अधर में लटके संस्मरण के बाद पूर्व सेना प्रमुख जनरल नरवणे की नई सैन्य थ्रिलर किताब आई

जनवरी 2024 में द वायर ने बताया था कि भारतीय सेना पूर्व प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की संस्मरण 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' रक्षा और विदेश मंत्रालयों से 'मंज़ूरी के इंतज़ार' में है, जिसके चलते इसमें देरी हो रही है. हालांकि, अब इसे अधर में लटका छोड़ उनकी दूसरी किताब आई है.

पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम. नरवाणे. (फोटो साभार: रक्षा मंत्रालय (जीओडीएल-इंडिया), विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: बीते लंबे समय से भारतीय सेना पूर्व प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की संस्मरण ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ अधर में लटकी हुई है. इस किताब की समीक्षा मंत्रालय द्वारा की जा रही है, जिसके चलते अभी तक ये किताब पाठकों के लिए उपलब्ध नहीं हो सकी है.

हालांकि, इस बीच नरवणे एक नई किताब लेकर आए हैं, जो एक काल्पनिक सैन्य थ्रिलर है और इसका नाम ‘द कैंटोनमेंट कॉन्सपिरेसी’ रखा गया है.

मालूम हो कि जनवरी 2024 में द वायर ने रिपोर्ट किया था कि नरवणे का संस्मरण केंद्रीय रक्षा और विदेश मंत्रालयों से ‘मंजूरी का इंतजार’ कर रहा है, जिसके चलते इसमें देरी हो रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, नरवणे का संस्मरण दिसंबर 2023 में जारी किया जाना था. इसमें कई खुलासे शामिल हैं, जिसमें 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ हुए तनाव के अलावा गलवान घाटी में दोनों तरफ़ से सैनिकों के बीच हुई झड़प और सेना में भर्ती को लेकर आई अग्निपथ स्कीम के बारे में लिखा गया है.

नरवणे ने सोमवार (3 मार्च) को एक्स पर अपनी नई किताब, द कैंटोनमेंट कॉन्सपिरेसी के आने की घोषणा करते हुए इसे फिक्शन कथानक की दुनिया में उनकी शुरुआत बताया.

उन्होंने लिखा, ‘ये उन लोगों के लिए जो मेरी किताब का इंतज़ार कर रहे हैं. ये है मेरी नई किताब. एक सैन्य थ्रिलर- द कैंटोनमेंट कॉन्सपिरेसी.’

इस किताब के प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया की वेबसाइट के अनुसार, ये किताब एक सैन्य थ्रिलर है, जिसमें एक छावनी में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से निकले दो नए अधिकारियों की कहानी है. इसमें प्रताड़ना से हुई एक मौत की कहानी है, जिस पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठती है और हत्या को उजागर करने की कोशिश की जाती है.

पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया की वेबसाइट पर ये भी बताया गया है कि फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी नरवणे द्वारा लिखी गई अन्य पुस्तक है. लेकिन यह अमेज़ॅन पर अनुपलब्ध है.

गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में समाचार एजेंसी पीटीआई ने फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी किताब के अंशों पर आधारित पांंच खबरें प्रकाशित की थीं. इसमें लिखा गया है कि सरकार की अग्निपथ योजना के ऐलान ने तीनों सेनाओं (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) को चौंका दिया था.

उन्होंने अपनी किताब ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में लिखा है कि जब उन्हें 2020 में पहली बार टूर ऑफ ड्यूटी योजना के बारे में बताया गया, तो यह सैनिक स्तर पर एक लघु-सेवा विकल्प के तौर लाई जाने की व्यवस्था थी और इसका दायरा बड़ा था. लेकिन इसके कुछ समय बाद प्रधानमंत्री कार्यालय अग्निपथ योजना लेकर आया. इसमें थल सेना के साथ-साथ वायु सेना और नौसेना को भी शामिल किया गया. इस योजना ने आर्मी से ज्यादा वायु सेना और नौसेना को चौंकाया.

इसके बाद इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सीडीएस (रक्षा स्टाफ प्रमुख) जनरल बिपिन रावत पर आ गई.

पीटीआई द्वारा प्रकाशित अंशों के अनुसार, आगामी पुस्तक के अन्य खुलासे में नरवणे ने 31 अगस्त, 2020 की रात के बारे में बताया है, जो पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर रेचिन ला पर्वत दर्रे में चीनी सेना द्वारा टैंक और सैनिकों को ले जाने से उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति के बाद थी.

उस स्थिति का उल्लेख करते हुए नरवणे ने लिखा है, ‘ये ऐसा था जैसे मेरे हाथ में जैसे जलती कहाड़ी रख दी गई हो. पूरी ज़िम्मेदारी अब मेरे ऊपर थी. मैंने गहरी सांस ली और कुछ वक़्त चुपचाप बैठ गया. उस वक़्त मुझे अगर कुछ सुनाई दे रही थी तो वो थी घड़ी की टिक-टिक.’

द वायर ने संस्मरण की स्थिति के बारे में पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया और नरणे से संपर्क किया है. प्रतिक्रिया मिलने पर यह रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी.

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