'द कश्मीरवाला' वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख के लिए 2022 में गिरफ़्तार किए गए कश्मीर विश्वविद्यालय के शोधार्थी आला फ़ाज़िली को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि ज़मानत से इनकार करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत अधिकारों का उल्लंघन होगा.
बीते 10 फरवरी को किश्तवाड़ जिले के डीएम ने विरोध प्रदर्शन और सार्वजनिक समारोहों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था. अब कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए कहा कि किसी भी विरोध प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध मूल मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
किश्तवाड़ में मुफ़्त बिजली की मांग को लेकर आंदोलन तेज़ होने के साथ ही प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन और पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया है. विपक्ष ने इसे असहमति को अपराध बनाने और वैध मांग पर दमन की कोशिश क़रार दिया है.
उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में सेना की गोलीबारी में एक ट्रक ड्राइवर और एक अन्य घटना में जम्मू के कठुआ जिले के एक युवक, जिसे पुलिस ने आतंकवाद के एक मामले में पूछताछ के लिए उठाया था, की पुलिस हिरासत में मौत हो गई.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना कुलगाम के बेहिबाग गांव में हुई, जहां एक पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वागे को नज़दीक से गोली मार दी गई. हमले में उनकी पत्नी और उनकी बहन की बेटी भी घायल हुई हैं , जिनका इलाज जारी है.
जम्मू-कश्मीर एसीबी की शुरुआती जांच से पता चला है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 2020 में अज्ञात अधिकारियों ने अग्निशमन विभाग में भर्ती के लिए एक कथित भर्ती कंपनी को काम दिया और बाद में सैकड़ों पदों पर चयनित उम्मीदवारों की फ़र्ज़ी सूची बनाई गई.
उमर अब्दुल्ला सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में बढ़ते गुस्से के मद्देनज़र भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर की आरक्षण नीति में किए गए बदलावों पर फिर से विचार करने के लिए एक उप-समिति का गठन किया है.
जम्मू से भाजपा विधायक शगुन परिहार का आरोप है कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड किश्तवाड़ में बिजली परियोजना को लेकर 'ईस्ट इंडिया कंपनी' की तरह काम कर रही है. जम्मू-कश्मीर सरकार पहले ही कंपनी पर पर्यावरण संबंधी गंभीर ख़तरे पैदा करने के आरोप लगा चुकी है.
जम्मू में हाल ही में हुए एक आतंकवादी हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुधवार को हिरासत में लिए गए चार नागरिकों को किश्तवाड़ में सेना द्वारा हिरासत में कथित रूप से प्रताड़ित किया गया. आरोप है कि पीड़ितों के साथ बुरी तरह मारपीट हुई है और वे इलाजरत हैं.
डोडा के ज़िला सूचना अधिकारी ने एक स्थानीय निवासी और एक्टिविस्ट रहमतुल्ला की हिरासत के बारे में वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए 'द चिनाब टाइम्स' के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की धमकी दी है. बीते दिनों ही सीएम उमर अब्दुल्ला ने लोकतंत्र के लिए मीडिया के स्वतंत्र होने की पैरवी की थी.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा 6 नवंबर को अनुच्छेद 370 की बहाली पर प्रस्ताव पारित किया. भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव को लेकर 7 नवंबर को भी सदन में भारी हंगामा किया, जिसके बाद तीन भाजपा नेताओं को मार्शलों द्वारा विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के त्राल में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा उत्तर प्रदेश के एक प्रवासी श्रमिक को गोली मारकर घायल करने के कुछ घंटों बाद आतंकियों ने गुलमर्ग के नागिन इलाके में सेना के वाहन को निशाना बनाया. घटना में चार लोगों की मौत हुई है.
हमला गांदरबल ज़िले में विकास परियोजना पर काम कर रही लखनऊ की निर्माण कंपनी एपीसीओ इंफ्रा के बेस कैंप पर हुआ. हमले से प्रवासी श्रमिकों के बीच डर का माहौल पैदा होने की संभावना है जो निर्माण, कृषि सहित अन्य कुशल और अकुशल क्षेत्रों में काम करके कश्मीर में अपनी आजीविका कमा रहे हैं.
जम्मू के हथकरघा और हस्तशिल्प निदेशालय द्वारा दो पदों के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के दो उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किए जाने को लेकर स्थानीय निवासी नाराज़ हैं. उनका कहना है कि जब सूबे में बेरोज़गारी चरम पर है तो दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरियां क्यों दी जा रही हैं.
जम्मू-कश्मीर में 2022 में चुनावी क्षेत्रों के पुनर्निधारण के लिए परिसीमन की प्रक्रिया की गई थी, जिसके बाद जम्मू में विधानसभा सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 हो गई थी. हालांकि, चुनावी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि भाजपा को इससे कोई ख़ास लाभ नहीं हुआ.