वीडियो: पिछले 57 दिनों से बेहतर मुआवज़े की मांग को लेकर सैकड़ों किसान ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि जीएनआईडीए ने उनसे किए गए वादे पूरे नहीं किए हैं.
राजस्थान के बीकानेर ज़िले का मामला. भाजपा ने इस मामले के विरोध में प्रदर्शन किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि युवती के साथ बलात्कार और हत्या की घटना में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता राज्य सरकार के माथे पर कलंक है.
मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले के रतनबसई गांव का मामला. पुलिस ने बताया कि युवती के परिवार को युवक से उसके रिश्ते को लेकर आपत्ति थी. पूछताछ में युवती के परिवार ने स्वीकार किया कि बीते 3 जून को दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और शव चंबल नदी में फेंक दिया गया. पुलिस ने कहा कि शवों की तलाश की जा रही है.
दो युवकों द्वारा एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के पुरोला क़स्बे में तनाव व्याप्त है. दक्षिणपंथी हिंदू समूह घटना को ‘लव जिहाद’ बता रहे हैं, वहीं, इससे इनकार करते हुए लड़की के मामा ने बताया है कि पूरा मामला कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों, नेताओं और एक पत्रकार की साज़िश का नतीजा है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2022 को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने निर्णय लिया है कि वह 2018 में क़ानून के लागू होने से अब तक हुए अंतरधार्मिक विवाहों की जांच करके पता लगाएगी कि कहीं कोई उल्लंघन तो नहीं हुआ.
वीडियो: उत्तराखंड के पुरोला में दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा प्रस्तावित 'महापंचायत' स्थगित होने के अगले दिन स्थानीय बाज़ार खुले दिखे. द वायर से बातचीत में दुकानदारों ने कहा कि क्षेत्र ने हिंदू-मुस्लिम समुदायों में विद्वेष पहले देखने को नहीं मिला और अब मीडिया के माध्यम से कुछ लोगों ने ऐसे जताया कि यहां कुछ ग़लत हो रहा है.
2018 में 21वें विधि आयोग ने कहा था कि इस समय समान नागरिक संहिता की ज़रूरत नहीं है. अब 22वें विधि आयोग ने एक नई अधिसूचना जारी करते हुए इस बारे में जनता और धार्मिक संगठनों समेत विभिन्न हितधारकों राय मांगी है. विपक्ष ने इसे विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने की कोशिश बताया है.
वीडियो: उत्तराखंड के पुरोला में सांप्रदायिक तनाव के बीच जमीयत उलेमा हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद असद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखते हुए मुस्लिमों को खुली धमकी और पलायन की ख़बरों पर चिंता ज़ाहिर की थी. उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कोर्ट सीबीएसई के दो भाइयों के कक्षा 10 और कक्षा 12 के बोर्ड प्रमाणपत्रों पर उनके पिता का सरनेम बदलने से मना करने के ख़िलाफ़ याचिका सुन रहा था. इसमें कहा गया था कि उनके पिता ने अपना सरनेम 'मोची' से बदलकर 'नायक' किया, क्योंकि उन्हें सरनेम के आधार पर जातिगत दुराग्रहों का सामना करना पड़ रहा था.
वीडियो: मई के आख़िरी हफ्ते में बुलंदशहर के बराल गांव के कुछ मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी, जिसे मीडिया के एक तबके ने बिना किसी प्रमाण के मुस्लिमों द्वारा तोड़े जाने से जोड़ा दिया. बाद में पुलिस जांच में सामने आया कि सभी आरोपी हिंदू हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध राष्ट्र सेविका समिति ने 11 जून को ‘गर्भ संस्कार’ अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को भगवत गीता व रामायण पढ़ने, मंत्रोच्चार करने और योग आदि के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि 'संस्कारी, देशभक्त' बच्चे पैदा हों.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ‘लव जिहाद’ पर एक सवाल के जवाब में भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने कहा कि अगर दो लोग विशुद्ध रूप से प्रेम के लिए एक साथ आए हैं, तो इसका सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन अगर इसके पीछे कोई कड़वाहट और चालाकी है तो इसे अलग तरह से देखा जाना चाहिए.
वीडियो: राजस्थान के एक शख़्स- संजय सोनी ने महिलाओं के अंतर्वस्त्र बेचने वाली कंपनी 'ज़िवामी' से कथित तौर पर 15 लाख महिलाओं के निजी डेटा के लीक होने का दावा करते हुए कहा था कि वेबसाइट से केवल हिंदू महिलाओं का डेटा हैक कर मुस्लिमों से साझा किया गया. बाद में सोनी को ही डेटा हैकिंग आरोप में गिरफ़्तार किया गया. आरोप यह भी है कि उसने कंपनी को डेटा लीक करने की धमकी देकर पैसे ऐंठने का प्रयास भी
पुस्तक समीक्षा: वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण प्रताप सिंह ‘डरते हुए’ शीर्षक वाले अपने काव्यसंग्रह के माध्यम से बिल्कुल अलग अंदाज़ में सामने हैं. उनकी कविताएं उनके उस पक्ष को अधिक ज़ोरदार ढंग से उजागर करती है, जो संभवत: पत्रकारीय लेखन या ‘तटस्थ’ दिखते रहने के पेशेवर आग्रहों के चलते कभी धुंधला दिखता रहा.
तमिलनाडु के ऊटी में एक अदालत परिसर में महिला वकीलों के लिए शौचालय सुविधाओं की कमी पर प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में मद्रास हाईकोर्ट से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.