पंजाब में संगरूर ज़िले के लोंगोवाल का मामला. बीते जुलाई महीने में पंजाब और हरियाणा में बाढ़ आई थी, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को भयानक वित्तीय नुकसान हुआ. तब से किसान संगठन बाढ़ प्रभावितों के लिए मुआवज़े की मांग कर रहे हैं. चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन से पहले कई किसान नेताओं को हिरासत में भी लिया गया है.
वीडियो: 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्र में स्थानीय अधिकारियों ने मुस्लिमों की संपत्ति पर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की थी. रहवासियों का दावा है कि बिना किसी नोटिस या पूर्व सूचना के ऐसा किया गया. अब बेघर लोग बिना बुनियादी सुविधाओं के रहने को मजबूर हैं.
वीडियो: हरियाणा के मेवात क्षेत्र के नूंह में विहिप और बजरंग दल की शोभायात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़पों के बाद ज़िला प्रशासन द्वारा यात्रा के लिए गठित शांति समिति के सदस्य रमज़ान चौधरी ने इस हिंसा को सुनियोजित बताया है. उनसे बातचीत.
वीडियो: दिल्ली की बाढ़ को एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन इसके कई इलाकों में लोग अब साफ पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. इस समस्या पर पुरानी दिल्ली के मटिया महल विधानसभा क्षेत्र के आप विधायक शोएब इकबाल और अन्य लोगों से बातचीत.
वीडियो: महाराष्ट्र में 23 नगर निगम, 26 ज़िला परिषद और 385 नगर पंचायतों के चुनाव एक साल से अधिक समय से लंबित हैं. इतना ही नहीं नवी मुंबई, कोल्हापुर, ठाणे, वसई, विरार, कल्याण डोंबिवली के चुनावों में तो तीन साल की देरी हो चुकी है.
वीडियो: मई के आख़िरी हफ्ते में बुलंदशहर के बराल गांव के कुछ मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी, जिसे मीडिया के एक तबके ने बिना किसी प्रमाण के मुस्लिमों द्वारा तोड़े जाने से जोड़ा दिया. बाद में पुलिस जांच में सामने आया कि सभी आरोपी हिंदू हैं.
वीडियो: बीते 6 जून को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के बीजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं ख़रीदने के सरकार के फैसले के विरोध में किसानों के आंदोलन को बर्बरतापूर्वक ख़त्म करा दिया था. पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करने के साथ उन्हें तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था. साथ ही किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 100 अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है.
वीडियो: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हिंदुत्ववादी संगठनों ने औरंगज़ेब और टीपू सुल्तान से संबंधित कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के विरोध में निकाली गई रैली हिंसक हो गई थी. पुलिस ने दोनों दिन की हिंसा के संबंध में 40 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया है.
वीडियो: बीते 2 जून को ओडिशा में तीन ट्रेनों की टक्कर से हुई भीषण दुर्घटना के संबंध में रेल मंत्रालय ने अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट में सिग्नल की गड़बड़ी को इसका कारण बताया है. हालांकि जिन पांच अधिकारियों ने ये रिपोर्ट तैयार की थी, उसमें से एक ने इस पर अपनी असहमति ज़ाहिर की है. अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस दुर्घटना को लेकर कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है.
वीडियो: 28 मई को दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में सरेआम एक युवती की हत्या हुई. आरोपी साहिल को पुलिस ने अगले दिन यूपी से गिरफ़्तार किया था. अब क्षेत्र के निवासियों और कार्यकर्ताओं का दावा है कि कथित तौर पर आरएसएस से जुड़े लोगों ने इलाके में जाकर लोगों को सांप्रदायिक तरीके से भड़काने का प्रयास किया.
वीडियो: देश में एक नया चलन देखने को मिल रहा है. हाल ही में ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें कुछ मुस्लिम युवक समुदाय की युवतियों के ग़ैर-मुस्लिम युवकों के साथ घूमने या नज़र आने के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं. बीते मई के महीने में ऐसी पांच घटनाएं देखने को मिली हैं.
वीडियो: वीडी सावरकर भारतीय इतिहास में बहस और विवाद का विषय रहे हैं. कुछ उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी बताते हैं, तो कुछ अन्य उन्हें संदेह की दृष्टि से देखते हैं. पत्रकार निरंजन टाकले ने सावरकर पर अध्ययन किया है और उनका मानना है कि सावरकर की आलोचना करना ही देशहित में है.
वीडियो: लोकसभा चुनाव में सालभर से कम समय बचा है. देश की युवा पीढ़ी जब अपना नेता चुनने की सोचती है, तो उसके लिए क्या महत्वपूर्ण है- कोई लोकलुभावन छवि वाला नेता या वो मुद्दे, जिनसे वो रोज़मर्रा की ज़िंदगी में दो-चार होते रहते हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने साझा की अपनी राय.
वीडियो: सीबीआई ने बीते दिनों नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े और चार अन्य लोगों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के एक मामले में केस दर्ज किया है. आरोप है कि अभिनेता शाहरुख़ ख़ान से उनके बेटे आर्यन को ड्रग्स मामले में न फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी.
वीडियो: दिल्ली के तुग़लक़ाबाद क़िले के पास रविवार को एएसआई ने पुलिस बल की मौजूदगी में कथित अवैध निर्माण को हटाने के लिए क़रीब हज़ार घरों को ढहा दिया. यहां के रहवासियों का सवाल है कि अगर उनके घर अवैध थे तो यहां के पते के आधार पर सरकारी एजेंसियों द्वारा क़ानूनी दस्तावेज़ कैसे बनाए जा रहे थे.