गणतंत्र दिवस परेड के लिए कुछ राज्यों की झांकियों को मंज़ूरी नहीं दी गई है. केरल सहित ग़ैर भाजपा शासित राज्यों के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह केंद्र द्वारा अपमान है. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकियों का चयन निर्दिष्ट दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया है.
रविवार सुबह पत्रकारों के एक समूह ने सशस्त्र-बलों की मौजूदगी में कश्मीर प्रेस क्लब पहुंचकर यहां क़ब्ज़ा कर लिया था. यह नाटकीय परिवर्तन नए प्रबंधन निकाय के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू होने के बाद हुआ था. अब प्रशासन ने कहा कि पत्रकारों के कई समूहों के बीच असहमति के चलते उसने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया है.
आईआईटी के सौ से अधिक पूर्व छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिखकर कहा है कि हम आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहे हैं, लेकिन देश पर संकट के काले बादल मंडराते नज़र आ रहे हैं.
रविवार को जारी ऑक्सफैम की रिपोर्ट 'इनइक्वैलिटी किल्स' में कहा गया कि 2021 में भारत के सौ सबसे अमीर लोगों की सामूहिक संपत्ति रिकॉर्ड 57.3 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर तक पहुंच गई है. सबसे अमीर सौ परिवारों की संपत्ति में हुई वृद्धि का लगभग पांचवां हिस्सा केवल अडाणी घराने के हिस्से आया है.
पारंपरिक भारतीय नृत्य शैली कथक को विश्व पटल पर ले जाने वाले प्रख्यात कथक नर्तक बिरजू महाराज एक शानदार गायक, कवि और चित्रकार भी थे. वह कथक नर्तकों के ‘महाराज परिवार’ के वंशज थे. उन्होंने अपने पिता और गुरु अचन महाराज और चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज से प्रशिक्षण लिया था.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बीते एक दिन में 2,71,202 नए मामले आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,71,22,164 हो गए हैं. इस अवधि में 314 मरीज़ों की मौत के साथ मृतक का आंकड़ा 4,86,066 पहुंच गया है. विश्व में संक्रमण के 32.62 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए हैं और 55.35 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
चुनाव आयोग से न सिर्फ स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने बल्कि यह सुनिश्चित करने की भी अपेक्षा की जाती है कि केंद्र व प्रदेशों में सत्तारूढ़ दलों को सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर अपनी स्थिति मजबूत करने के अनैतिक व अवांछनीय मौके न मिलें. हालांकि कोरोना के दौर में हुए चुनावों में लगातार इस पहलू पर सवाल ही उठे हैं.
साक्षात्कार: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का दावा है 20 जनवरी तक कम से कम डेढ़ दर्जन मंत्री, विधायक भाजपा से इस्तीफ़ा देंगे और समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे. आगामी चुनाव के मद्देनज़र उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
मामला एक 22 वर्षीय युवक से जुड़ा है जिस पर ट्रेन में बम होने की फ़र्ज़ी सूचना देने का आरोप है. आरोपी के ख़िलाफ़ राजद्रोह से संबंधित धारा 124 ए भी लगाई गई है. इसे लेकर फरीदाबाद की एक अदालत ने पुलिस को फटकारते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा किए गए अपराध को बढ़ाने के लिए इसे ग़लत तरीके से जोड़ा गया है.
उत्तराखंड में 30 दिसंबर को एक चुनावी रैली के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार लिपुलेख में सड़क विस्तार करने जा रही है. इसके बाद नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख दल नेपाली कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह मुद्दा दोनों देशों के बीच हुए समझौते के ख़िलाफ़ है. नेपाल लिपुलेख को अपना हिस्सा बताता रहा है.
देश में बीते एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,68,833 नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही कुल मामलों की संख्या 3,68,50,962 हो गई है. इनमें ओमीक्रॉन के 6,041 मामले हैं. विश्वभर में संक्रमण के 32.32 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और इसके चलते 55.29 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
दिसंबर 2007 में उत्तराखंड पुलिस ने 'नक्सलवाद पर कड़ी चोट' का दावा करते हुए कार्यकर्ता प्रशांत राही को माओवादी बताते हुए गिरफ़्तार किया था. चौदह साल बाद इस दावे को साबित न कर पाने पर अदालत ने राही और तीन अन्य को बरी कर दिया.
पश्चिम बंगाल लोकायुक्त अधिनियम, 2003 के अनुसार कोई भी जांच एक साल के भीतर पूरी की जानी चाहिए. आरटीआई के तहत मिली जानकारी दिखाती है कि 10 जनवरी को अपना तीन साल का कार्यकाल ख़त्म करने वाले लोकायुक्त अशीम कुमार रॉय ने शुरुआती 26 महीनों में कोई जांच पूर्ण नहीं की.
केरल में कोट्टायम की एक अदालत ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष उनके ख़िलाफ़ सबूत पेश करने में विफल रहा. एक नन ने रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उनके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था.
लद्दाख के राजस्व विभाग की नौकरियों के लिए उर्दू जानने की अर्हता ख़त्म करने के फ़ैसले पर स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह लेह ज़िले और मुस्लिम बहुल कारगिल के बीच वैचारिक मतभेद खड़ा करने के उद्देश्य से लिया गया सांप्रदायिक क़दम है, लेकिन इससे राजनीतिक फायदा नहीं होगा, बस प्रशासन के स्तर पर समस्याएं खड़ी हो जाएंगी.