वीडियो: दिल्ली के द्वारका में हज हाउस बनने के विरोध में कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया था. इस संबंध में ऑल द्वारका रेज़िडेंट्स फेडरेशन की ओर से उपराज्यपाल को एक पत्रकर कहा था गया कि हज हाउस बनने से द्वारका का माहौल कश्मीर जैसा हो जाएगा. द्वारका के क़रीब 100 अन्य निवासियों ने इस पत्र का खंडन किया और हज हाउस बनने के समर्थन में सहमति दी है.
बलात्कार के एक मामले में सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि भारत एक रूढ़िवादी समाज है, जो सभ्यता के लिहाज़ से अभी उस स्तर पर नहीं पहुंचा है, जहां एक अविवाहित लड़की बिना शादी के वादे के किसी पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बना सके.
पुस्तक समीक्षा: जेएनयू स्टोरीज़- द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स इस संस्थान से ताल्लुक़ रखने वाले कई लेखकों के लघु निबंधों का संग्रह है, जिसे पढ़ने पर साफ पता चलेगा कि विश्वविद्यालय भी सांस लेते जीवंत संस्थान हैं और उनका भी गला घोंटा जा सकता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 161 (3) के प्रावधानों के तहत बलात्कार और यौन शोषण पीड़िताओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ऑडियो-वीडियो के माध्यम से दर्ज करना अनिवार्य है और अधिकांश मामलों में ऐसा नहीं होता. अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव (गृह) को दो महीने के भीतर सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुपालन संबंधी दिशानिर्देश जारी करने को कहा है.
आठ अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ नामक संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया गया था. अदालत ने सांप्रदायिक नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार तीन लोगों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि इन लोगों को अलोकतांत्रिक टिप्पणी करते हुए देखा जा सकता है.
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और सांसदों ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए विचार-विमर्श किया. लंबित विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सभी सीटों का एक तिहाई हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. राज्यसभा ने 2010 में विधेयक पारित किया, लेकिन लोकसभा में विधेयक पर कभी मतदान नहीं हुआ.
हरियाणा के सोनीपत ज़िले का मामला. आरोप है कि पांच अगस्त को देर रात पड़ोस में रहने वाले चार युवक बिहार से सोनीपत आई महिला के घर में घुसे और उनकी दो नाबालिग बेटियों के साथ बलात्कार किया. चारों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है. महिला के पति की लगभग एक दशक पहले मौत हो चुकी है. वह तभी से अपने परिवार की देखभाल कर रही हैं. पिछले महीने ही वह बिहार से सोनीपत आई थीं.
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के बर्रा इलाके का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कुछ लोग एक मुस्लिम रिक्शा चालक की पिटाई करते हुए नज़र आ रहे हैं और उससे कथित रूप से ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को कह रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़ित रिक्शा चालक के एक रिश्तेदार का उसके पड़ोसियों के ख़िलाफ़ ज़मीन को लेकर मुक़दमा चल रहा है और जुलाई में इस मामले में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि 2017-19 के दौरान ऑनर किलिंग की झारखंड में सबसे ज़्यादा 50 घटनाएं हुईं. उसके बाद महाराष्ट्र में 19 और उत्तर प्रदेश में 14 घटनाएं हुई हैं.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि अभी तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया है. हालांकि जनगणना, 2021 के पहले चरण के साथ नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने का निर्णय ज़रूर लिया है.
याचिकाकर्ता महिला ने जीपीएससी के उस फ़ैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें बिक्री कर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी गई थी, जो उनकी तीसरी वरीयता थी, जबकि सामान्य वर्ग में 110वीं रैंक लाने वाली महिला की पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति की अनुशंसा की गई थी, जो याचिकाकर्ता की पहली वरीयता थी.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में बताया कि प्रदेश में जनवरी 2017 से जून 2021 के दौरान महिलाओं की हत्या के 2,663 मामले दर्ज किए गए हैं. इस अवधि में सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के 37 मामले दर्ज किए गए.
पिछले महीने कुछ अज्ञात लोगों द्वारा एक ऐप बनाए जाने का मामला सामने आया था, जहां मुस्लिम महिलाओं को ‘ऑनलाइन नीलामी’ के लिए रखा गया था. इस संबंध में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने अलग-अलग एफ़आईआर दर्ज की थी.
नैनीताल के मल्लीताल से क़रीब आठ सौ मीटर दूर स्थित सूखाताल नैनी झील के कैचमेंट के तेरह रिचार्ज ज़ोन में सबसे महत्वपूर्ण है. कुमाऊं मंडल विकास निगम व नैनीताल ज़िला स्तरीय विकास प्राधिकरण द्वारा यहां पर्यटन के उद्देश्य से करवाए रहे निर्माण कार्य से नैनी झील के लिए संकट उत्पन्न होने की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
सीजेआई एनवी रमना ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमारे संविधान में इस बात की गारंटी दी गई है कि लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा होगी, फिर भी थानों में क़ानूनी प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता जिसके अभाव में गिरफ़्तार या हिरासत में लिए गए लोगों को वहां सबसे अधिक ख़तरा रहता है.