द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मणिपुर में हिंसा के दौर के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने उनके इस्तीफ़ा देने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि वे ऐसा नहीं करेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में जातीय हिंसा के मद्देनजर कानून-व्यवस्था संभालने में विफल रहने के आरोपों से घिरे सिंह के इस्तीफे की अटकलें लग रही थीं. शुक्रवार शाम चार बजे सिंह ने पुष्टि की कि वो पद नहीं छोड़ रहे हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इससे पहले सिंह के इस्तीफे की अटकलों के बीच शुक्रवार दिन में राजधानी इंफाल में मुख्यमंत्री आवास के पास तमाम महिलाएं उनका समर्थन करने के लिए जमा हो गई थीं. उनका कहना था कि सिंह उनके लिए काम कर रहे हैं, इसलिए उन्हें पद नहीं छोड़ना चाहिए. द हिंदू के अनुसार, इस बीच पुलिस और सेना के अधिकारियों ने गुरुवार 29 जून को बताया कि कांगपोकपी जिले में सुरक्षा बलों और पहाड़ी गांवों पर हमला कर रहे सशस्त्र बदमाशों के बीच गोलीबारी के बाद एक पुलिसकर्मी सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. साथ ही, इंफाल में भी तनाव देखा गया जहां जब सैकड़ों लोग इन हालिया मौतों की निंदा करने के लिए सड़क पर उतर आए.
बिहार के सारण जिले में गोमांस ले जाने के संदेह में एक मुस्लिम शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पुलिस ने बताया है कि जलालपुर थाना क्षेत्र के बंगरा गांव में यह घटना बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात को हुई. अधिकारियों ने बताया कि 55 वर्षीय मृतक मोहम्मद जहीरुद्दीन एक हड्डी फैक्ट्री में काम करते थे. काम पर जाते समय उनका कंटेनर ट्रक ख़राब होने पर कथित गोरक्षकों का एक समूह वहां पहुंचा. वाहन में से बदबू आने पर समूह ने गोमांस ले जाने के संदेह में उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया. मामले में बीस लोगों को हिरासत में लिया गया है.
तमिलनाडु में राज्यपाल आरएन रवि ने एमके स्टालिन सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को कैबिनेट से हटाने का फैसला गुरुवार देर रात वापस ले लिया. रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए राज्यपाल ने मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था. द हिंदू ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि देर रात इस निर्णय पर रोक लगा दी गई. इससे पहले राज्यपाल ने बालाजी के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामलों का हवाला देते हुए उन्हें बर्खास्त किया था. हालांकि, उनकी विज्ञप्ति में उस कानूनी प्रावधान का जिक्र नहीं था, जिसके तहत यह निर्णय लिया गया. उधर, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल के पास किसी मंत्री को कैबिनेट से हटा देने का अधिकार नहीं है.
उत्तराखंड में बीते साल हुई होटल रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में उनके परिवार ने केस कमज़ोर किए जाने का आरोप लगाया है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, 29 जून को जारी एक वीडियो में अंकिता की मां ने कहा कि वे असहाय महसूस करते हैं और उनके पास कोई उम्मीद नहीं बची है. वे न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. उन्होंने सरकार की कथित उदासीनता की निंदा करते हुए कहा कि अगर उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया तो सरकार जिम्मेदार होगी. 19 वर्षीय अंकिता पौड़ी गढ़वाल के एक रिजॉर्ट में काम करती थीं. उनकी हत्या के आरोप में रिसॉर्ट के मालिक और भाजपा के निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य और उनके स्टाफ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.
महाराष्ट्र के ठाणे में एक निजी हाउसिंग सोसाइटी में बकरीद से पहले बकरी लाने के विवाद में घिरे मुस्लिम दंपत्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस दंपति पर कथित तौर पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था, जिसे लेकर एक केस दर्ज किया गया है. द क्विंट अनुसार, अब परिसर के एक रहवासी की शिकायत पर दोनों के ख़िलाफ़ महिलाओं पर हमला, शांतिभंग, आपराधिक धमकी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.
मध्य प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में अब हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर की जीवनी पढ़ाई जाएगी. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इस संबंध में पूछ गया सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘…सावरकर को क्यों नहीं पढ़ाया जाना चाहिए? काला पानी में रहे, दो-दो जन्मों की सजा हुई, देश के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उत्कट देशभक्त थे.’ इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने जोड़ा कि ‘सावरकर महान क्रांतिकारियों में से एक हैं. उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया. दुर्भाग्य से कांग्रेस ने भारत के सच्चे क्रांतिकारियों के बारे में नहीं सिखाया.’