महाराष्ट्र में क्यों फीकी पड़ रही है मोदी-शाह ब्रांड की राजनीति

पूरे भारत से आई ख़बरें बता रही हैं कि 2014 और 2019 का 'मोदी मैजिक' इस बार ग़ायब है क्योंकि चुनाव लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और राज्य स्तर पर लड़े गए हैं, जहां बेरोजगारी, महंगाई और ग्रामीण संकट पूरे भारत में आम विषय हैं.

यूपी में सालों से लटकी सरकारी भर्तियां और पेपर लीक हताश बेरोज़गारों की संख्या बढ़ा रहे हैं

उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए बेरोज़गारी बड़ी समस्या बन चुकी है. सरकारी नौकरियों का सपना रखने वाले नौजवानों का कहना है कि भर्ती परीक्षाओं का लंबा इंतज़ार, फिर पेपर लीक की समस्या, तो कभी बड़े स्तर पर धांधली के चलते परीक्षाओं का रद्द हो जाना, राज्य में अब सामान्य हो गया है.

‘बाग़ी बलिया ने करवट ले ली है’

भारतीय जनता पार्टी ने बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को टिकट दिया है. नीरज शेखर 2014 का लोकसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़े थे, पर भाजपा प्रत्याशी भरत सिंह से हार गए थे. उनका सामना इस बार सपा के सनातन पांडेय से है.

यूपी: बृजभूषण शरण सिंह के बेटे के काफिले की गाड़ी से कुचलकर दो लोगों की मौत

घटना गोंडा ज़िले में हुई, जहां कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी करण भूषण सिंह का काफ़िला कैसरगंज से हुजूरपुर की तरफ जा रहा था. बताया गया है कि गाड़ी ने बाइक सवार दो युवकों को टक्कर मारी, जिनकी मौक़े पर ही मौत हो गई. घटना में एक बुजुर्ग महिला भी घायल हुई हैं.

साहस के बिना जनतंत्र का बने रहना असंभव है

साधारण लोग सहज रूप से साहसी होते हैं. मज़दूर अपने हक़ के लिए उठ खड़े होते हैं, किसान मोर्चे निकालते हैं, आदिवासी निहत्थे हथियारबंद राज्य के सामने खड़े हो जाते हैं, लेकिन जो भाषा का सजग अभ्यास करने का दावा करते हैं, उनका गला रुंध जाता है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की पच्चीसवीं क़िस्त.

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम ज़मानत बढ़ाने की याचिका खारिज़ की

ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को रद्द हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ़्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट से 10 मई को अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद वे जेल से बाहर आए थे और एक जून को उनकी ज़मानत अवधि पूरी हो रही है.

यूपी: पूर्वांचल की इन पांच सीटों पर एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच है कड़ी टक्कर

उत्तर प्रदेश के आखिरी चरण में 1 जून को 13 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. ये सभी सीटें पूर्वांचल क्षेत्र की हैं, जहां पिछले चुनाव में भाजपा की स्थिति मज़बूत थी. हालांकि, इस बार तस्वीर थोड़ी अलग नज़र आ रही है.

कर्नाटक: बीएस येदियुरप्पा पर नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की मौत

मार्च 2024 में एक महिला ने आरोप लगाया था कि उनकी नाबालिग बेटी के साथ हुए बलात्कार मामले में मदद के लिए वे भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मिली थीं, जिन्होंने उनकी बेटी को अनुचित तरह से छुआ.

कार्यकर्ता जनतंत्र का पहला व्यक्ति है जो जन के लिए इस तंत्र को संभव बनाता है

जनता और राज्य के बीच का रिश्ता उन संस्थाओं के ज़रिये तय होता है जो उसे उपेक्षा और ज़्यादातर बार तिरस्कार की निगाह से देखती हैं. इस तंत्र की पहचान जन को करवाना कार्यकर्ता का काम है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की चौबीसवीं क़िस्त.

अमित शाह बोले- आतंक के आरोपियों के परिजनों को नौकरी नहीं, कश्मीरी नेताओं ने कहा- सामूहिक सज़ा

भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उन परिवारों को सरकारी नौकरी से वंचित करने की बात कही है, जिन परिवारों का कोई सदस्य आतंकवाद या अलगाववाद से जुड़ा हो. जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों ने शाह की नीति को मनमाना बताते हुए कहा है कि किसी एक सदस्य के लिए पूरे परिवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

कर्नाटक: प्रज्वल रेवन्ना ने वीडियो बयान जारी किया, कहा- 31 मई को एसआईटी के सामने पेश होंगे

कन्नड़ टीवी चैनल एशियानेट सुवर्णा न्यूज़ के ज़रिये सामने आए एक वीडियो में यौन उत्पीड़न के आरोपी हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने कहा है कि वे 31 मई को एसआईटी के सामने पेश होकर उन पर लगे आरोपों पर जवाब देंगे. एशियानेट सुवर्णा न्यूज़ चैनल केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के स्वामित्व वाली कंपनी का है.

लोकसभा चुनाव: सपा का ‘पीडीए’ क्या भाजपा को भारी पड़ेगा?

उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा का ‘पीडीए’ आज उसी तरह केंद्र में है, जैसे कभी बसपा की ‘सोशल इंजीनियरिंग’ हुआ करती थी. सभी जातियों को एक साथ लाने की सपा की रणनीति लोकसभा चुनाव को नया समीकरण देती दिख रही है.

नेहरू के बाद भारत में जनतंत्र

नेहरू का कहना था कि यह अच्छी बात है कि भारत की जनता को यक़ीन है कि वह सरकार बदल सकती है. उन पर सवाल किया जा सकता है और किया जाना चाहिए. कविता में जनतंत्र स्तंभ की तेईसवीं क़िस्त.

नेहरू की उत्तरजीविता: 60 वर्ष बाद भी वे आधुनिक भारत की नींव बने हुए हैं

जब भी भारत के अतीत और भविष्य पर बात होगी तो नेहरू के वैचारिक खुलेपन की याद आएगी. देश को उस दिशा में बढ़ना होगा जिसकी तरफ़ नेहरू जाना चाहते थे- समावेशी और उदार भारत की तरफ़.

भाजपा और इतिहास पुनर्लेखन: इस बार प्लासी की लड़ाई केंद्र में आई

भाजपा प्रत्याशी अमृता रॉय कहती हैं कि ‘सनातन धर्म’ की रक्षा के लिए प्लासी की लड़ाई में सिराजुद्दौला की पराजय ज़रूरी थी. उन्हें शायद नहीं मालूम कि रवींद्रनाथ टैगोर ने कभी सिराजुद्दौला की 'बहादुरी और सादगी' और 'विनम्रता' का उल्लेख किया था.

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