बैठक में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कुकी- जो काउंसिल, जो विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों वाला एक नया निकाय है, को साफ संदेश दिया है कि किसी भी राजनीतिक बातचीत और समाधान की शुरुआत से पहले राज्य में हिंसा का पूरी तरह से अंत होना ज़रूरी है.
मणिपुर के कामजोंग ज़िले में शनिवार को तनाव बढ़ गया, जब गुस्साए ग्रामीणों ने होंगबेई गांव में असम राइफल्स के एक अस्थायी कैंप पर हमला कर आग के हवाले कर दिया. बल के कर्मियों पर 'निरंतर तलाशी' अभियान चलाकर सार्वजनिक जीवन बाधित करने और कथित उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है.
मणिपुर के कुकी बहुल कांगपोकपी ज़िले में डिप्टी कमिश्नर और एसपी के दफ्तरों पर भीड़ ने हमला कर दिया, जहां सैबोल गांव में केंद्रीय बलों द्वारा कुछ सामुदायिक बंकरों पर कब्ज़ा करने के बाद पिछले 48 घंटों से जिले में तनाव की स्थिति बनी हुई थी.
मणिपुर पुलिस ने बताया कि 1 जनवरी की सुबह संदिग्ध उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम ज़िले के कदंगबंद में फिर से हमला किया. 31 दिसंबर को कांगपोकपी में कुकी महिलाओं और सुरक्षाबलों की बीच झड़प हुई थी. इसी दिन सीएम एन. बीरेन सिंह ने राज्य में मई 2023 से जारी हिंसा को लेकर माफ़ी मांगी.
यह साल चुनावों का साल रहा, लेकिन चुनावी रैलियों से मणिपुर की हिंसा गायब रही. बस्तर में मुठभेड़ होते रहे लेकिन दिल्ली बैठी आवाज़ें ख़ामोश रहीं. अन्य देशों में भी यह साल युद्ध के दलदल में फंसा रहा. युद्ध पीड़ितों को खाना देने वाले संस्थाओं तक पर इस्रायल ने हमला किया.
राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. गृह सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 सहित महत्वपूर्ण कानूनों की देखरेख की थी.
पिछले महीने जिरीबाम में मेईतेई समुदाय की छह महिलाओं और बच्चों के अपहरण और हत्या की त्वरित और पारदर्शी जांच के लिए मणिपुर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका का जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये कानून और व्यवस्था बनाए रखने के मामले हैं, जो राज्य सरकार के अधीन हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर, नगालैंड और मिज़ोरम में संरक्षित क्षेत्र व्यवस्था को फिर से लागू कर दिया है, ताकि सुरक्षा संबंधी बढ़ती चिंताओं के बीच विदेशियों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके. अब से इन राज्यों में आने वाले विदेशियों को सरकार से पूर्व अनुमति और विशेष परमिट लेना होगा.
मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के दौरान दर्ज मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 42 विशेष जांच दल गठित किए गए थे. अब सामने आया है कि इन एसआईटी ने 3,023 दर्ज मामलों में से केवल 6 प्रतिशत में ही आरोपपत्र दाखिल किए हैं.
मणिपुर में हिंसा जारी: बिहार के दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या, पुलिस मुठभेड़ में एक उग्रवादी की मौत
पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से प्रवासी श्रमिकों पर यह दूसरा जानलेवा हमला है. इससे पहले अज्ञात हमलावरों ने इंफाल में एक 41 वर्षीय प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी और दो साथी श्रमिकों को घायल कर दिया था.
मणिपुर के कुकी-ज़ो समुदाय के सात विधायकों ने मंगलवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ उनके राज्य में जान-माल की हानि को रोकने के लिए तत्काल क़दम न उठाने को लेकर मौन विरोध किया और अपने समुदाय के लिए एक अलग प्रशासन की मांग दोहराई.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को मई 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त व लूटी गई और अतिक्रमण की गई संपत्तियों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने इन संपत्तियों पर अनाधिकृत क़ब्ज़े के दोषियों के ख़िलाफ़ हुई आपराधिक कार्रवाई की भी जानकारी मांगी है.
आईएलपी वाले राज्यों में जाने के लिए देश के दूसरे राज्यों के लोगों को अनुमति लेनी होती है. मणिपुर सरकार ने 30 नवंबर को एक छापेमारी में इंफाल पश्चिम ज़िले में असम के रहने वाले 29 लोगों के पकड़े जाने के बाद इस प्रणाली की समीक्षा के लिए एक राज्य स्तरीय समिति गठित की है.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मणिपुर में 18 महीनों से जारी जातीय हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा प्रशासन की तुलना में राष्ट्रपति शासन बेहतर होगा. बीरेन सिंह पर राज्य में संकट का समाधान करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि नया नेतृत्व ज़रूरी है.
मणिपुर में इंफाल पश्चिम के लोइतांग खुनौ गांव के एक निवासी आर्मी कैंप में सुपरवाइजर का काम करते हैं और 25 नवंबर की दोपहर से लापता हैं. इस घटना की ख़बर सामने आने के बाद क्षेत्र में गुस्सा भड़क उठा और बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं.