गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की संलिप्तता का दावा करने वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बीते 27 जनवरी को सरकार के इस क़दम के ख़िलाफ़ दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने परिसर में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी.
सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में 2018-2023 की अवधि के दौरान आत्महत्या के कुल 61 मामले दर्ज किए गए. आत्महत्या के आधे से अधिक मामले आईआईटी में सामने आए हैं. इसके बाद एनआईटी और आईआईएम का नंबर आता है.
आईआईटी बॉम्बे के एससी/एसटी छात्र प्रकोष्ठ द्वारा किए गए एक मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में कहा गया है कि संस्थान में एससी/एसटी छात्रों को कम क्षमतावान छात्रों के रूप में देखा जाता है. सर्वे में शामिल कई छात्रों ने बताया कि यहां अंग्रेज़ी में धाराप्रवाह होने या न होने से आपकी जाति की पहचान की जाती है.
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने दिसंबर 2021 में सहायक प्रोफेसर (नर्सिंग) और व्याख्याताओं के पदों के लिए एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें केवल महिला उम्मीदवार ही भर्ती और नियुक्ति के लिए पात्र बताई गई थीं. अदालत ने इस कदम को भारतीय संविधान का उल्लंघन करार दिया.
अहमदाबाद के रहने दर्शन सोलंकी की बीते 12 फरवरी को आईआईटी बॉम्बे परिसर के एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंज़िल से कथित तौर पर छलांग लगाने से मौत हो गई थी. उनके परिवार ने कैंपस में जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया था. वहीं आईआईटी-बॉम्बे द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में इससे इनकार किया है.
यूजीसी के तहत आने वाले नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष भूषण पटवर्धन ने बीते रविवार को इस्तीफ़ा दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ विश्वविद्यालय अनुचित साधनों के माध्यम से ‘संदिग्ध ग्रेड’ प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की भी मांग की थी.
जेएनयू के नए नियमों के तहत कहा गया था कि छात्रों पर धरना देने को लेकर 20,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और उनका प्रवेश रद्द किया जा सकता है या यदि वे घेराव करते हैं तो 30,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या वे हिंसा के आरोपी ठहराए जा सकते हैं.
छात्रा तेलंगाना के वारंगल स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थीं. उनकी पहचान 26 वर्षीय डॉ. धारावत प्रीति के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि आत्महत्या से पहले उन्होंने खुद को एक इंजेक्शन लगाया था, जिसके बाद उनका इलाज हैदराबाद के निज़ाम इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ में चल रहा था.
बीते दिनों आईआईटी बॉम्बे में एक दलित छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना का ज़िक्र करते हुए देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारे संस्थानों को छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण को भी आकार देना चाहिए.
फरवरी 2022 में कर्नाटक सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बाधित करने वाले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. फैसले को बरक़रार रखते हुए मार्च 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.
शिक्षा मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से अनुरोध किया है कि वे 'समग्र शिक्षा' के तहत प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालयों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित 'एग्ज़ाम वॉरियर्स' किताब उपलब्ध कराएं ताकि अधिकतम संख्या में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को प्रधानमंत्री के ज्ञान और दृष्टि से शिक्षा मिल सके.
मामला इंदौर के एक फार्मेसी कॉलेज का है, जहां एक पूर्व छात्र ने मार्कशीट देने में देरी को लेकर कथित तौर प्रिंसिपल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. इसी छात्र को इसी मसले को लेकर कुछ महीने पहले कॉलेज के एक प्रोफेसर पर चाकू से हमले के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बाद वो ज़मानत पर कुछ हफ्ते पहले ही जेल से बाहर आया था.
राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि परीक्षा ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले और राज्य बोर्ड के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है क्योंकि नीट परीक्षा सीबीएसई/एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित है, जो तमिलनाडु बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम से काफ़ी अलग है.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित जैन विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्टडीज़ में हुए इस नाटक के बाद कई राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों ने विरोध किया. उनका मानना था कि यह जातिवादी था और कथित रूप से इसमें बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया गया था. इन लोगों ने कक्षाओं में संवेदनशीलता बढ़ाने की मांग की.
घटना पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के एक स्कूल में हुई. ज़िला प्रशासन ने परिजनों के आरोप की जांच के आदेश दिए हैं. छात्रों के माता-पिता का आरोप था कि मिड-डे मील के तहत चिकन परोसे जाने वाले दिन शिक्षक लेग-पीस और अन्य बेहतर हिस्से ख़ुद रख लेते थे और बचे-खुचे हिस्सों को बच्चों को परोसा जाता था.