उत्तर प्रदेश: सपा नेता आज़म ख़ान को 2019 के हेट स्पीच मामले में दो साल की सज़ा

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान पर आरोप था कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक जनसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन ज़िला मजिस्ट्रेट के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण दिया था. पिछले छह महीने में यह तीसरा मामला है, जिसमें आज़म ख़ान को सज़ा हुई है.

आजम खान. (फोटो: पीटीआई)

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान पर आरोप था कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक जनसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन ज़िला मजिस्ट्रेट के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण दिया था. पिछले छह महीने में यह तीसरा मामला है, जिसमें आज़म ख़ान को सज़ा हुई है.

आजम खान. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के रामपुर की एक अदालत ने शनिवार (15 जुलाई) को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दर्ज नफरत भरे भाषण (Hate Speech) के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल कैद के कारावास की सजा सुनाई है. आजम फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.

पिछले छह महीने में यह तीसरा मामला है, जिसमें आजम को सजा हुई है. हालांकि, तीन मामलों में से एक में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उनकी अपील को अनुमति दे दी गई थी और उन्हें बरी कर दिया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रामपुर के संयुक्त निदेशक (अभियोजन) शिव प्रकाश पांडे ने कहा, ‘शनिवार को अदालत ने आजम खान को हेट स्पीच के मामले में दोषी करार दिया है. बाद में अदालत ने उन्हें (आजम खान को) दो साल की कैद की सजा सुनाई और उन पर जुर्माना भी लगाया.’

पांडे ने कहा कि अदालत ने आजम को आईपीसी की धारा 505(1)(बी) (व्यक्ति को राज्य या सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने के लिए उत्प्रेरित करना) और 171जी (चुनाव के संबंध में गलत बयान) के तहत दोषी ठहराया है. उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 125 (चुनाव के संबंध में वर्गों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत भी दोषी ठहराया गया.

पांडे ने कहा, ‘खान के आवेदन के आधार पर अदालत ने बाद में उन्हें जमानत दे दी. खान के पास शनिवार के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए एक महीने का समय है.’ साथ ही उन्होंने कहा कि अदालत ने अभियोजन पक्ष के सात गवाहों और बचाव पक्ष के 11 गवाहों से पूछताछ की.

यह मामला 8 अप्रैल 2019 को रामपुर के शहजाद नगर पुलिस थाने में दर्ज किया गया था.

शिकायत के अनुसार, आजम ने मिलक विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा में कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) और तत्कालीन रामपुर जिला मजिस्ट्रेट (आंजनेय कुमार सिंह), जो रिटर्निंग ऑफिसर भी थे, को निशाना बनाते हुए एक ‘भड़काऊ’ भाषण दिया था.

यह भाषण 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान दिया गया था, जब बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. खान ने रामपुर लोकसभा से चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार अभिनेत्री जयाप्रदा के खिलाफ जीत हासिल की थी.

बाद में राज्य के विधानसभा चुनाव में विधायक चुने जाने के बाद खान ने अपनी लोकसभा सदस्यता त्याग दी थी. पिछले साल हेट स्पीच के एक अन्य मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजम को राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने आजम की ‘वाई श्रेणी’ सुरक्षा यह कहते हुए वापस ले ली थी कि अब इसकी आवश्यकता नहीं है. सरकार ने सपा नेता को सुरक्षा मुहैया करा रही रामपुर पुलिस को निर्देश के साथ एक पत्र भेजा है.

रामपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संसार सिंह ने कहा कि सरकार के निर्देश के बाद सुरक्षा कवर हटा लिया गया है. हालांकि, शुक्रवार (14 जुलाई) को रामपुर पुलिस ने आजम खान को खतरा होने के संबंध में जांच की और उनकी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी उपलब्ध कराने का फैसला किया.

संसार सिंह ने कहा, ‘रामपुर पुलिस ने आजम खान को जो सुरक्षा कवर दिया है, वह अस्थायी है. हमने राज्य सरकार को सूचित कर दिया है कि हमने आजम खान को कारण सहित सुरक्षा प्रदान की है.’

2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से आजम खान के खिलाफ रामपुर में जमीन हड़पने, धोखाधड़ी और आपराधिक अतिक्रमण सहित विभिन्न आरोपों में 81 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से कुछ मामलों में खान के साथ उनकी पत्नी और बेटे पर भी मामला दर्ज किया गया था. तीनों फिलहाल जमानत पर हैं.