घटना इंफाल पूर्व ज़िले में 15 मई की है. मेईतेई महिलाओं के संगठन ‘मीरा पैबिस’ ने एक 18 वर्षीय युवती के साथ मारपीट के बाद उन्हें चार हथियारबंद पुरुषों को सौंप दिया था, जिन्होंने उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया. राज्य में जारी हिंसा के बीच महिलाओं के साथ बर्बरपूर्ण यौन हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
नई दिल्ली: एक पुलिस सूत्र ने बताया कि 15 मई को मणिपुर के इंफाल पूर्व में अपहरण, मारपीट और सामूहिक बलात्कार की शिकार एक 18 वर्षीय युवती ने 21 जुलाई को पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद जीरो एफआईआर दर्ज की गई.
द हिंदू ने एफआईआर के हवाले से लिखा है, युवती ने बताया कि महिलाओं के एक समूह – जिनकी पहचान उसने मेईतेई महिलाओं के संगठन ‘मीरा पैबिस’ के रूप में की है, जिन्हें ‘मदर्स ऑफ मणिपुर’ भी कहा जाता है – ने उन्हें काले कपड़े पहने चार हथियारबंद पुरुषों को सौंप दिया था.
युवती को पड़ोसी राज्य नगालैंड के एक अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था, ने शुक्रवार (21 जुलाई) को कांगपोकपी पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद अज्ञात उपद्रवियों और मीरा पैबिस के खिलाफ हमला, हत्या का प्रयास, अपहरण, सामूहिक बलात्कार और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अत्याचार संबंधी विभिन्न धाराओं के तहत एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई है.
बता दें कि क्षेत्राधिकार की परवाह किए बिना जीरो एफआईआर दर्ज की जाती हैं. एक पुलिस सूत्र ने शनिवार (22 जुलाई) को बताया कि मामला इंफाल पूर्व थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है.
इस सप्ताह एक वीडियो वायरल होने के बाद युवती मामले की शिकायत करने के लिए आगे आई. 4 मई के उक्त वायरल वीडियो में थौबल क्षेत्र में भीड़ द्वारा आदिवासी कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाते हुए देखा जा सकता है, उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया था.
एफआईआर में कहा गया है कि 15 मई को शाम करीब 5 बजे चार लोग एक बैंगनी रंग की कार में युवती का अपहरण करके वांगखेई अयांगपाली ले गए, जहां उन्होंने उनके साथ मारपीट की.
एफआईआर में कहा गया है, ‘फिर उन्होंने मीरा पैबिस और कई स्थानीय लोगों को बुला लिया, जिन्होंने बारी-बारी से मुझे थप्पड़ और मुक्के मारे. तब मैंने एक महिला को यह कहते हुए सुना कि हमें ‘अरामबाई तेंगोल’ को बुलाना चाहिए. तभी चार लोग काली शर्ट में आए, उनकी पीठ पर कुछ लोगो लगे थे. उन सभी के पास बंदूकें थीं.’
उन्होंने आगे बताया कि दो पुरुषों की उम्र 30 के बीच थी, जबकि दो की उम्र 50 के करीब दिख रही थी. युवती ने कहा कि भीड़ में से एक महिला ने चार लोगों को उन्हें मारने का स्पष्ट निर्देश दिया.
उन्होंने एफआईआर में बताया है कि इसके बाद चारों लोगों ने उन्हें दूसरी कार में धकेल दिया और मुझे साथ ले गए.
युवती ने बताया है, ‘उन्होंने मुझसे लगातार बेतरतीब सवाल पूछे और चाहे मैं कुछ भी जवाब दूं या चुप रहने की कोशिश करूं, वे मुझे थप्पड़ मारते और कई बार अपनी बंदूकों की बट से भी मुझे मारा. फिर हम एक जगह पहुंचे जो पहाड़ी पर थी, जहां उन्होंने मुझे मारने का फैसला किया.’
उन्होंने कहा कि उसने उन लोगों को उन्हें मारने की योजना पर चर्चा करते हुए सुना था, लेकिन उनमें से एक ने कहा कि इससे पुलिस कार्रवाई हो सकती है.
युवती ने बताया है कि वह उन चार लोगों में सबसे बुजुर्ग के पैरों में गिर पड़ीं और अपनी जान की भीख मांगी.
