शैक्षणिक संस्थानों में कथित जातिगत भेदभाव के कारण आत्महत्या करने वाले रोहित वेमुला और पायल तड़वी की माताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी से उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए ग़ैर-भेदभावपूर्ण वातावरण प्रदान करने के लिए उठाए गए क़दमों के बारे में बताने का निर्देश दिया है.
महाराष्ट्र के कोल्हापुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की प्रोफेसर तेजस्विनी देसाई को कक्षा में चर्चा के दौरान ‘बलात्कार के आरोपी किसी भी धर्म या समुदाय के हो सकते हैं’ कहने पर संस्थान द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई के रूप में 14 दिनों की जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2018 में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एंट्री-लेवल के पदों पर भर्ती के लिए जुलाई 2021 से पीएचडी को अनिवार्य कर दिया था. विरोध के बाद इसका कार्यान्वयन जुलाई 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया था.
उत्तराखंड राज्य शिक्षा विभाग द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में प्रिंसिपल के स्वीकृत पदों में से 67 प्रतिशत से अधिक ख़ाली हैं. इस पद पर नियुक्ति केवल प्रमोशन के ज़रिये ही हो सकती है और पिछले चार सालों में ऐसा कोई प्रमोशन नहीं हुआ है.
बीते 28 जून को बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान में छात्र कार्यकर्ताओं- नताशा नरवाल और देवांगना कलीता की अगुवाई में 'यूएपीए, जेल और आपराधिक न्याय प्रणाली' पर चर्चा को अंतिम समय पर रद्द कर दिया गया.
पहला मामला उत्तर गुजरात के मेहसाणा ज़िले के एक प्री-स्कूल का है. विरोध प्रदर्शन के बाद स्कूल की निदेशक ने लिखित में माफ़ी मांगी है. वहीं कच्छ ज़िले के भुज स्थित एक स्कूल में बकरीद पर नाटक का मंचन किया गया था, जिसका भगवा संगठनों, अभिभावकों और नेताओं ने विरोध किया था. यहां के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है.
घटना कोल्हापुर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज की है, जहां कक्षा में धार्मिक भेदभाव पर हुई चर्चा के एक वायरल वीडियो में दावा किया गया था कि लेक्चरर औरंगज़ेब की तारीफ़ करते हुए 'पटेल-देशमुख' को बलात्कारी बता रही हैं. लेक्चरर ने वीडियो को एडिटेड बताया है. हालांकि, कॉलेज का कहना है कि जांच पूरी होने तक उन्हें छुट्टी पर रहना होगा.
घटना कच्छ ज़िले के मुंद्रा के एक निजी स्कूल की है, जहां ईद के मौक़े पर भाईचारे का संदेश देने के लिए विद्यार्थियों द्वारा एक नाटक किया गया था. इसमें कुछ छात्रों ने टोपी पहनी हुई थी, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद अभिभावकों और दक्षिणपंथी संगठनों ने इसका विरोध करते हुए स्कूल में हंगामा किया था.
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कॉलेजों ने अपने शताब्दी समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग में भाग लेने के लिए छात्रों के लिए निर्देशों की एक सूची जारी की है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे. कुछ छात्र संगठनों ने इन निर्देशों को निंदनीय बताया है.
रघुवीर सहाय ने बहुत पहले लिखा था इस देश में स्वाधीन दिमाग़ से लोग डरते हैं. वह अब नियम है.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने 29 जून (ईद-उल-जुहा) को कार्य दिवस के रूप में चिह्नित किया है क्योंकि डीयू के शताब्दी समारोह का समापन कार्यक्रम 30 जून को होना है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि हैं. डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने इस क़दम को ‘बेहद सांप्रदायिक’ बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.
घटना पूर्वी चंपारण ज़िले के एक निजी आवासीय स्कूल की है. आरोप है कि 15 वर्षीय छात्र को बाज़ार में स्कूल के चेयरमैन ने धूम्रपान करते हुए पकड़ लिया था, जिससे आक्रोशित होकर वह उसे घसीटकर स्कूल लाए और अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर उसे बेल्ट से पीटा था.
यूपी बोर्ड ने अपने नए पाठ्यक्रम में हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय समेत 50 महान हस्तियों की जीवनियां शामिल की है. नेहरू को बाहर करने के फैसले का बचाव करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति नहीं दी थी, इसलिए उन्हें पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया गया.
मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले में विकलांगता कोटे के तहत प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त किए गए कम से कम 77 शिक्षकों पर नौकरी के लिए फर्जी तरीके से विकलांगता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का केस दर्ज किया गया है. चयनित 750 शिक्षकों में से 450 ने मुरैना जिला अस्पताल द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया था.
इन चारों शिक्षकों पर विश्वविद्यालय की आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए ‘इसके हितों के ख़िलाफ़ छात्रों को भड़काने’ का आरोप लगाया गया है. यह कार्रवाई स्नातकोत्तर छात्रों के लिए मासिक छात्रवृत्ति में कटौती के विरोध में पिछले साल छात्रों के कई महीने चले विरोध प्रदर्शन के बाद की गई है.