सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर 59 वर्षीय शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित को पांच वर्षों के लिए जेएनयू के कुलपति नियुक्त किया गया है. पंडित जेएनयू की छात्रा रही हैं, जहां से उन्होंने एमफिल के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की उपाधि हासिल की है.
कर्नाटक के उडुपी ज़िले में कुंडापुर स्थित एक सरकारी पीयू कॉलेज के प्राचार्य ने हिजाब पहनकर आईं मुस्लिम छात्राओं से बातचीत की और उन्हें सरकार के यूनिफॉर्म में आने के आदेश के बारे में बताया. हालांकि छात्राओं ने हिजाब पहनने पर ज़ोर दिया तो उन्हें एक अलग कमरे में जाने के लिए कहा गया, जिसकी व्यवस्था विशेष तौर पर उनके लिए ही की गई थी.
मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ के प्रसारण संबंधी लाइसेंस को 31 जनवरी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा रद्द किए जाने के एक दिन बाद केरल के 10 लोकसभा सांसद संबंधित मंत्री अनुराग ठाकुर से मिले थे. तब उन्होंने उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने को बोला था. सांसदों का कहना है कि लाइसेंस रद्द करने का कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया गया है, यह मीडिया की आवाज़ दबाने का प्रयास है.
गुजरात हाईकोर्ट ने साल 2020 में स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप द्वारा बांग्लादेशी नागरिक होने के संदेह में हिरासत में लिए गए आमिर सिदिकभाई शेख़ की सशर्त रिहाई के निर्देश दिए हैं. आमिर की हिरासत के बाद उनकी मां ने मतदाता पहचान-पत्र, आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे पहचान और नागरिकता के कई साक्ष्य पेश किए थे, लेकिन इन पर ग़ौर नहीं किया गया.
इस पत्र में कहा गया कि साइबर हमलों और भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में साक्ष्यों को प्लांट करने के संबंध में खुलासे को देखते हुए गिरफ़्तार किए गए इन कार्यकर्ताओं को कम से कम ज़मानत दी जानी चाहिए. एल्गार परिषद मामले में अब तक 16 कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. इनमें से एक फादर स्टेन स्वामी की कोरोना की वजह से हिरासत में ही मौत हो गई थी.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर कहा गया है कि कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता का दायरा लगातार सिमटता गया है. संगठन ने ‘द कश्मीर वाला’ न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह और इसी संस्थान के एक अन्य पत्रकार सज्जाद गुल की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन से आग्रह किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों का उत्पीड़न बंद करें.
उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले के नवाबगंज थाना क्षेत्र का मामला है. पुलिस के मुताबिक, 17 वर्षीय दलित किशोरी का शव एक खेत में बरामद किया गया. सर्विलांस के आधार पर मामले में तीन आरोपियों की संलिप्तता का पता चला था. तीसरे आरोपी की तलाश में एक पुलिस टीम लगाई गई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,22,72,014 हो गई है और मृतक संख्या 5,02,874 है. विश्व में संक्रमण के 39.49 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 57.40 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
चित्रकथा: जहां मुंबई के सुविधा-संपन्न नागरिकों को पानी रियायती दरों पर मिलता है वही, झुग्गी-बस्तियों में रहने वालों को आज भी पानी के लिए दरबदर भटकना पड़ता है.
वीडियो: सितंबर 2013 में उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों में 60 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और 60 हज़ार से अधिक बेघर हो गए थे. दंगों में भाजपा नेताओं के शामिल होने के आरोप लगे थे और पार्टी के कुछ विधायकों को सांप्रदायिक भाषण देने और दंगा भड़काने के लिए जेल जाना पड़ा था. आठ साल बाद द वायर की टीम दंगों में विस्थापित हुए परिवारों का हाल जानने की कोशिश की.
वीडियो: भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश यादव के गढ़ में उन्हें चुनौती देने के लिए केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारा है. बघेल कभी मुलायम सिंह के क़रीबी थे, लेकिन इस बार वे मैनपुरी की करहट सीट से सपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अखिलेश यादव को चुनौती दे रहे हैं. एसपी सिंह से याकूत अली की बातचीत.
स्मृति शेष: लता मंगेशकर समय की रेत पर उकेरा गया वो गहरा निशान है जिसे गुज़रती घड़ियों की लहरें और गाढ़ा करती जाती हैं.
सरस्वती को विद्या की देवी कहकर हिंदुओं तक सीमित न रखने की अपील की जाती है. धर्म को संस्कृति का चोला ओढ़ाकर दूसरे धर्मावलंबियों को उसे मानने को बाध्य किया जाता है. ऐसे ही आशय से प्रेमचंद ने लिखा था कि सांप्रदायिकता को अपने असली रूप में निकलने में शर्म आती है, इसलिए वह संस्कृति की खाल ओढ़कर बाहर निकलती है.
राइट टू एजुकेशन फोरम का कहना है कि बजट के आधे-अधूरे और अदूरदर्शी प्रावधान बताते हैं कि सरकार स्कूली शिक्षा को लेकर बिल्कुल संजीदा नहीं है. डिजिटल लर्निंग और ई-विद्या संबंधी प्रस्ताव निराशाजनक हैं, जिनसे वंचित वर्गों समेत अस्सी फीसदी बच्चों के स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर होने का ख़तरा मंडरा रहा है.
आम नागरिकों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावे के साथ तीन साल पहले शुरू हुई प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत शामिल राज्यों में क़रीब 54 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने थे. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब तक 22 करोड़ 10 लाख लाभार्थियों के ही कार्ड बन सके हैं.