द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी. बार एंड बेंच के अनुसार, जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस एसजी दिगे की खंडपीठ ने नवलखा पर वही जमानत शर्तें लगाई हैं, जो मामले के सह-अभियुक्त आनंद तेलतुंबडे और महेश राउत पर लगाई गई थीं. अदालत अपने फैसले पर तीन सप्ताह की रोक लगाने पर भी सहमत हुई, जिससे राष्ट्रीय जांच एजेंसी सुप्रीम कोर्ट जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में नवलखा को उनके स्वास्थ्य के कारण घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी थी. इस मामले में अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था. बीते दिनों ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़क्लिक के संबंध में दायर यूएपीए केस में भी नवलखा को भी आरोपी के बतौर नामजद किया गया था.
लोकसभा से मंगलवार (19 दिसंबर) को 49 और विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, 14 दिसंबर से अब तक निलंबित विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 141 हो गई है. निचले सदन में विपक्षी दलों के केवल 47 सांसद बचे हैं. मंगलवार की कार्रवाई तब की गई जब एक दिन पहले ही दोनों सदनों से निलंबित किए गए 78 विपक्षी सांसदों (लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 सांसद) के निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों ने विरोध जताया. विपक्ष संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा है. मंगलवार को विपक्ष ने विरोध जताते हुए सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया, वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि मोदी सरकार को यह कार्रवाई करने के लिए ‘मजबूर’ किया गया है.
वाराणसी में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी भूमि स्वामित्व विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की पांच याचिकाएं ख़ारिज कर दी हैं. लाइव मिंट के अनुसार, अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि मस्जिद परिसर में मंदिर की बहाली की मांग के साथ-साथ हिंदू उपासकों द्वारा दायर सिविल मुकदमे उपासना स्थल अधिनियम द्वारा वर्जित नहीं हैं. ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतेजामिया कमेटी और की याचिका में इस जमीन के मालिकाना हक विवाद के मुकदमों को चुनौती दी गई थी. कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कहना था कि इस मुकदमे को उपासना स्थल अधिनियम के तहत खारिज कर दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में या तो मुस्लिम तत्व हो सकते हैं या हिंदू. फिलहाल इस पर कोई निर्णय नहीं दिया जा सकता. साथ ही अदालत ने 1991 के मुकदमे की सुनवाई को मंजूरी देते हुए ट्रायल कोर्ट को 6 महीने में मुकदमे का शीघ्र फैसला करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने एएसआई को मस्जिद का सर्वेक्षण जारी रखने की अनुमति दी है और कहा है कि अगर निचली अदालत को लगता है कि किसी हिस्से का सर्वेक्षण करवाना जरूरी है, तो वो एएसआई को सर्वेक्षण का निर्देश दे सकती है.
लोकसभा चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम बतौर प्रधानमंत्री प्रस्तावित किए जाने की खबरों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पहले एकजुट होना और जीतना महत्वपूर्ण है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुई ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में खरगे ने इस प्रस्ताव की न तो पुष्टि की और न ही खंडन किया. खरगे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के दल राज्य स्तर पर सीट-बंटवारे की बातचीत पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही देशभर में सार्वजनिक बैठकें करेंगे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर कोई भी निर्णय चुनाव के बाद लिया जाएगा.
आरएसएस से संबद्ध संस्कार भारती ने ‘युवाओं से जुड़ने के उद्देश्य से’ रील्स और मीम्स की प्रतियोगिता करवाने की योजना बनाई है. दप्रिंट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि संगठन सामाजिक समरसता के विषय पर आधारित ‘ऑल इंडिया रील्स एंड मीम्स’ प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है, जिसमें प्रतिभागियों को 25 दिसंबर तक एक मिनट लंबी रील्स और मीम्स बनाकर संस्कार भारती को ईमेल पर भेजनी होंगी. चयनित मीम्स और रील्स फरवरी 2024 में बेंगलुरु में होने वाले संस्कार भारती के अखिल भारतीय कला साधक संगम में दिखाए जाएंगे.
अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन में सबसे आगे रहे भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से अगले महीने होने वाले ‘प्राण-प्रतिष्ठा समारोह’ के लिए न आने का अनुरोध किया गया है. एनडीटीवी के अनुसार, सोमवार को राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ‘दोनों परिवार के बुजुर्ग हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे न आने का अनुरोध किया गया था, जिसे दोनों ने स्वीकार कर लिया है. हालांकि राय के बयान के बाद मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार, आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं, रामलाल और कृष्ण गोपाल के साथ मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए आडवाणी को औपचारिक रूप से आमंत्रित करने के लिए उनके दिल्ली स्थित घर पहुंचे थे. इसके बाद विहिप ने एक बयान में कहा कि 96 वर्षीय आडवाणी और 89 वर्षीय जोशी दोनों को मंदिर कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है और दोनों ने कहा है कि वे इसमें शामिल होने का प्रयास करेंगे.
मध्य प्रदेश विधानसभा से पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोमवार को 16वीं मध्य प्रदेश विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने के साथ ही सदन में नेहरू की तस्वीर के स्थान पर डॉ. बीआर आंबेडकर की तस्वीर लगाए जाने को लेकर विवाद हो गया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आंबेडकर की तस्वीर लगाना एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन नेहरू की तस्वीर को हटाना ‘भाजपा की इतिहास बदलने की साजिश’ है. उधर, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि नेहरू की तस्वीर को इसलिए हटा दिया गया था क्योंकि यह खराब स्थिति में थी. इसके बाद वहां डॉ. आंबेडकर का पोर्ट्रेट लगाने का निर्णय लिया गया.
ओबीसी समुदायों के प्रतिनिधित्व को लेकर बनी संसदीय समिति की रिपोर्ट में सामने आया है कि देशभर के एम्स में ओबीसी आरक्षित फैकल्टी पदों पर रिक्तियां हैं. द हिंदू के मुताबिक, दिल्ली एम्स में 19 प्रतिशत से कम फैकल्टी ओबीसी से हैं, जबकि अनिवार्य ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत है. देशभर के कई अन्य एम्स में स्थिति बदतर है, जहां जोधपुर के एम्स में 9 प्रतिशत से कम ओबीसी फैकल्टी हैं. इसके साथ ही ओबीसी प्रतिनिधित्व की कमी शीर्ष प्रबंधन पदों और गैर-फैकल्टी पदों पर भी है. समिति ने यह भी पाया कि ओबीसी श्रेणी के तहत रिक्तियों का काफी बैकलॉग है.