मणिपुर भूस्खलन: मरने वालों की संख्या 24 हुई, बचाव अभियान जारी

मणिपुर के नोनी ज़िले में 29 जून की रात भूस्खलन हुआ था. इस हादसे के बाद 38 लोग अब भी लापता हैं. मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है. इधर, पड़ोसी राज्य असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. राज्य में 29 लाख लोग प्रभावित हैं. इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 159 हो गई है.

पीपीई किट: असम के मुख्यमंत्री ने दिल्ली के डिप्टी सीएम के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा किया

बीते जून महीने में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी रिनिकी भुइयां शर्मा ने भी दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ख़िलाफ़ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था. सिसोदिया ने साल 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में पीपीई ख़रीद के लिए हिमंता की पत्नी की कंपनी को बाज़ार मूल्य से अधिक दामों पर ठेका देने का आरोप लगाया था. हिमंता उस वक़्त राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे.

असम: बाढ़ की स्थिति गंभीर, 12 लोगों की मौत और 31.5 लाख लोग प्रभावित

असम में बाढ़ और भूस्खलन के चलते 151 लोग जान गंवा चुके हैं. कछार ज़िले का सिलचर दस दिन से जलमग्न हैं और वहां के निवासी भोजन, पेयजल व दवाइयों की कमी का सामना कर रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश में भी भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बन गई है. राज्य में बाढ़ और भूस्खलन में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है.

‘हमारे प्रधानमंत्री को असम के बारे में ट्वीट करने के लिए पांच दिन लगे’

वीडियो: असम बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित है. तिब्बत से होते हुए असम पहुंचने वाली ब्रह्मपुत्र नदी में हर साल आने वाली बाढ़ राज्य की बड़ी जनसंख्या को प्रभावित करती है. इस साल बाढ़ के चलते अब तक 139 लोगों की मौत हो चुकी है. क्या वजह है कि असमवासियों को हर साल इस तबाही का सामना करना पड़ता है. द वायर की रिपोर्ट.

असम: बाढ़ की बिगड़ती स्थिति के बीच पांच और लोगों की मौत, क़रीब 25 लाख लोग प्रभावित

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बीते 24 घंटे में राज्य के 28 ज़िलों में 24.92 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य में इस साल बाढ़ से जुड़े हादसों में अब तक 139 लोगों की जान गई है. हफ्ते भर से अधिक समय से जलमग्न सिलचर शहर में अपने परिजन को खोने वाले परिवार पानी भरे होने के कारण शवों को श्मशान नहीं ले जा पा रहे हैं, वहीं ज़िला प्रशासन भी उन तक नहीं पहुंच पा

असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार, पांच लोगों की मौत, 22 लाख लोग प्रभावित

असम के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के चार बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 126 हो गई है. अधिकारियों के अनुसार, राज्य के 23 ज़िलों में 680 राहत शिविर और वितरण केंद्र चल रहे हैं, जहां 2,17,413 लोगों ने शरण ले रखी है.

असम बाढ़: 12 और लोगों की मौत, 55 लाख लोग प्रभावित; ब्रह्मपुत्र, बराक नदियों का जलस्तर बढ़ना जारी

असम में बाढ़ और भूस्खलन से अभी तक 101 लोगों की मौत हो गई है. इस साल बाढ़ की मौजूदा लहर में 99,026 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के फसल को नुकसान पहुंचा है. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के पानी से कुल 233 शिविरों में से कम से कम 26 जलमग्न हो गए हैं और 11 जानवरों की डूबने से मौत हो गई है.

पीपीई किट घोटाला: असम सीएम की पत्नी ने सिसोदिया पर 100 करोड़ की मानहानि का मुक़दमा किया

बीते चार जून को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि कोविड महामारी के दौरान साल 2020 में एक ओर असम सरकार ने अन्य कंपनियों से जहां 600 रुपये में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट खरीदी थीं, तो दूसरी ओर उन्होंने अपनी पत्नी व बेटे के व्यापारिक भागीदारों की कंपनियों को 990 रुपये के हिसाब से तत्काल पीपीई किट की आपूर्ति के ऑर्डर दिए थे.

असम जातीय परिषद ने चेताया, उग्रवादी समूह में शामिल हो सकते हैं पूर्वोत्तर के रिटायर्ड अग्निवीर

असम जातीय परिषद ने कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद की समस्या ख़तरनाक रूप में है. इस साल ही ढाई सौ से अधिक युवा प्रतिबंधित विद्रोही समूह उल्फा में शामिल हुए हैं. ऐसे में डर है कि चार साल की सेवा के अंत में रोजगार नहीं मिला तो कुछ अग्निवीर उग्रवादी संगठनों में शामिल हो जाएंगे.

13 महीनों में असम पुलिस की कार्रवाई में 51 लोगों की मौत, 139 घायल: राज्य सरकार

असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को बताया कि मई 2021 में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के कार्यभार संभालने के बाद 13 महीनों में पूरे राज्य में पुलिस कार्रवाई या मुठभेड़ की कुल 161 घटनाएं हुईं, जिनमें 51 आरोपियों की मौत हो गई और 139 अन्य घायल हो गए. हाईकोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें अदालत की निगरानी में किसी स्वतंत्र एजेंसी से मुठभेड़ों की जांच कराने का अनुरोध किया गया है.

असम में 11 और लोगों की मौत, बाढ़ से अब तक 47 लाख लोग प्रभावित

असम पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है, जिससे इसके 36 में से 32 ज़िलों में 47,72,140 लोग उससे प्रभावित हुए हैं. राज्य में वर्षाजनित हादसों में अब तक 82 लोगों की मौत हुई है. क़रीब 1.90 लाख लोगों ने 744 राहत शिविरों में शरण ली है. शिविरों में नहीं जाने वाले प्रभावित लोगों को 403 अस्थायी केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गई है.

असम में बाढ़ से 42 लाख से अधिक लोग प्रभावित, अब 71 लोगों की मौत

असम के नगांव ज़िले में बाढ़ में फंसे लोगों की मदद करने के लिए गए कामपुर पुलिस थाने के प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मी पानी के तेज़ बहाव में बह गए. उनके शव सोमवार को बरामद किए गए. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित ज़िला है, जहां 12.76 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, इसके बाद दरांग में लगभग 3.94 लाख लोग और नगांव में 3.64 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

उत्तर-पूर्व के राज्यों में बारिश और बाढ़ के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त

भारत मौसम विभाग के अनुसार, असम और मेघालय में 15 जून को सामान्य से 272 मिमी अधिक बारिश हुई, जिससे व्यापक बाढ़ और भूस्खलन हुआ. असम के 28 जिलों में इस साल 18.95 लाख से अधिक लोग बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में राज्य में अब तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है.

असम: मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के ख़िलाफ़ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला खारिज़

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी और एक ‘न्यूज़ लाइव’ समाचार चैनल द्वारा मई 2019 में हिमंता बिस्वा शर्मा के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज किया गया था. शर्मा उस समय असम में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे. उन पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था. उनकी पत्नी ‘न्यूज़ लाइव’ की अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हैं.

नगालैंड फायरिंग: पुलिस ने 30 सैन्यकर्मियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की

दिसंबर 2021 में मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी. नगालैंड पुलिस ने मेजर रैंक के एक अधिकारी समेत 21 पैरा स्पेशल फोर्स के 30 जवानों के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर करते हुए कहा कि उन्होंने मानक संचालन प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया था, न ही फायरिंग से पहले नागरिकों की पहचान सुनिश्चित की गई थी.

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