मोदी सरकार ने देश में टीबी उन्मूलन के लिए साल 2025 का लक्ष्य तय किया है, हालांकि ग्लोबल ट्यूबरकुलोसिस रिपोर्ट 2024 संकेत देती है कि यह संभव नहीं होगा. दुनिया भर में टीबी के कुल मामलों में से 26% भारत में हैं. वर्तमान में देश में अनुमानित 20 लाख टीबी केस हैं, जो विश्व में सर्वाधिक हैं.
भारतीय राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) का कहना है कि दवा निर्माताओं ने कुछ कारणों का हवाला देते हुए दामों में संशोधन की मांग की थी, जिसके चलते उसने व्यापक जनहित में दवाइयों की क़ीमतें बढ़ाई हैं.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने अपनी अगस्त 2024 की रिपोर्ट में बताया है कि इसके क्वालिटी टेस्ट में 53 दवाइयां तय मानकों के अनुरूप नहीं पाई गईं. इनमें पैरासिटामोल, विटामिन डी, कैल्शियम सप्लीमेंट समेत मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर के लिए ज़रूरी दवाइयां शामिल हैं.
नागपुर ग्रामीण पुलिस ने नकली दवाओं के रैकेट का ख़ुलासा करते हुए बताया कि हरिद्वार के एक पशु चिकित्सालय की प्रयोगशाला में टैल्कम पाउडर और स्टार्च से एंटीबायोटिक्स बनाई गई थीं, जिनकी आपूर्ति उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के अस्पतालों सहित पूरे भारत में की गई.
अगस्त 2024 के आखिर में प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के एक समूह ने भारत के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद को पत्र लिखकर 'विज्ञान युवा शांति स्वरूप भटनागर (एसएसबी) पुरस्कार 2024' पाने वालों के चयन में अपनाई गई प्रक्रियाओं पर संदेह जताया था.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने स्नातक मेडिकल छात्रों के फॉरेंसिक मेडिसिन पाठ्यक्रम को संशोधित करते हुए 'सोडोमी' और समलैंगिकता को अप्राकृतिक यौन अपराधों की श्रेणी में वापस रखा था. व्यापक आलोचना के बाद उक्त संशोधन वापस ले लिए गए हैं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि पिछले महीने 193 मौसम रिकॉर्डिंग स्टेशनों ने अत्यधिक भारी वर्षा (24 घंटे में 204.5 मिमी से अधिक) दर्ज की गई जबकि साल 2020 और 2021 में यह आंकड़ा क्रमशः 90 स्टेशनों और 121 स्टेशनों का था.
सीडीएससीओ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 100 से अधिक फार्मा इकाइयों के कफ सीरप के सैंपल क्वॉलिटी टेस्ट में खरे नहीं उतरे. रिपोर्ट इशारा करती है कि इनमें से कुछ नमूनों में वही टॉक्सिन मिले हैं जो गांबिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में बच्चों की मौत का कारण बने थे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट बताती है कि कोविड महामारी के बाद लगभग सभी टीकों के मामले में भारत ने वर्ष 2022 में अपनी टीकाकरण दरों में सुधार किया था, लेकिन 2023 में परिणाम उलट गए. भारत उन देशों में शुमार है जहां शून्य ख़ुराक पाने वाले बच्चों की संख्या सबसे अधिक है.
मध्य, पूर्वी और उत्तरी भारत में भीषण गर्मी के कारण कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई, बिहार में सबसे अधिक32 लोगों की जान गई. शोधकर्ताओं का कहना है कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने भारत में विनाशकारी गर्मी के प्रभाव को बढ़ाया है और इसे एक चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिए.
बीएचयू द्वारा जारी एक अध्ययन, जिसमें कुल 926 लोगों ने हिस्सा लिया था, में कहा गया था कि इनमें से 33 प्रतिशत लोगों को कोवैक्सीन टीकाकरण के बाद किसी न किसी तरह के साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा. अब आईसीएमआर ने इस शोध पर सवाल उठाते हुए ख़ुद को इससे अलग कर लिया है.
भारत की योजना 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोयले का गैसीकरण करने की है और देश के पास इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रचुर भंडार हैं. लेकिन इसे सफल बनाने के लिए कुछ चुनौतियों, जैसे ख़राब गुणवत्ता के कोयले, और प्रभावी कार्बन कैप्चर, यूटिलाइज़ेशन और स्टोरेज तकनीक की कमी आदि से निपटना होगा.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछले साल तपेदिक (टीबी) के लगभग 25,50,000 मामले दर्ज किए, जो 60 के दशक में टीबी नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है. पिछले नौ वर्षों में टीबी मामलों में 64% वृद्धि हुई है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े भारत अंतरिक्ष सप्ताह ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर राज्य के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘राम अंतरिक्ष वेदशाला’ के हिस्से के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अनुमान लगाया है कि साल 2050 तक कैंसर के नए मामलों में 77 प्रतिशत की वृद्धि होगी और यह 3 करोड़ 50 लाख से अधिक हो जाएंगे, जबकि साल 2012 की तुलना में मौत का आंकड़ा लगभग दोगुना होकर 1 करोड़ 80 लाख से अधिक हो जाएगा.