हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने वाली नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन ने कहा कि राज्य सरकार और उसकी मशीनरी मौजूदा संकट में निष्क्रिय बनी हुई है और केंद्र सरकार की आपराधिक उदासीनता ने मौजूदा गंभीर स्थिति को बढ़ा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, एक मणिपुर ट्राइबल फोरम दिल्ली और दूसरी मणिपुर विधानसभा की हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष द्वारा दायर की गई है. अदालत ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट में पुनर्वास शिविरों, हथियारों की बरामदगी, क़ानून व्यवस्था समेत अन्य उठाए जा रहे क़दमों को शामिल किया जाना चाहिए.
मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा के बाद सत्तारूढ़ भाजपा सहित प्रदर्शनकारी कुकी विधायकों और आदिवासी संगठन अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि जातीय हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय हाथ की पुष्टि या खंडन करना संभव नहीं है, लेकिन यह पूर्व नियोजित लगता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में समान नागरिक संहिता की पुरज़ोर वकालत के बाद मेघालय, मिज़ोरम और नगालैंड में विभिन्न संगठनों ने इसके ख़िलाफ़ विरोधी तेवर अपना लिए हैं. एक नगा संगठन ने विधानसभा द्वारा यूसीसी के समर्थन में विधेयक पारित करने की स्थिति में हिंसा की चेतावनी दी है.
बीते 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से राजधानी इंफाल को नगालैंड के दीमापुर शहर से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को अवरुद्ध कर दिया गया था. कुकी समूहों ने कहा कि राज्य में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नाकाबंदी हटा ली गई है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के आधिकारिक हैंडल से बीते 30 जून को कुछ ट्वीट किए गए थे, जिसमें वह कुछ ट्विटर उपयोगकर्ताओं के साथ उलझते हुए नज़र आते हैं, जिन्होंने उन्हें ‘कुकी’ और ‘म्यांमार से संबंधित’ कहने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की थी. बाद में ये ट्वीट हटा दिए गए थे.
तमाम सर्वे बताते हैं कि नरेंद्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि ‘अत्यंत’ लोकप्रिय मोदी सांप्रदायिक दंगों, आंदोलनों या जातीय हिंसा के समय कोई अपील जारी क्यों नहीं करते? महात्मा गांधी के गुजरात से आने वाले मोदी मणिपुर के विभिन्न समुदायों के बीच जाकर शांति की अपील क्यों नहीं करते? दरअसल उनकी लोकप्रियता महज़ चुनावी है.
वीडियो: मणिपुर में 3 मई को बहुसंख्यक मेईतेई और आदिवासी कुकी समुदाय के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा जारी है. अब तक करीब 200 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं जो 350 राहत शिविरों में रह रहे हैं.
ख़बर थी कि हिंसाग्रस्त मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करने वाले हैं. इसके बाद उनके इस्तीफ़े की अटकलें तेज़ हो गई थीं. मई की शुरुआत से राज्य में शुरू हुई जातीय हिंसा से निपटने के अपने तरीके को लेकर मुख्यमंत्री को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
मिज़ोरम ने हिंसा प्रभावित मणिपुर से भागकर आ रहे हज़ारों लोगों को अपने यहां शरण देने के लिए केंद्र से मदद मांगी है. अधिकारियों ने कहा है कि अगर मदद नहीं दी गई तो उनके यहां जल्द ही संसाधनों की कमी हो गई है. इस बीच मणिपुर पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी का क़ाफ़िला बिष्णुपुर में रोक दिया गया है.
वीडियो: 26 जून को भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स के ट्विटर हैंडल से जारी एक वीडियो में कहा गया कि मणिपुर में महिला प्रदर्शनकारी ‘सशस्त्र दंगाइयों’ को सहयोग और समर्थन दे रही है और राज्य में सुरक्षा बलों के अभियानों में दख़ल दे रही हैं. उन्होंने सहयोग की अपील भी की थी.
मणिपुर में हिंसा के बीच सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि उन सभी कर्मचारियों पर 'काम नहीं, वेतन नहीं' नियम लागू किया जा सकता है जो अधिकृत अवकाश के बिना अपनी आधिकारिक ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं.
मणिपुर के प्रभावशाली आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने कहा है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद हितधारकों तक पहुंचने का विचार बहुत देर से व्यक्त किया, जब इतने सारे निर्दोष जीवन और संपत्तियों का नुकसान हो गया और कुकी-ज़ो आदिवासियों को कठिन दौर से गुज़रना पड़ा.
मणिपुर में बीते 3 मई को मेईतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से कम से कम 4,000 हथियार लूटे गए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों को पुलिस थानों और शस्त्रागारों से लूटे गए हथियारों और गोला-बारूद की सही संख्या का पता नहीं है, क्योंकि रिकॉर्ड रखने वाले रजिस्टर या तो नष्ट कर दिए गए हैं या किसी के द्वारा ले लिए गए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स ज़िले में बीते 25 जून की रात को एक सीमा चौकी पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. बीएसएफ ने कहा कि उसने पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में तस्करी के लिए ले जाई जाने वाली कई वस्तुओं को पकड़ा है. इसका बदला लेने के लिए तस्करों ने चौकी पर हमला करवाया.