बीते कुछ समय से मणिपुर में अवैध घुसपैठ का दावा करते हुए एनआरसी की मांग तेज़ी से सिर उठा रही है. विधानसभा में जदयू विधायक के. जॉयकिशन ने दावा किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में 1971 से 2001 के बीच जनसंख्या में 153.3% की वृद्धि हुई और 2002-11 में यह दर 250.9 फीसदी हो गई. उन्होंने कहा कि इसकी वजह बाहर से लोगों की कथित घुसपैठ हो सकती है.
मणिपुर की भाजपा सरकार ने बीते दो जुलाई को मणिपुर (पर्वतीय क्षेत्र) जिला परिषद छठे एवं सातवें संशोधन विधेयक पेश किए थे. पर्वतीय क्षेत्र का राज्य के घाटी वाले इलाकों के समतुल्य विकास सुनिश्चित करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ये विधेयक उनकी मांगों के अनुरूप नहीं हैं.
आरोप है कि एनआईए ने सांध्य दैनिक ‘कांगलीपक्की मीरा’ के प्रधान संपादक डब्ल्यू. श्यामजई को दो अगस्त को अपने कार्यालय में तलब किया था. दोपहर तक बिना बातचीत किए उन्हें एक छोटे से कमरे में रखा गया और फिर उनसे भूमिगत समूहों के बारे में ‘अनर्गल’ सवाल किए गए.
मुख्य चुनाव अधिकारी नितिन खाड़े ने बताया कि पांच जनवरी तक राज्य में 1,02,360 डी-वोटर्स थे जिनमें 38,496 पुरुष और 63,864 महिलाएं थीं. मतदाता सूची में संशोधन के बाद 30 जुलाई को यह संख्या घटकर 1,01,107 रह गई. इनमें 38,001 पुरुष और 63,106 महिलाएं शामिल हैं.
बीते दिनों राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि शैक्षणिक वर्ष 2023 से सभी सरकारी और प्रांतीय असमिया और अन्य स्थानीय माध्यम के स्कूलों में कक्षा तीन से गणित और विज्ञान अंग्रेज़ी में पढ़ाए जाएंगे. साहित्य व छात्र संगठनों का कहना है कि हालिया आदेश मातृभाषा में पढ़ाई कराने वाले स्कूलों और अंतत: असमी, बोडो व राज्य की अन्य भाषाओं के लिए मौत का फ़रमान साबित होंगे.
त्रिपुरा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि राज्य में 1 अगस्त से अगले दो महीने तक इलेक्ट्रॉनिक फोटो पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने का काम किया जाएगा, इससे मताधिकार के दुरुपयोग पर रोक लगेगी.
केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता कर रहे नगा संगठनों की अगुवाई कर रहे नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) ने दावा किया है कि दशकों से चली आ रही इस समस्या के समाधान में हो रही देरी की वजह आरएसएस द्वारा उनके अलग झंडे और अलग संविधान की मांग पर आपत्ति जताया जाना है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बयान के अनुसार, दोनों मौत असम के हैलाकांडी ज़िले में हुई हैं. राज्य में सोमवार को जापानी इंसेफलाइटिस के 14 नए मामले दर्ज किए, जिससे इस महीने इस बीमारी से ग्रस्त लोगों की संख्या 266 हो गई.
पुलिस ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर उग्रवादी से नेता बने मेघालय भाजपा के उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन. मारक के स्वामित्व वाले तुरा स्थित फार्महाउस पर छापा मारा गया. मारक ने कहा कि मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा हताश हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि वह भाजपा की दक्षिण तुरा सीट से हार रहे हैं. मेरे फार्महाउस पर छापा मेरी छवि को ख़राब करने और राजनीतिक प्रतिशोध का एक हताशापूर्ण प्रयास है.
असम में जोरहाट के डीसीबी कॉलेज में बीएसएस गणित की दूसरे वर्ष की छात्रा को उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित रूप से कविता लिखने को लेकर बीते 18 मई को गिरफ़्तार किया गया था. उसके बाद से वह गोलाघाट केंद्रीय कारागार में बंद थीं.
सभी मज़दूर चीन सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे ज़िले में ‘सीमा सड़क संगठन’ की एक सड़क निर्माण परियोजना में कार्यरत थे. उन्हें असम के स्थानीय ठेकेदार काम का वादा करके अरुणाचल के दामिन स्थित एक शिविर में ले गए थे. 3 जुलाई के बाद से परिजनों का उनसे संपर्क नहीं हो पाया है. 13 जुलाई को जब स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी हुई, तब तलाशी अभियान शुरू किया गया.
दिसंबर 2021 में मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. बीते महीने मामले में नगालैंड पुलिस द्वारा मेजर रैंक के एक अधिकारी समेत 21 पैरा स्पेशल फोर्स के 30 जवानों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दायर किया गया था.
अरुणाचल प्रदेश के कोलोरियांग क्षेत्र से भाजपा विधायक लोकम टसर के ख़िलाफ़ पुलिस ने चार जुलाई को एक गर्भवती महिला से बलात्कार के आरोप का मामला दर्ज किया है. इस बीच पुलिस ने विधायक की गिरफ़्तारी के प्रयास तेज़ कर दिए हैं. मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि अगर अदालत ने विधायक के ख़िलाफ़ आरोपों को सही पाया तो भाजपा उनके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करेगी.
मिज़ोरम के गृह विभाग द्वारा इस महीने की शुरुआत में संकलित आंकड़ों का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल फरवरी में पड़ोसी देश म्यांमार में सेना द्वारा सत्ता हथियाए जाने के बाद से अब तक 11,798 बच्चों और 10,047 महिलाओं सहित म्यांमार के 30,316 नागरिकों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है. मिज़ोरम आने वालों में वहां के 14 विधायक भी शामिल हैं.
बीते 13 जुलाई को ईटानगर ज़िला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह क़दम समाज में शांति बनाए रखने और समाज के भीतर धर्मनिरपेक्षता व भाईचारे की भावना को कायम रखने के लिए है. होटलों और रेस्तरां के साइनबोर्ड पर ‘बीफ’ शब्द का इस तरह खुला प्रदर्शन समाज के कुछ वर्गों की भावनाओं को आहत कर सकता है और विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा कर सकता है.