विशेष: मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग पर लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोप देश में होने वाले बड़े घोटालों की तुलना में छोटे लग सकते हैं, लेकिन इसका असली नुकसान कला और संस्कृति को भुगतना पड़ रहा है.
एक रिपोर्ट बताती है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान को ‘ग़लत संदर्भ’ में प्रसारित करने के मामले में ज़ी न्यूज़ के दो पूर्व कर्मचारियों के ख़िलाफ़ दर्ज एक एफ़आईआर में यूपी पुलिस ने उसी सुबह एंकर रोहित रंजन का नाम जोड़ा था, जिस दिन उन्हें हिरासत में लिया गया था और उसी दिन उनकी ज़मानत भी हो गई थी.
बीते पांच जुलाई को जारी शासनादेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विभागों को 31 जुलाई तक ऐसे कर्मचारियों की स्क्रीनिंग का काम पूरा कर 15 अगस्त तक इसकी सूचना कार्मिक विभाग को देने को कहा गया है.
जानकारी के अनुसार, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के बाहरी इलाके नंदन नगर के एक क़ब्रिस्तान में कथित तौर पर हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने पहले तो बुलडोज़र चलाकर ज़मीन साफ़ की और फिर बांस का अस्थायी ढांचा खड़ा करके उसमें शिवलिंग स्थापित कर दिया और आसपास संगठन के बैनर-झंडे व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें लगा दीं. प्रशासन ने बाद में इस ढांचे को हटा दिया.
प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने राजस्थान के उदयपुर में एक दर्ज़ी की जघन्य हत्या और कुछ अन्य घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि अगर ऐसे चलते रहे तो नुकसान किसी विशेष धर्म या समुदाय का नहीं, देश का होगा. सरकार और बड़े लोगों का सपना है कि भारत विश्वगुरु के रूप में अपनी पहचान बनाए. विश्वगुरु बनने का अधिकार भारत का है, लेकिन यह अधिकार वे लोग छीन रहे हैं जो नफ़रत के
अमेरिकी संसद में भारत के मानवाधिकार कार्यकर्ता की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर फादर स्टेन स्वामी की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग संबंधी एक प्रस्ताव पेश किया गया. प्रस्ताव में मानवाधिकार रक्षकों और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए आतंकवाद विरोधी क़ानूनों के दुरुपयोग पर भी चिंता व्यक्त की. एल्गार परिषद मामले में गिरफ़्तार 84 साल के स्टेन स्वामी का पांच जुलाई 2021 को मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए हिरासत में निधन हो गया था.
आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में रोज़गार में कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी दर बढ़कर 8.03 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो मई में 7.30 प्रतिशत थी. शहरी क्षेत्रों में स्थिति कुछ बेहतर रही और बेरोज़गारी दर 7.3 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि मई में यह 7.12 प्रतिशत थी.
घटना उत्तरी दिल्ली के सोनिया विहार क्षेत्र की है. पुलिस ने बताया कि आरोपी के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है. एक अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वह पुजारी को पहले से जानता था.
अफ़ग़ानिस्तान के सूफ़ी धर्मगुरु ख़्वाजा अहमद ज़रीफ़ चिश्ती उर्फ़ ज़रीफ़ बाबा पिछले चार साल से शरणार्थी के तौर पर भारत में रह रहे थे. पुलिस ने बताया कि ऐसा लगता है कि हत्या का कारण ज़मीन या पैसों से संबंधित विवाद है. पुलिस ने इस संबंध में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है, जबकि तीन अन्य फ़रार हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,35,66,739 हो गई है और इस महामारी के कारण 5,25,305 लोगों की मौत हुई है. विश्व में संक्रमण के 55.24 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और अब तक 63.44 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल डीएमके के नेता ए. राजा ने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी को 'स्वतंत्र तमिलनाडु' की मांग करने के लिए विवश नहीं किया जाए और राज्य को स्वायत्तता दी जाए. जब तक राज्य को स्वायत्ता नहीं मिल जाती, हम अपनी लड़ाई नहीं रोकेंगे.
एलपीजी के दाम मई, 2022 से अब तक तीसरी बार और इस साल चौथी बार बढ़ाए गए हैं. कांग्रेस ने इसे 'जनविरोधी निर्णय' बताते हुए इस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है. वहीं, टीएमसी ने तंज़ किया कि 'मोदी जी के अमृतकाल में मुश्किलें रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं.'
उदयपुर हत्याकांड के विरोध में मध्य प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समेत अन्य दक्षिणपंथी समूहों ने प्रदर्शन किए, जिनमें मुसलमानों के ख़िलाफ़ न सिर्फ भड़काऊ नारे लगाए गए बल्कि उनके ख़िलाफ़ हिंसा का भी आह्वान किया गया.
केरल के मत्स्यपालन मंत्री साजी चेरियन ने संविधान की आलोचना करते हुए कथित तौर पर कहा था कि यह ‘शोषण को माफ़ करता है’ और इसे ऐसे से लिखा गया है कि इसका इस्तेमाल देश के लोगों को ‘लूटने’ के लिए किया जा सके. इसकी कड़ी आलोचना के बाद चेरियन ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि उनके बयान के एक विशेष हिस्से को लेकर माकपा और एलडीएफ को कमज़ोर करने के इरादे से कहानी बुनी गई.
बसपा सांसद अतुल राय की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि यह संसद की सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि अपराधिक छवि वाले लोगों को राजनीति में आने से रोके और लोकतंत्र बचाए. चूंकि संसद और निर्वाचन आयोग ज़रूरी क़दम नहीं उठा रहे हैं, इसलिए देश का लोकतंत्र अपराधियों, ठगों और क़ानून तोड़ने वालों के हाथों में जा रहा है.