105 देशों के 300 से अधिक संगठनों ने इंटरनेट शटडाउन को समाप्त करने की वकालत करने वाले #KeepItOn गठबंधन के बैनर तले केंद्रीय संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे खुले पत्र में बताया है कि भारत ने 2022 में 84 बार ‘इंटरनेट शटडाउन’ किया. विश्व में लगातार पांचवें वर्ष भारत में यह संख्या सबसे अधिक रही.
एनसीईआरटी द्वारा स्कूली पाठ्यपुस्तकों से मुग़ल इतिहास, महात्मा गांधी से संबंधित सामग्री समेत कई अन्य अंश हटाए जाने के विरोध में जारी बयान में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों ने कहा है कि चुनिंदा तरह से सामग्री हटाना शैक्षणिक सरोकारों पर विभाजनकारी राजनीति को तरजीह दिए जाने को दिखाता है.
उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले का मामला. रामनवमी पर गोकशी की वारदात हुई थी और गोमांस बरामद हुआ था. इस संबंध में अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने कुछ मुस्लिम युवकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई थी. हालांकि कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि आरोपी घटनास्थल पर एक महीने से अधिक समय से गए ही नहीं थे.
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर ज़िले के नेपानगर थाने का मामला. भीड़ ने शुक्रवार तड़के थाने पर उस समय हमला किया, जब सिर्फ़ चार पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे. डकैत की पहचान हेमा मेघवाल के रूप में हुई, जिसे पुलिस ने एक दिन पहले ही गिरफ़्तार किया था.
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश जीआर स्वामीनाथन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि अगर देश की जनसांख्यिकीय प्रोफाइल बदलती है, तो संविधान नष्ट हो जाएगा. जनसांख्यिकीय प्रोफाइल को बनाए रखने के लिए भारतीय परंपराओं और धर्मों का पालन करना होगा. राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इस टिप्पणी की आलोचना की है.
पुस्तक समीक्षा: 'सुंदर के स्वप्न' संत सुंदरदास के जीवन और रचनाओं के ज़रिये भारत की आरंभिक आधुनिकता, उसकी बहु-धार्मिकता और बहु-भाषिकता, हिंदी साहित्य के इतिहास और उसके काल-विभाजन तथा रीतिकाल को लेकर किए गए दुष्प्रचार पर सोचने पर विवश करती है.
अग्निवीर योजना के भारी विरोध के चलते बीते वर्ष सरकार ने विभिन्न नौकरियों में सेना से निकाले गए अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी. अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए संशोधित नियम कहा गया है कि भर्ती होने से पहले अग्निवीरों को एक लिखित परीक्षा पास करनी होगी.
बीते माह केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने टिप्पणी की थी कि कुछ रिटायर जज 'भारत-विरोधी गैंग' का हिस्सा हैं, इस संबंध में राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में रिजिजू ने कहा कि न्याय विभाग केवल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मौजूदा जजों की नियुक्ति और सेवा शर्तों को देखता है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के कथित उल्लंघन के मामले में ऑक्सफैम इंडिया के कामकाज की सीबीआई से जांच की सिफ़ारिश की है. दावा किया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सीपीआर को धन भेजा.
उदयपुर के ज़िलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि धार्मिक उद्देश्य के बहाने ज़िले में क़ानून-व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. आदेशानुसार, अगले दो महीनों के लिए बिना अनुमति सार्वजनिक संपत्तियों पर धार्मिक चिह्न वाले झंडे लगाने पर रोक लगाते हुए उल्लंघन करने पर कार्रवाई की बात कही गई है.
एनसीईआरटी ने महात्मा गांधी, उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे और आरएसएस पर 1948 में लगे प्रतिबंध से संबंधित सामग्री को कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान और इतिहास की किताबों से हटा दिया है. इस पर महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने कहा कि किताबों से ऐसी सामग्री हटाए जाने से ‘संघ परिवार के ग़लत सूचना के अभियान’ को अधिक स्वीकृति मिलेगी.
भारत की पहली भ्रष्टाचार-रोधी संस्था लोकपाल को चार साल पहले प्रधानमंत्री समेत सरकारी पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ शिकायतों की जांच के लिए स्थापित किया गया था. इसने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग पर गठित संसदीय समिति को बताया है कि इसके द्वारा आज तक एक भी व्यक्ति पर भ्रष्टाचार के लिए मुक़दमा नहीं चलाया गया है.
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2019 के बाद से न तो किसी बाहरी व्यक्ति ने लद्दाख में कोई ज़मीन खरीदी है और न ही किसी बाहरी कंपनी ने इस केंद्रशासित प्रदेश में निवेश किया है. केंद्र ने जोड़ा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पिछले तीन वर्षों में 185 बाहरी लोगों ने ज़मीन खरीदी है.
बीते दिनों रामनगर ज़िले में ‘गोरक्षकों’ के एक समूह ने ट्रक में मवेशी ले जा रहे तीन लोगों पर कथित हमला किया था, जिनमें एक की मौत हो गई थी. मामले में एक आरोपी पुनीत केरेहल्ली हैं जो राज्य में मुस्लिम विक्रेताओं को मंदिरों के बाहर व्यापार से रोकने का अभियान चलाने वाले एक हिंदुत्ववादी संगठन के अध्यक्ष हैं.
कई ट्रेड यूनियनों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में विभिन्न राज्यों से आए श्रमिकों और किसानों के साथ एक रैली का आयोजन किया. आयोजकों ने कहा कि किसान-मज़दूर अपनी आजीविका के साधनों पर हो रहे हमले को समाप्त करने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सम्मानजनक जीवन की अनुमति देने वाली नीतियों के लिए आवाज़ उठाने आए हैं.