एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों के लिए काम करने वाले सहायता समूहों और संगठनों की हेल्पलाइन पर मदद मांगने के लिए आई फोन कॉल की संख्या में हुई कई गुना बढ़ोतरी कोविड-19 महामारी के दौरान समुदाय के लिए बढ़ी चुनौतियों को दिखाती है.
कॉनराड संगमा कैबिनेट ने शिलॉन्ग के थेम इव मावलोंग इलाके की पंजाबी लेन से सिखों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है. यह निर्णय उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसॉन्ग की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफ़ारिशों पर आधारित है, जिसका गठन मई 2018 में स्थानीय खासी और सिख समुदाय के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दशकों पुराने भूमि विवाद का समाधान खोजने के लिए किया गया था.
मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित ऑक्सफोर्ड कॉलेज का मामला. बीते रविवार को हिरासत में लिए जाने के दो दिन बाद मंगलवार को 50-50 रुपये के निजी मुचलके पर इन्हें रिहा कर दिया गया. बजरंग दल ने कॉलेज पर आरोप लगाया है कि युवतियों को इकट्ठा कर ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दिया गया और आयोजन की शुद्धता को विकृत किया गया. वहीं प्रदेश के रतलाम ज़िले में विश्व हिंदू परिषद ने गरबा पंडालों में ग़ैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले
राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 को लेकर चिंता ज़ाहिर की गई थी कि यह बाल विवाह को वैध कर देगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस विधेयक को अध्ययन के लिए क़ानूनविदों को दिया जाएगा और उनकी सलाह के आधार पर इसे आगे बढ़ाने या न बढ़ाने का फ़ैसला किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर इलाके में यह घटना उस वक़्त हुई जब 55 वर्षीय दलित महिला घास काटने खेत में गई थी. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. मुख्य आरोपी अभी भी फ़रार है. राज्य के संतकबीरनगर ज़िले में सात वर्ष की बच्ची से बलात्कार का आरोपी मदरसा शिक्षक की भी पुलिस तलाश कर रही है.
घटना लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन में महाराष्ट्र के इगतपुरी और कसारा रेलवे स्टेशन के बीच शुक्रवार रात को स्लीपर बोगी में हुई. रेलवे पुलिस के अधिकारी ने बताया कि आरोपियों में से चार का आपराधिक रिकॉर्ड है. जांच के दौरान यह भी पता चला कि उन्होंने कई यात्रियों से नकदी और मोबाइल फोन भी लूटे.
पुस्तक समीक्षा: हुमरा क़ुरैशी की किताब ‘द इंडियन मुस्लिम्स- ग्राउंड रियालिटीज़ ऑफ लार्जेस्ट मायनॉरिटी इन इंडिया’ आजा़दी की 75वीं सालगिरह मनाने के इस दौर में ‘हिंदोस्तां के मुसलमान’ किस तरह अपने सबसे ‘स्याह दौर’ से गुजर रहे हैं, इसका ज़िक्र करते हुए यह आशंका ज़ाहिर करती है कि ‘अगर सांप्रदायिक विषवमन नियंत्रित नहीं किया गया तो आपसी विभाजन बदतर हो जाएगा.’
महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के भिवंडी में एक सरकारी अस्पताल पर 28 वर्षीय आदिवासी महिला को करीब 11 घंटे अस्पताल की सीढ़ियों पर बिठाए रखने का आरोप लगा है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि जब उन्हें इस बारे में सूचित किया गया, तो उन्होंने तुरंत उन्हें भर्ती करने की व्यवस्था की.
घटना सात अक्टूबर को राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले के प्रेमपुरा इलाके में हुई. कथित प्रेम संबध को लेकर दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या की गई. पुलिस ने महिला के पूर्व पति समेत अन्य आरोपियों के ख़िलाफ़ हत्या, अपहरण और एससी/एसटी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया है.
वीडियो: जम्मू कश्मीर में बीते छह दिनों सात नागरिकों की हत्या आतंकियों द्वारा की गई है, जिनमें से छह श्रीनगर में हुईं. मृतकों में से चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. सात अक्टूबर को श्रीनगर में प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की हत्या कर दी गई. पांच अक्टूबर को कश्मीरी पंडित समुदाय के प्रसिद्ध केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू समेत तीन लोगों की और दो अक्टूबर को दो नागरिकों की हत्या कर दी गई थी.
लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकोनिया में तीन अक्टूबर को चार किसानों के साथ भाजपा के दो कार्यकर्ताओं, राज्यमंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर हरिओम और एक पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई थी. घर के एकमात्र कमाने वाले हरिओम के परिवार में सालों से बीमार पिता, वृद्ध मां और छोटे भाई-बहन हैं.
घटना पांच अक्टूबर की रात मध्य प्रदेश के धार ज़िले के सिंघाना चौकी इलाके में हुई. पुलिस ने बताया कि आरोपी पक्ष का कहना है कि महिला की नज़र लगने से उनके घर में कुछ लोग बीमार हैं. पुलिस ने कहा कि इस तरह के अंधविश्वास के कारण महिला को पीटा गया. सभी आरोपी एक-दूसरे के रिश्तेदार हैं और महिला के निकटतम पड़ोसी हैं.
वर्ष 1997 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ब्रू समुदाय के 30 हज़ार से अधिक लोग मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा के कुछ ज़िलों में बस गए थे. त्रिपुरा सरकार ने क़रीब 33,000 ब्रू लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की है. वहीं, मिज़ोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि तुइरियाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मद्देनज़र उठी ब्रू मतदाताओं के नाम हटाने की मांग की याचिकाएं निर्वाचन आयोग को भेज दी गई हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट दो बच्चों की मां की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिस पर 2010 में उसके पति ने हमला किया था और उसके चेहरे पर तेज़ाब डाल दिया था. राज्य सरकार को पीड़ित महिला को 2016 के क़ानून के तहत तीन महीने के अंदर मुआवज़े का भुगतान करने और चेहरे की सर्जरी तथा अन्य चिकित्सकीय ख़र्च भी उठाने का निर्देश दिया.
इंग्लैंड में रहने वाले तंजानियाई मूल के अब्दुलरजाक गुरनाह यूनिवर्सिटी ऑफ केंट के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं. स्वीडिश अकादमी ने इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा, 'सत्य के प्रति गुरनाह की निष्ठा और सरलीकरण को लेकर उनका विरोध अद्भुत है. उनके उपन्यास रूढ़िबद्ध विवरणों से परे हैं और सांस्कृतिक रूप से वैविध्यपूर्ण पूर्वी अफ्रीका को हमारे सामने लाते हैं, जिससे दुनिया के अन्य हिस्सों के लोग अपरिचित हैं.'