असम के कामरूप ज़िले में भूमि विवाद के चलते एक समूह ने दूसरे पर लोहे की छड़ों, डंडों और धारदार हथियारों से हमला किया था. मृतकों की पहचान नूर मोहम्मद, अली अकबर और नूरुल हक़ के रूप में हुई है. उत्तेजित भीड़ ने हत्या के विरोध में छह घरों में आग लगा दी. पुलिस ने इस सिलसिले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है.
आरोप है कि साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी और एक पारिवारिक मित्र के स्वामित्व वाली फर्मों को बाज़ार दरों से ऊपर पीपीई किट की आपूर्ति का ठेका दिया गया था. वाम दलों ने आरोप लगाया कि दो साल पहले कोविड-19 से निपटने के मद्देनज़र चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के ठेके देने के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), असम द्वारा सभी मानदंडों का उल्लंघन किया गया था.
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि साल 2020 में जब देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा था, तब असम सरकार ने उस समय स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी की कंपनी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों को ‘अत्यधिक दरों’ पर पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिए थे. इस संबंध में द वायर’ और ‘द क्रॉस करंट’ बीते एक जून को रिपोर्ट प्रकाशित की थी. असम सरकार और हिमंता बिस्वा
असम पुलिस के अनुसार, नागांव ज़िले में भीड़ को थाने में हिंसा के लिए उकसाने के मुख्य आरोपी आशिकुल इस्लाम ने उन्हें पुलिस वाहन से हथियारों की निशानदेही के लिए ले जाने के दौरान भागने की कोशिश की और पीछे चल रहे एस्कॉर्ट वाहन की चपेट में आने उनकी मौत हो गई.
असम के तिनसुकिया से विधायक और कैबिनेट मंत्री संजय किशन ने बीते 13 मई को विधानसभा में प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ को झूठा कहा था. अगले दिन इस संगठन ने एक बयान जारी कर मंत्री से माफ़ी मांगने को कहा. उसके कुछ ही घंटों में मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर बरुआ से माफ़ी मांग ली थी.
असम मंत्रिमंडल ने मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यक प्रमाण-पत्र जारी करने का फैसला किया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत ने कहा कि हमारे पास अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं हैं, अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग विभाग है. लेकिन अल्पसंख्यक कौन हैं? कोई पहचान नहीं है. उनकी पहचान करने की ज़रूरत है, ताकि ऐसी योजनाएं उन तक पहुंच सकें.
इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन नामक एनजीओ के प्रमुख मार्क टी. हाओकिप को राजधानी दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया है. मणिपुर की दो पहाड़ियों- थांगजिंग और कोबरू पर अधिकार को लेकर मेईतेई और कुकी जनजातीय समूह के बीच विवाद जारी है. दोनों समूह इन पहाड़ियों पर अपना दावा करते हैं. पहाड़ियों को लेकर पर विवाद पर हाओकिप की टिप्पणी को लेकर उन्हें गिरफ़्तार कर इंफाल ले जाया गया है.
ये पांचों उन छह लोगों में से हैं, जिन पर पहले ही कथित तौर पर पुलिस हिरासत में हुई सफीकुल इस्लाम की मौत के विरोध में नागांव ज़िले के बटाद्रवा थाने में आग लगाने का आरोप लगाया गया है. रविवार को पुलिस ने थाने में आगजनी के आरोपियों को 'अतिक्रमणकारी' बताते हुए उनके घरों को ध्वस्त कर दिया था. इनमें मृतक सफीकुल का घर भी शामिल है.
एक मछली व्यापारी सफीकुल इस्लाम की कथित तौर पर हिरासत में मौत के बाद भीड़ ने बीते 21 मई को असम के नगांव ज़िले के बटाद्रवा थाने आग लगा दी थी. रविवार को प्रशासन ने सलोनाबारी गांव में अतिक्रमण अभियान चलाकर उन आरोपियों के घर गिरा दिए, जो कथित तौर पर आगज़नी में शामिल थे. पुलिस ने हिरासत में मौत से भी इनकार किया है. हालांकि मृतक के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि पुलिस ने उसकी रिहाई के
असम में इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि फिलहाल 2,095 गांव पानी में डूबे हुए हैं, जबकि 95,473.51 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल नष्ट हो गई है. इसके अलावा प्रभावित लोगों के लिए आठ ज़िलों में 421 राहत शिविर और वितरण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं.
उनकी पहचान असम के हैलाकांडी शहर स्थित श्रीकिशन शारदा कॉलेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्रोफेसर जोमीर अहमद चौधरी के रूप में हुई. उन्हें शनिवार दोपहर अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें कुछ शर्तों पर ज़मानत दे दी है.
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के असम समन्वयक हितेश देव शर्मा ने अपने पूर्ववर्ती प्रतीक हजेला और अन्य पर रजिस्टर को अद्यतन करते समय राष्ट्र विरोधी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए सीआईडी में एक शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि एक अधिकारी ने बताया कि सीआईडी ने अभी आरोपियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज नहीं की है.
असम में बाढ़ की स्थिति शुक्रवार को भी गंभीर बनी रही, क्योंकि बाढ़ का पानी नए इलाकों में घुस गया है, जिससे कुल 29 ज़िले प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण चार और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई, जिसमें से पांच लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई है. उधर, अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
असम के गोआलपाड़ा ज़िले के हुरकाचुंगी माध्यमिक इंग्लिश स्कूल का मामला. स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापिका के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए गोमांस लेकर आई थीं. असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के मुताबिक उन क्षेत्रों में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं.
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण असम की बराक घाटी और दीमा हसाओ ज़िले समेत पड़ोसी राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के कुछ हिस्सों से सड़क और रेल संपर्क टूट गया है. असम और मेघालय में कई जगह सड़क और रेल पटरी बह गई है. असम में वर्षाजनित हादसों में तीन और लोगों की मौत हो जाने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर आठ हो गई है.