उन्होंने बताया है, ‘मैंने उनसे यह भी वादा किया कि मैं इंफाल कभी नहीं लौटूंगी, बस मुझे जाने दो; मैं अपने माता-पिता से मिलना चाहती हूं. फिर उन्होंने मुझे फिर से कार में बिठाया और मुझे मारने के लिए बेहतर स्थान की तलाश में मुझे इधर-उधर घुमाया. कुछ देर इधर-उधर घूमने के बाद उन्होंने फिर से पहाड़ी इलाके में कार रोकी.’
उनके अनुसार, ‘उन लोगों ने मुझे कार से बाहर खींच लिया और लात, थप्पड़, मुक्के आदि से मुझे मारना शुरू कर दिया. बंदूक की बट से मेरे चेहरे पर एक वार इतना तेज था कि मैं कुछ देर के लिए बेहोश हो गई. मेरी आंखें तब खुलीं जब मैंने अपने चेहरे पर बारिश की बूंदें महसूस कीं.’
युवती ने तीन लोगों द्वारा उनके साथ बलात्कार किए जाने के बारे में बताते हुए कहा है कि जब उन्हें होश आया तो उन लोगों ने उन्हें फिर से थप्पड़ मारे.
एफआईआर में बताया गया है, ‘इस समय तक मेरे कान, चेहरे और सिर से इस हद तक खून बह रहा था कि मेरे कपड़े और चेहरा खून से भीग गए थे. फिर जिन तीन लोगों ने मेरे साथ बलात्कार किया और जिस एक ने नहीं किया, उनके बीच यह बहस हुई कि मुझे मार दिया जाना चाहिए.’
एफआईआर के मुताबिक, ‘उन्होंने कहा कि अगर हम तुम्हें जाने देंगे तो तुम पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराने जाओगी, लेकिन निश्चिंत रहो अगर तुम पुलिस के पास जाओगी तो हम तुम्हें ढूंढ लेंगे और मार डालेंगे. जब वे इस बात पर बहस कर रहे थे कि मुझे जाने दें या मार डालें, उनमें से एक कार को मोड़ने की कोशिश कर रहा था और दुर्घटनावश उसने मुझे टक्कर मार दी और मैं उस पहाड़ी की चोटी से खाड़ी में गिर गई.’
युवती ने बताया कि उन्हें चोट लगी और वह सड़क पर जाकर रुकी, जहां उसने एक ऑटो रिक्शा से मदद मांगी.
एफआईआर में कहा गया है, ‘मुझे खून से लथपथ हालत में देखकर ऑटो रिक्शा चालक मुझे बिष्णुपुर पुलिस थाने ले गया. उसने मुझे अपने साथ ले जा रहे सब्जियों के ढेर के नीचे छिपा दिया था. थाने पहुंचने पर मैंने उन्हें बात करते हुए सुना कि जो पुलिस मुझे घर तक छोड़ेगी, वह मेईतेई समुदाय से है. मैंने ड्राइवर से विनती की कि वह मुझे घर यानी न्यू लाम्बुलेन इलाके में छोड़ दे क्योंकि मुझे पुलिस पर भरोसा नहीं है.’
इसके अनुसार, ‘16 मई को मैं सुबह लगभग 4:30 बजे इंफाल से निकली और सापोरमीना आ गई. इसके बाद मैं इलाज के लिए कांगपोकपी जिला अस्पताल गई, लेकिन मेरी हालत गंभीर होने के कारण उन्होंने मुझे कोहिमा अस्पताल रेफर कर दिया.’
गौरतलब है कि इस मामले में जिस मेईतेई महिलाओं के संगठन ‘मीरा पैबिस’ का नाम आरोपी के तौर पर सामने आया है, उसने दो रोज पहले ही वायरल वीडियो के एक आरोपी के मकान को यह कहते हुए आग लगा दी थी कि महिलाओं के साथ जघन्य अपराध अस्वीकार्य है.
बता दें कि बीते 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने की घटना का वीडियो हाल ही में सामने आया था. बीते 4 मई को ही इंफाल में कार धोने का काम करने वाली कांगपोकपी की दो महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार और बुरी तरह से मारपीट की गई, जिससे उनकी मौत हो गई. बीते 6 मई को एक महिला को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया था. वीडियो वायरल होने के बाद से ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं.