पीठ पर ‘पीएफआई’ लिखे जाने का दावा करने वाले जवान की शिकायत फ़र्ज़ी पाए जाने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर/pixabay)

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

केरल के कोल्लम क्षेत्र में सेना के जिस जवान ने अज्ञात बदमाशों द्वारा हमले और उनकी पीठ पर ‘पीएफआई’ लिखने का दावा किया था, अब उन्हें झूठी शिकायत करने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कोल्लम (ग्रामीण) के एडिशनल एसपी आर. प्रतापन नायरने बताया कि जवान शाइन कुमार ने ने कडक्कल थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जो जांच के दौरान फ़र्ज़ी पाई गई. उसके आधार पर उन्हें और उनके एक दोस्त को गिरफ्तार किया गया है. ख़बरों के अनुसार, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुमार इस तरह के झूठे बयान देने के कई कारण बता रहे हैं जिन्हें वेरीफाई किया जाना बाकी है. गिरफ्तार किए गए उनके दोस्त मुताबिक, इस वारदात को इसलिए अंजाम दिया गया क्योंकि कुमार मशहूर होना चाहता था.

सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर की सिफारिशें सरकार के पास लंबित होने पर चिंता जाहिर की है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अदालत ने बताया कि 1 नवंबर 2022 से कॉलेजियम द्वारा की गईं 70 सिफारिशें सरकार के पास लंबित पड़ी हैं. जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन की उस याचिका को सुन रही थी, जिसमें जजों की नियुक्ति के मामले में सरकार की ओर से हुई कथित देरी के लिए अवमानना की कार्यवाही की मांग की गई थी. सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल द्वारा हफ्तेभर का समय मांगने पर जस्टिस कौल ने कहा, ‘जब तक इसका समाधान नहीं हो जाता, हर 10 से 12 दिन में मैं इस मामले पर सुनवाई करूंगा. मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूं, पर चूंकि एजी 7 दिन का समय मांग रहे हैं, इसलिए मैं खुद को रोक रहा हूं.’

कनाडा में मारे गए खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक विवाद के बीच सोमवार को कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. रॉयटर्स के अनुसार, ओटावा में भारतीय उच्चायोग के बाहर सौ से कुछ कम प्रदर्शनकारी खालिस्तान के झंडों के साथ जमा हुए थे, वहीं टोरंटो में करीब 100 प्रदर्शनकारियों ने भारतीय झंडा जलाया. वैंकूवर वाणिज्य दूतावास के बाहर भी लगभग 200 प्रदर्शनकारी एकत्र हुए. खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े प्रदर्शनकारियों में से एक ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने ‘घटिया रणनीति अपनाते हुए कनाडा की संप्रभुता से समझौता किया’ है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) नियमों में संशोधन किया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मंत्रालय द्वारा एक गजेटेड अधिसूचना में कहा गया कि अबसे एफसीआरए लाइसेंस वाले एनजीओ के लिए विदेशी योगदान से बनाई गई चल और अचल संपत्तियों का विवरण जमा करना अनिवार्य होगा. नए नियमों के तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत (31 मार्च) तक विदेशी चंदा पाने वाले किसी भी एनजीओ के लिए संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य हो गया है. इसके अलावा विदेशी धन प्राप्त करने वाले सभी एनजीओ को अब एफसीआरए के तहत पंजीकृत होना होगा. इसके साथ ही मंत्रालय ने उन सभी संस्थाओं के एफसीआरए लाइसेंस की वैधता को 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दी है, जिनके लाइसेंस 30 सितंबर को समाप्त या रिन्यू होने थे.

मणिपुर हिंसा पर फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को लेकर राज्य के पत्रकार संगठनों ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया को क़ानूनी नोटिस भेजा है. एनडीटीवी के मुताबिक, ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर ने राज्य में जारी हिंसा पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को ‘पक्षपाती और प्रायोजित’ बताते हुए मांग की है कि गिल्ड अपने सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट से रिपोर्ट, मणिपुर के पत्रकारों के ख़िलाफ़ ‘अपमानजनक’ बयान हटाए. संगठनों का यह भी कहना है कि जब मणिपुर सामान्य स्थिति में वापस आ रहा था, तब गिल्ड की रिपोर्ट के कारण हिंसा में वृद्धि हुई. इस माह की शुरुआत में आई गिल्ड की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि मणिपुर से आ रही संघर्ष की कई ख़बरें और रिपोर्ट्स ‘एकतरफा’ थीं और इंफाल स्थित मीडिया ‘मेईतेई मीडिया में तब्दील हो गया था.’

पंजाब के मुक्तसर जिले में पुलिस हिरासत में एक वकील के साथ बर्बरता से मारपीठ करने के मामले में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह कदम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र के बाद उठाया गया है. पत्र में दोषी पुलिस अधिकारियों को बचाने और एफआईआर दर्ज न करने के लिए श्री मुक्तसर साहिब के एसएसपी को निलंबित करने की मांग की गई थी. आरोप है कि 14 सितंबर की रात पुलिस से बदसलूकी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए वकील के साथ आरोपी पुलिसकर्मियों ने मारपीट करने के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए दबाव बनाया था. पीड़ित के शिकायत करने पर उन्हें अर्जी वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा था.

रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत के ‘आधार’ कार्यक्रम जैसी केंद्रीकृत पहचान प्रणालियों में सुरक्षा और गोपनीयता की कमजोरियों के बारे में चिंता जाहिर की है. द हिंदू के मुताबिक, मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अक्सर गर्म और आर्द्र (Humid) परिस्थितियों में प्रणाली की बायोमेट्रिक पहचान (Readability) संदिग्ध होती है. इसने सुझाव दिया कि ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिजिटल वॉलेट जैसी विकेंद्रीकृत पहचान (डीआईडी) प्रणाली एक बेहतर समाधान हो सकता है, क्योंकि वह यूजर्स को उनके निजी डेटा पर अधिक नियंत्रण देती है और ऑनलाइन धोखाधड़ी के जोखिम को कम करती है. हालांकि, भारत सरकार ने मूडीज़ की रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि रिपोर्ट ‘बिना किसी सबूत या आधार का हवाला दिए’ तैयार की गई है और इसमें ‘आधार’ के खिलाफ बढ़ा-चढ़ाकर दावे किए गए हैं.

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