डार्विन और क्रमागत उन्नति को पढ़ना क्यों ज़रूरी है?

क्रमागत उन्नति का सिद्धांत या थ्योरी ऑफ एवोल्यूशन जीव विज्ञान को देखने का एक अनिवार्य लेंस है. इस विषय को समझने के लिए क्रमागत उन्नति को समझना बेहद ज़रूरी है.

दुनिया में ‘डीएनए डे’ क्यों मनाया जाता है?

विशेष: जैसे एक इमारत को खड़ा करने से पहले एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाता है, उसी प्रकार एक कोशिका कैसा रूप लेगी या कैसे काम करेगी- यह उसके अंदर का डीएनए ही निर्धारित करता है. इस डीएनए की खोज को आज सत्तर साल पूरे हो गए हैं.

बैक्टीरिया ने एंटीबायोटिक से लड़ना कैसे सीखा?

प्राकृतिक चयन के सिद्धांत के एक पहलू- क्रमागत उन्नति के वेग को लेकर डार्विन निश्चित नहीं थे. उनके मुताबिक़ यह बहुत ही धीमी प्रक्रिया थी और बदलाव देखने के लिए एक मानव जीवन शायद छोटा पड़ जाता. पर आज हम जानते हैं कि यह असंभव नहीं है. बैक्टीरिया में एंटीबायोटिक से लड़ने की शक्ति का आना इसका एक उदाहरण है.

देश में एच3एन2 फ्लू वायरस से दो लोगों की मौत हुई: सरकार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मौसमी इन्फ्लूएंजा के एच3एन2 उप-प्रकार के कारण कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक व्यक्ति की मौत होने की जानकारी दी है. यह श्वसन तंत्र में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है.

अमेरिकी सीडीसी रिपोर्ट तीसरी है, जो गांबिया में बच्चों की मौत को भारतीय कफ सीरप से जोड़ती है

अक्टूबर 2022 में डब्ल्यूएचओ ने बताया था कि हरियाणा की मेडन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाई गईं खांसी की चार दवाओं में डायथिलिन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल नामक पदार्थ पाए गए हैं, जो मनुष्यों के लिए ज़हरीले माने जाते हैं और इससे गांबिया में 66 बच्चों की मौत हुई है. हालांकि, भारत ने अपनी जांच में दवा निर्माता कंपनी को क्लीनचिट दे दी थी.

भारतीय आई-ड्रॉप से अमेरिका में एक मौत और आंखों की रोशनी जाने पर दवा वापस मंगाई गई

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज़ कंट्रोल ने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं से चेन्नई में निर्मित इज्रीकेयर आर्टिफिशियल टियर का इस्तेमाल बंद करने का अनुरोध किया है, क्योंकि वह 12 अमेरिकी राज्यों में कम से कम 55 संक्रमण के मामलों की जांच कर रहा है, जिनमें स्थायी रूप से आंखों की रोशनी जाना और एक मौत का मामला शामिल है.

आईसीएआर ने अपने वर्तमान और पूर्व अधिकारियों को जीएम सरसों पर विचार रखने से रोका

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने सेवारत और पूर्व अधिकारियों को एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि वे जीएम सरसों की पर्यावरणीय मंज़ूरी के संबंध में कोई भी राय व्यक्त न करें, न लेख लिखें. इस क़दम की आलोचना करते हुए पर्यावरणविदों, कृषि विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि जीएम सरसों के संबंध में छिपाने के लिए काफी कुछ है.

नेपाल ने रामदेव की दिव्य फार्मेसी सहित 16 भारतीय दवा कंपनियों को काली सूची में डाला

नेपाल के औषधि प्रशासन विभाग ने एक नोटिस में नेपाल में इन दवाओं की आपूर्ति करने वाले स्थानीय एजेंट को उत्पादों को तुरंत वापस लेने को कहा है. विभाग ने एक अन्य नोटिस में वितरकों को भारत की कंपनी ग्लोबल हेल्थकेयर द्वारा निर्मित 500 मिलीलीटर और 5 लीटर हैंड सैनिटाइज़र को भी वापस लेने का निर्देश दिया है.

हिमालय के तीन औषधीय पौधों की प्रजाति पर लुप्त होने का संकट: आईयूसीएन

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने एक आकलन में संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट में हिमालय के तीन औषधीय पौधों को डाला है. उसका कहना है कि वनों की कटाई, अवैध व्यापार, जंगल की आग, जलवायु परिवर्तन आदि के चलते इनके अस्तित्व पर संकट आ गया है.

मानव कोशिका से ट्री ऑफ लाइफ तक परिवर्तित होने की यात्रा का रहस्य क्या है

मानव-जीवन प्रकृति के नियमों का एक करिश्मा है. यह करिश्मा कहां और कब शुरू हुआ, इस तक पहुंचने की चाह पिछले सौ सालों से अधिक समय से चल रही है. निश्चित ही आने वाले दशकों में हम जवाब के और नज़दीक पहुंच सकेंगे.

पतंजलि के विज्ञापन को भ्रामक बताते हुए डॉक्टरों ने कहा- शुगर पीड़ित इंसुलिन बंद न करें

बाबा रामदेव द्वारा संचालित कंपनी पतंजलि ने अख़बारों में विज्ञापन देकर दावा किया है कि उसकी दवाएं टाइप-1 डायबिटीज़, थायराइड और अस्थमा जैसी कई बीमारियों का इलाज कर सकती हैं. ‘एलोपैथी द्वारा फैलाई गईं ग़लत धारणाएं’ शीर्षक से प्रकाशित विज्ञापन को तमाम डॉक्टरों ने पूरी तरह से भ्रामक बताते हुए ख़ारिज किया है.

राम मंदिर प्रोजेक्ट में वैज्ञानिकों के जुड़ने का संबंध विज्ञान से नहीं सत्ता से है

सरकार द्वारा अयोध्या के राम मंदिर के लिए एक जटिल संरचना बनाने को लेकर वैज्ञानिकों को जोड़ने के बारे में नाराज़ होने की वजहें हैं, लेकिन काम करने की स्वतंत्रता और फंडिंग से जुड़े सवाल इससे बड़े हैं.

सैनिटरी पैड्स में हानिकारक रसायन, स्वास्थ्य के लिए हो सकते हैं ख़तरनाक: रिपोर्ट

दिल्ली के एक एनजीओ की 'रैप्ड इन सीक्रेसी' नाम की यह रिपोर्ट भारतीय बाजार में व्यापक तौर पर बिकने वाले दस तरह के सैनिटरी पैड पर किए गए टेस्ट पर आधारित है.

होमोसेपियन इस दुनिया में कैसे आए

हम सब कौन हैं और कहांं से आए हैं- यह एक महत्वपूर्ण सवाल है - न सिर्फ डीएनए को समझ औषधि में विकास लाने के लिए, पर अपना अतीत और अस्तित्व जानने के लिए भी. लेकिन क्या हम असल में जान पाए हैं कि मनुष्य प्रजाति कहांं से आई.

कोवैक्सीन को राजनीतिक दबाव में जल्दबाज़ी में लाया गया था: रिपोर्ट

मेडिकल और स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करने वाली अमेरिकी वेबसाइट स्टैट की रिपोर्ट के अनुसार, कोवैक्सीन की निर्माता भारत बायोटेक के एक निदेशक ने स्वीकार किया है कि टीकों को विकसित करने की प्रक्रिया में कुछ 'अनिवार्य' क़दम छोड़े गए थे. 

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