कुकी पीपुल्स अलायंस के प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने अपने दो नवनिर्वाचित विधायकों के साथ मणिपुर के राज्यपाल को पार्टी की ओर से समर्थन-पत्र सौंपा है. हाल ही में संपन्न हुए राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी ने केवल दो उम्मीदवार उतारे थे और दोनों ही जीतने में सफल रहे. वहीं भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटों पर जीत हासिल की है.
भाजपा की उम्मीदवार नेमचा किपगेन ने एक बार फिर कांगपोकपी निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की. इसके अलावा चार अन्य महिलाओं ने जीत दर्ज की, जिनमें चंदेल से एसएस ओलीश (भाजपा), सैकुल से किमनेओ हाओकिप हांगसिंह (कुकी पीपुल्स अलायंस), ओइनम से इरेंगबाम नलिनी देवी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) और नौरिया पखांगलाक्पा से सगोलशेम केबी देवी (भाजपा) शामिल हैं.
असम विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल जगदीश मुखी के संबोधन के दौरान निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने एक लाख युवाओं को रोज़गार, किसानों से धान की ख़रीद, स्वदेशी मूल के लोगों को ज़मीन का अधिकार देने और जलापूर्ति योजना में भ्रष्टाचार जैसे अन्य मुद्दे उठाने की कोशिश की थी. राज्यपाल के भाषण के बाद उनका निलंबन वापस ले लिया गया.
मणिपुर के 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 32 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. नेशनल पीपुल्स पार्टी सात सीटों पर जीत हासिल की. जदयू सात सीटों पर विजयी रही, जबकि 2017 में 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी कांग्रेस को इस बार महज़ पांच सीटों जीतकर संतोष करना पड़ा.
मणिपुर के विधानसभा चुनाव में अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की है और चौदह पर आगे चल रही है. रुझानों से साफ हो गया है कि भाजाप बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है. हेनगांग से जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि भाजपा समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन एनपीपी की मदद नहीं ले सकती.
आरोप है कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि पिछले साल सितंबर में दरांग जिले के गरुखुटी गांव में किया गया बेदखली अभियान बदले की कार्रवाई था. इन बेदखली अभियानों में से एक के दौरान 23 सितंबर को गरुखुटी में पुलिस की फायरिंग में 12 साल के बच्चे सहित दो स्थानीय लोगों की मौत हुई थी.
1972 में मेघालय को असम से अलग कर राज्य बनाया गया था. दोनों राज्यों के बीच समस्या तब शुरू हुई जब मेघालय ने 1971 के असम पुनर्गठन अधिनियम को चुनौती दी, जिसने मिकिर हिल्स या वर्तमान कार्बी आंगलोंग क्षेत्र के ब्लॉक एक-दो को असम को दे दिया. वर्तमान में 733 किलोमीटर लंबी सीमा पर विवाद के 12 बिंदु हैं.
आम सहमति वापस लेने का अर्थ है कि सीबीआई मेघालय में अब किसी भी मामले की जांच राज्य सरकार की अनुमति के बिना नहीं कर पाएगी. विपक्ष द्वारा शासित राज्यों का आरोप है कि सीबीआई केंद्र की कठपुतली बन गई है. हालांकि मेघालय में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग सरकार होने के बावजूद ऐसा फैसला लिया गया है. फैसले के पीछे मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के भाई पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को वजह बताया जा रहा है.
पिछले साल चार और पांच दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में कम से कम 14 नागरिकों के मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि सेना के पैरा-कमांडो द्वारा 14 नागरिकों की कथित हत्या की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के नतीजे केंद्र से दोषियों पर मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी मिलने के बाद सार्वजनिक किए जा सकते हैं.
असम सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि बीते छह महीने की क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा के बाद पूरे राज्य को 28 फरवरी, 2022 से अगले छह महीने के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया है. नवंबर 1990 में राज्य में आफ़स्पा लागू किया गया था, जिसके बाद लगातार छह महीने के लिए इसकी अवधि में विस्तार किया जा रहा है.
याचिकाकर्ता वकील एहतेशाम हाशमी के ख़िलाफ़ त्रिपुरा पुलिस ने पिछले साल राज्य में हुई हिंसा पर उनकी रिपोर्टिंग के लिए कठोर गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है. हाशमी ने एसआईटी द्वारा जांच की मांग की है, जिसमें एक मस्जिद को नष्ट करने सहित मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं को दरकिनार करने में पुलिस और त्रिपुरा सरकार की मिलीभगत का आरोप लगाया गया है.
मणिपुर कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आफ़स्पा अपने शुरुआती स्तर पर अलग था, पर अब यह नागरिकों के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा देता है. ये लोग (भाजपा) इसे नागरिकों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करना चाहते हैं. वे सत्ता में बने रहने के लिए आतंक का माहौल बनाए रखना चाहते हैं.
असम के मोरीगांव ज़िले में वन रक्षकों की गोली से एक ग्रामीण की मौत से गुस्साए स्थानीय लोगों और कई छात्र संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया और गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की. सोनाईकुची रिज़र्व वन में कथित तौर पर पेड़ काटने को लेकर वन रक्षकों ने कार्रवाई की थी.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि जल्द ही एक पोर्टल शुरू किया जाएगा, जिसमें पूरे राज्य के उन स्थानों के नाम बदलने के लिए सुझाव मांगे जाएंगे जो कि राज्य की संस्कृति और सभ्यता को नहीं दर्शाते हैं. विपक्ष के साथ ट्विटर पर कई लोगों ने स्थानों के नाम बदलने की आवश्यकता पर सवाल उठाया और सरकार को राज्य में सड़कों और बेहतर बुनियादी ढांचे के निर्माण जैसे कामों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का सुझाव
उत्तराखंड में हाल ही में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि जब भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की, तो राहुल गांधी ने इसका सबूत मांगा था. क्या हमने कभी आपसे इस बात का सबूत मांगा कि आप राजीव गांधी के बेटे हैं या नहीं?