यह स्पष्ट हो गया कि अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं.’

चकमा ने कहा है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है और उन्होंने कभी मदरसों को पूरी तरह से बंद करने की मांग नहीं की थी. उन्होंने कहा कि वह और उनकी पार्टी मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है.

उन्होंने तीन तलाक को अपराध के दायरे में लाना और जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के भाजपा नीत केंद्र सरकार के कदमों का हवाला देकर कहा कि इन फैसलों से अल्पसंख्यक समुदाय को लाभ होगा और वे सशक्त होंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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