क्या भाजपा को लगता है कि यूपी में ‘सांप्रदायिकता’ ही आख़िरी सहारा है?

राज्य में चार चरण के मतदान के बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सांप्रदायिकता का नारा बुलंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, पर यह तो वक़्त ही बताएगा कि उनकी विभिन्न जातियों के हिंदुओं को साथ लाने की ये कोशिश कामयाब होगी या नहीं.

ग्राउंड रिपोर्ट: हमारे लोकतंत्र में घुमंतू समुदाय को कब मिलेगा हक़?

घुमंतू समुदाय गांव के सार्वजनिक और सांस्कृतिक जीवन में घुले-मिले हैं. वे विकसित हो रहे जनतंत्र में अपना स्पष्ट हिस्सा मांग रहे हैं.

‘जन की बात’: गुरमेहर, जेटली और अभिव्यक्ति की आज़ादी, एपिसोड 9

‘जन की बात’ की नवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ गुरमेहर कौर के वीडियो पर हुई ट्रॉलिंग और अभिव्यक्ति की आज़ादी की सीमा तय करने संबंधी अरुण जेटली के बयान पर चर्चा कर रहे हैं.

‘जब मुसलमान हमें वोट नहीं देते तो उन्हें टिकट क्यों दें’

अयोध्या में वोट डालने के बाद भाजपा के राज्यसभा सदस्य विनय कटियार ने राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को महत्वपूर्ण बताया. कहा, राम मंदिर के बिना सारे मुद्दे बेकार हैं.

नक्सलियों से संबंध के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार को 17 महीने बाद ज़मानत

बस्तर में कार्यरत संतोष को छत्तीसगढ़ पुलिस ने वर्ष 2015 में गिरफ्तार किया था. वह नवभारत, पत्रिका और दैनिक छत्तीसगढ़ जैसे अख़बारों के लिए लिखा करते थे.

हमने तो शिक्षकों को भी पीटा है: एबीवीपी समर्थक का क़ुबूलनामा

रामजस विवाद: द वायर के पास मौजूद आॅडियो रिकॉर्डिंग में एबीवीपी समर्थक कहता है, ‘हमारे कॉलेज में आके प्रोटेस्ट करेंगे तो पिटेंगे ही... एक बंदे को इतना मारा, मार-मार के लाल कर दिया.’

ग्राउंड रिपोर्ट: आज़म ख़ान और उत्तर प्रदेश की मुस्लिम सियासत

'मिसाल दी जाती है कि छोटा मुंह बड़ी बात. लेकिन यहां तो बड़ा मुंह छोटी बात हो रही है. प्रधानमंत्री नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं. अरे! 1.31 अरब के वज़ीरे आज़म! भूखे को रोटी दो. नंगे को कपड़ा दो. कब्रिस्तान और श्मशान मत दो.'

गोंडा से ग्राउंड रिपोर्ट: जाति, धर्म, धन और धुरंधर लोकतंत्र की शान

यूपी के गोंडा का जायज़ा लेने से पता चला कि पार्टियां भले ही कालाधन लाने, परिवारवाद मिटाने की बातें करें लेकिन चुनाव में जीत धन बल और बाहुबल से ही मिलती है.

जाति और धर्म आधारित भड़काऊ बयानों से बचें नेता: चुनाव आयोग

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कई नेताओं के धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले बयानों पर संज्ञान लेते हुए चुुनाव आयोग ने आत्मसंयम बरतने की नसीहत दी है.

संपादकीय: एबीवीपी की ग़ुंडागर्दी विश्वविद्यालय के विचार पर हमला है

बीते दिनों रामजस कॉलेज में हुई हिंसा यह साफ़ दिखाती है कि अगर इस तरह की राजनीति से प्रेरित ग़ुंडागर्दी को नहीं रोका गया तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं.

‘जानवर समाज का हिस्सा हैं इसलिए वे हमारी राजनीति का हिस्सा बने रहेंगे’

जिन्हें मायावती पसंद नहीं हैं. वे उनके चुनाव चिह्न को ‘पागल हाथी’ कहते हैं. इस तरह वे एक ही बार में ‘पागल’ और ‘हाथी’ के लिए असंवेदनशील टिप्पणी कर बैठते है.

मैं प्रेस की आज़ादी नहीं, फर्ज़ी मीडिया के ख़िलाफ़ हूं: ट्रंप

सीएनएन, बीबीसी, न्यूयॉर्क टाइम्स और द डेली मेल समेत उन मीडिया संस्थानों को प्रेस कांफ्रेंस से बाहर रखा गया जो अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति आलोचनात्मक रवैया रखते हैं.

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